जनपदीय पत्रकार एसोसिएशन के तत्वाधान में शाहाबाद हरदोई के ब्लाॅक सभागार के पत्रकार सम्मेलन में अधिकांश वक्ताओं ने इस दुर्दशा के लिए उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों को ही कसूरवार माना है। जिस प्रकार इस विश्वनीयता हिंदी पत्रकारिता करने वाले लोग हिंदी बनाए रखते है यह पत्रकार राजनेताओं के कृपापात्र नहीं है। जब तक उनका जनता का विश्वास प्राप्त है। पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए विधायक आसिफ खाॅ बब्बू ने कहा कि पश्चिमी सभ्यता के दौर में हम हिंदी का भूलते जा रहे है। विदेश ही नहीं भारत में कुछ स्थानों पर हम हिंदी भाषी का दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया है। लोक सभा राज्य सभा में भी अगं्रेजी का ही बोलबाला है। हिंदी पर शांति छा जाती है जिलाधिकारी एके सिंह राठौर ने कहा कि पूर्व में दक्षिण के राज्यों से हिंदी की स्वीकार्यता थी। परंतु समय परिवर्तन के बाद अंग्रेजी का बोलबाला हो गया। जिससे उत्तरी और दक्षिणी भाग में निवासियोें ने हिंदी और ऊर्दू दोनों का अहित किया है। हमें अपने बच्चों मंे अच्छे संस्कार देने होगे। हम जब गुस्सें में बोलते है तो अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते है तो हमारे बच्चें हमसे क्या सीखेगें। हिंदी का योगदान सबसे ज्यादा हमें सिनेजगत दे रहा है। समाज सेवी अरूणेश बाजपेई ने कहा कि पत्रकारिता करने वाले हिंदी भाषी लोग इसे विश्वनीय बनाएं। अभयशंकर गौढ़, शीतला बक्श ंिसह, अतुल कपूर ने भी विचार प्रकट किए। इस अवसर पर कवि करूणेश दीक्षित, सुखदेव सरल, ओम देव दीक्षित, रामदेव बाजपेई, शायर अजमल ने रचनाए पढ़ी। लवलीन और मालदी देवी ने भजन गाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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