भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं व लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगाया और कहा कि अपनी अलोकप्रियता के डरी सरकार नगर निकाय चुनाव नहीं करवाना चाहती। सरकार भयभीत है कि नगर निकाय चुनावों में बसपा का खाता भी नहीं खुलेगा। प्रदेश प्रवक्ता विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने आज कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार को चुनाव कार्यक्रम भेज दिया था लेकिन सरकार ने आयोग के उक्त पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की। संविधान के अनुच्छेद 243 में नगर निकायों का सुनिश्चित कार्यकाल 5 वर्ष है। संविधान में इस कार्यकाल की समाप्ति के पूर्व ही 6 माह पहले किसी समरू चुनाव सम्पन्न कराने के निर्देश हैं लेकिन सरकार संविधान का सम्मान नहीं करती।
श्री दीक्षित ने कहा कि बसपा सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में नगर निकायों की स्वायत्तता पर लगातार हमला किया है। मेयरो/नगर पालिका अध्यक्षों के अधिकार छीने हैं। उपमेयर, उपाध्यक्षों के पद समाप्त किये गये हैं। सरकार ने सभी स्थानीय निकायों की प्रतिष्ठा गिराई है। उसने विधि निर्वाचित संस्थाओं के खात्मे का अभियान चलाया है। बसपा ने सीधे आम जनता से चुनाव न करवाने का सरकारी प्रस्ताव बनाया। दलविहीन चुनावों का भी घटिया प्रस्ताव आगे बढ़ाया। लेकिन सरकार स्थानीय निकायों पर जोर जबर्दस्ती से कब्जा करने की अपनी रणनीति में विफल रही। खार खाई डरी सरकार अब इनके चुनाव न करवाकर इन पर प्रशासक बैठाने की तैयारी कर रही है। भाजपा और राज्य की जनता फौरन चुनाव चाहती है। भाजपा प्रशासक नहीं बर्दास्त करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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