Categorized | गोरखपुर

किसानों के मासूमों को बचाने के लिए ‘खून से खत’ का महाभियान

Posted on 15 September 2011 by admin

khoon-se-khat-mahabhiyan-gorakhpurतैंतीस वर्षाें से प्रति वर्ष मासूमों का एन्सेफ्लाइटिस के हाथों खून होता आ रहा है। केन्द्र सरकार की मेहरबानी से जापानी एन्सेफ्लाइटिस का टीका लगने से जे0ई0 तो 4 से 6 प्रतिशत ही रह गयी है, किन्तु जलजनित एन्सेफ्लाइटिस का प्रकोप बरकार हैं। मौंतों के आँकड़ो में कोई उल्लेखनीय कमी नहंी हुई। इस वर्ष भी आज तक मात्र बीआरडी मेडिकल कालेज में ही अब तक 1497 एन्सेफ्लाइटिस के मरीज आ चुके है, 231 अभी भी भर्ती हैं, और 247 की मौत हो चुकी है। सवालिया निशान है निजाम पर।
होलिया को ‘नीप ग्राम’ बना कर एन्सेफ्लाइटिस उन्मूलन अभियान (म्ण्म्ण्डण्) ने जो प्रयास किया उसके फलस्वरूप वर्ष के शुरूआती महीनों में ही केन्द्र व प्रदेश सरकार की 3 हाईपावर मीटिंग हो गयीं। स्थानीय स्तर पर मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी ने तैंतीस वर्षाें के इतिहास में पहली बार जागरूकता व उत्साह दिखाया। किन्तु होलिया के नतीजों से आहलादित एन्सेफ्लाइटिस उन्मूलन अभियान की चुप्पी उस पर भारी पड़ गयी। मौतों के वर्तमान आॅकड़ों ने सारी कलई खोल दी। उम्मीद थी कि होलिया के नतीजों से सरकार नीप ग्राम के सभी सूत्रों को लागू कर इस वर्ष जरूर सार्थक प्रयास करेगी। होलिया में तो मौत नहीं हुई किन्तु बाकी पूर्वांचल में मौत का तांडव पिछले वर्षाें की तरह ही जारी रहा।
इन सब तथ्यों को देखते हुए आज एन्सेफ्लाइटिस उन्मूलन अभियान ने यह निर्णय लिया है कि पूर्वांचल के किसानो ंके मासूमों को एन्सेफ्लाइटिस के क्रूर पंजांे से बचाने के लिए एक ‘‘खून से खत का महाभियान’’ चलाया जायें। पूर्वांचल के सातों जिलों में एक ही दिन, एक ही समय पर, एक साथ हो अभियान के सदस्यों, किसानों, प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा स्वरक्त से लोकतंत्र के सबसे प्रभावी हाथियार ‘रक्त पत्र’ का ब्रम्हास्त्र के रूप मंे प्रयोग किया जायेगा। मेरा मानना है कि तैंतीस वर्षाें में प्रतिवर्ष किसानों की मौत के बाद पूर्वांचल की जनता द्वारा एन्सेफ्लाइटिस के विरूद्ध संघर्ष में खून से खत लोकतंत्र का सबसे प्रभावी हथियार तो है ही और आए दिन मासूमों के हो रहे खून को रोकने के लिए एक कवच भी। कवच यँू कि यदि सरकार में जरा भी संवेदना है तो उसे सेाचना होगा कि पूर्वांचल के सभी जिलों के लोग आखिर स्याह रोशनाई के बजाय खून से खत क्यों लिख रहे हैं ? पूर्वांचल खून की एक-एक बूंद का हिसाब माँगेगा, सरकारों से और उन्हें देना भी पड़ेगा।
किसको लिखे जायेंगे ‘खून से खत’
ये खत प्रधानमंत्री, स्वास्थ्यमंत्री, योजना आयोग, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी व स्थानीय ‘‘‘पूर्वांचल’’ के संवेदनशील सांसदों को लिखे जायेंगे।
khoon-se-khat-mahabhiyan-gorakhpur-001

क्या-कया लिखा जायेगा ‘खून से खत’ में
(अ) राष्ट्रीय कार्यक्रम - ‘नेशनल एन्सेफ्लाइटिस इरैडिकेशन प्रोग्राम’ - संशेधित नीप की माँग।
(ब) राष्ट्रीय आपदा घोषित किये जाने की माँग।
(स) बारहवीं राष्ट्रीय पंचवर्षीय योजना में एन्सेफ्लाइटिस को शामिल किये जाने की माँग।
(द) 2010 मंे माॅस स्केल पर लगे जापानी एन्सेफ्लाइटिस के टीके को ठीक एक साल बाद 2011 में लगवाये जाने की आवाज।
(य) शुद्ध पेयजल और स्वच्छ शौचालयों के सम्बन्ध में ग्रामीण क्षेत्रों में हर दस घर के पीछे एक शौचालय और एक इण्डिया मार्क - 2 हैण्डपम्प प्रदान कराने (शुरूआती दौर में) और बाद में हर घर के पीछे एक शौचालय व एक इण्डिया मार्क 2 हैण्डपम्प प्रदान कराने की माँग। इसी लिए पंचवर्षीय योजना मंे शामिल करने की माँग हैं।
(र) मृतकों व विकलांगो को मुआवजा व पुनर्वास दिये जाने की माँग (कम से कम एक लाख)
ये खून से खत नहीं पूर्वांचल की जनता का आक्रोश है सरकार अगर समझ सके तो जनता एक दिन मासूमों के खून तथा अपने द्वारा बहाए जा रहे खून और पसीने की एक-एक बूँद का हिसाब माँगेगी ब्याज के साथ। सरकार के लिए चेतावनी है कि लोकतंत्र में खून से खत से बड़ा कोई अस्त्र नहीं हो सकता। एन्सेफ्लाइटिस उन्मूलन के लिए खून से खत कोई जूनून नहंी है वरन् पीड़ा है, हिन्दुस्तान के इस कोने की। लगता है कि दो तरह का भारत बसता है, हिन्दुस्तान में, एक ‘‘स्वाइन फ्लू’’ वाला ‘‘इंडिया और दूसरा दिमागी बुखार वाला भारत जहाँ 32 सालों से मासूम एक बिमारी से मारे जा रहे हैं लगातार। गौरतलब है कि वैश्विक बीमारी स्वाइन फ्लू 1 साल के लिए आयी। उसके आने के पहले ही टीके आ गए, दवाएँ आ गयी, दुनियाभर के कारगर उपाय हो गए, पूरे देश में वहीं 32 सालों से अंगद की तरह पाँव जमाए हुए एन्सेफ्लाइटिस प्रभावित पूर्वांचल ही नहंी देश के 21 प्रदेशों के तमाम क्षेत्र किसान प्रधान क्षेत्र हैं जहाँ एन्सेफ्लाइटिस आज भी बरकरार है और कोई राष्ट्रीय उन्मूलन योजना नहीं है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in