वाल्मीकी रंगशाला, संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ में मानवाधिकार हनन और लोकतंत्र का भविष्य विषयक संगोष्ठी को पीयूसीएल की राष्ट्रीय सचिव कविता श्रीवास्तव ने संबोधित करते हुए कहा कि आज डा0 विनायक सेन और प्रशात राही को जिस तरह से जमानत मिली है ऐसे में जरुरत है कि यूपी पीयूसीएल के प्रदेश संगठन सचिव सीमा आजाद जिन्हें माओवाद के नाम पर लंबे समय से जेल में बंद किया गया है उनके रिहाई के लिए पूरी ताकत से जनअभियान चलाया जाय। क्योंकि यह लोकतंत्र का सवाल है और इसके उलट राज्य का रुख काफी क्रूर है और बिना अपराध किसी को भी उठाया जा सकता है। अभी हाल में दिल्ली में हुए धमाकों की हम कड़ी निंदा करते हैं पर साथ ही साथ बार एसोशिएशन ने मुकदमा न लड़ने का जो संदेश दिया है वो पूरी न्याय की प्रक्रिया को बाधित करने वाला कदम है।
अभी पिछले दिनों उत्तराखंड की जेल में 3 साल आठ महीने राज्य दमन के शिकार पत्रकार और जनसंगठनों के साथ आंदोलनों में शरीक रहने वाले प्रशान्त राही ने कहा कि मेरी गिरफ्तारी लोकतांत्रिक माहौल न बनने देने की कोशिश का नतीजा है। मुझे शुरूवाती दिनों में अवैध हिरासत में रखा गया था। पुलिस के साथ-साथ मीडिया ने भी मुझे काफी दरकिनार किया। मेरी बेटी शिखा राही ने अकेले ही प्रेस वार्ता और मेरी लड़ाई लड़ी है। टीहरी बांध के खिलाफ जन आन्दोलनों ने मुझे स्टेट्समैन की नौकरी छोड़ने को उद्वेलित किया। मानवाधिकार नेताओं और पत्रकारिता से जुड़े लोगों को जिस तरह से जेलों में रखा गया है और
पी0यू0सी0एल0 के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा0 बिनायक सेन जी ने कहा की
ऐसे कानूनों की वजह से जो हजार-हजार लोग बंद हैं, राज्य तथा कानूून व्यवस्था द्वारा जो आवाजों को दबाया जा रहा है उसका एक ही प्रतिकार हो सकता है जनता द्वारा एक साथ मिलकर आवाज उठाना। सीमा जेल में बंद हैं जिस संगठन से मै हुॅ, जो आजादी के बाद जय प्रकाश नारायण द्वारा बनाया गया उसके चार उपाध्यक्षों में से मै एक हूॅ। सीमा उसमें सचिव हैं। हम चाहतें है कि सीमा की आजादी के लिए आप सभी आवाज उठाएं। मेरा यहाॅ आने का उद्देश्य सीमा की आजादी और भारतीय दण्ड विधान की धारा 124 अ को हटाने हेतू चलाये गये हस्ताक्षर अभियान में आप सभी का समर्थन प्राप्त करना है। हस्ताक्षर अभियान को इन्टरनेट की वेबसाइट www.petitiononline.com/pucl पर जाकर भी समर्थन दिया जा सकता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील तथा सीमा आजाद के केस की पैरवी कर रहे रवि किरन जैन ने अपने अध्यक्षीय भाषण मे कहा कि इन्दिरा गाॅधी के समय से ही कानूनो मे हो रहे परीवर्तन द्वारा मानवाधिकारों का किसी न किसी रूप में हनन हो रहा है।
कार्यक्रम के विषय की भुमिका बताते हुए सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एस0आर0 दारापुरी ने कार्यक्रम की शुरूवात की। कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन समाजसेवी तथा मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पाण्डेय ने किया। गोष्ठी का आयोजन जन आन्दोलन का राष्ट्रीय समन्वयन द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों समेत छात्रों व युवाओं ने बड़ी संख्या में शिरकत की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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