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उ0प्र0 में साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने हेतु राज्य सरकार कृत संकल्प-माननीया मुख्यमंत्री जी

Posted on 10 September 2011 by admin

  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र सरकार से प्रस्तावित साम्प्रदायिक हिंसा विधेयक के मसौदे को राज्य सरकारों से पर्याप्त विचार-विमर्श के बाद ही अन्तिम रूप देने की मांग की
  • अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु राज्य सरकार ने प्रभावी कदम उठाये
  • केन्द्र सरकार को पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत 820 करोड़ रू0 की धनराशि शीघ्र जारी करनी चाहिए
  • प्रदेश सरकार साम्प्रदायिक सद्भाव एवं राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करने तथा सामाजिक समरसता स्थापित करने हेतु सतत् प्रयत्नशील
  • राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में माननीया मुख्यमंत्री जी का वक्तव्य

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने राष्ट्रीय एकता से जुड़े तमाम मुद्दों से निपटने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति को दोहराते हुए कहा है कि देश की एकता से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से हर सम्भव प्रयास कर रही है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार सभी राज्यों तथा केन्द्र सरकार को अपना सहयोग प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस दिशा में केन्द्र सरकार से पूरे सहयोग की अपेक्षा करती है।
आज नई दिल्ली में माननीय प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में माननीया मुख्यमंत्री जी का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री श्री लालजी वर्मा ने उनका वक्तव्य पढ़ा।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने एवं उसे बढ़ाने तथा साम्प्रदायिक शक्तियों को समाप्त करने, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों व अनुसूचित जनजातियों के साथ होने वाले भेदभाव को कड़ाई के साथ समाप्त करने की दिशा में सकारात्मक एवं गंभीर प्रयास किये गए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी प्रदेश में साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने हेतु राज्य सरकार कृत संकल्प है।
केन्द्र के प्रस्तावित साम्प्रदायिक हिंसा बिल के मसौदे पर राज्य सरकार का अभिमत का जिक्र करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रस्तावित साम्प्रदायिक हिंसा बिल का मसौदा केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार को अभी तक भेजा नहीं गया है। इसलिए बिल के मसौदे पर राज्य सरकार द्वारा अभी अभिमत दिये जाने का अवसर नहीं है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों व इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा प्रसारित खबरों से प्रस्तावित बिल के संबंध में जन साधारण में भ्रान्तियां उत्पन्न हो रही हैं। इसलिए उपयुक्त होगा कि केन्द्र सरकार प्रस्तावित बिल का मसौदा राज्य सरकारों को भेज कर उनसे पर्याप्त विचार-विमर्श के उपरान्त ही बिल को अन्तिम रूप दिया जाना चाहिए।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार साम्प्रदायिक सद्भाव एवं राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने तथा विभिन्न धर्म, सम्प्रदायों एवं समाज के अन्य वर्गाें के बीच सामाजिक समरसता स्थापित करने हेतु सतत् प्रयत्नशील है। प्रदेश सरकार ‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ के रास्ते पर चलते हुए समतामूलक समाज व्यवस्था की स्थापना के लक्ष्य को प्राप्त करने की और अग्रसर है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त  एवं विकासयुक्त वातावरण निर्मित किया गया है और कानून द्वारा कानून का राज स्थापित किया गया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप न केवल प्रदेश को राजनैतिक अस्थिरता से बचाया गया, वरन् शान्ति एवं व्यवस्था को दृढ़ता से स्थापित करते हुए राज्य को विकासोन्मुखी बनाया गया है और असामाजिक तत्वों पर कठोरता से अंकुश लगाया गया है। राज्य में अमन चैन स्थापित करते हुए समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना को मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी पुलिसिंग के माध्यम से जनता से सीधे संवाद तथा आपसी सहयोग से साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में परस्पर समन्वय कराया जाता है तथा प्रभावशाली मददगार व्यक्तियों के माध्यम से साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ाने का प्रयास भी किया जाता है। पुलिस बल द्वारा साम्प्रदायिक सद्भाव बढ़ाने हेतु विशेष कार्यक्रमों जैसे कार्यशाला, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा अन्र्तसम्प्रदाय बैठकें इत्यादि का आयोजन भी किया जा रहा है। अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में संवेदनशील स्थलों पर विशेष पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति भी की गई है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद वाद में आये निर्णय की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किये तथा बड़े स्तर पर पुलिस व्यवस्थाएं दुरुस्त करके कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न नहीं होने दी गई। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से केन्द्रीय बलों की 642 कम्पनियों की मांग की थी, जिसके सापेक्ष मात्र 52 कम्पनियां प्रदान की गयी। फिर भी प्रदेश सरकार द्वारा की गयी मुस्तैदी के चलते साम्प्रदायिक सद्भाव बना रहा और इसी चैकसी के चलते पूरे देश में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक वर्गों की सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि के परिप्रेक्ष्य में उनकी विशिष्ट समस्याओं का निराकरण करने एवं उनका शैक्षिक, सामाजिक एवं आर्थिक विकास करके उन्हें राष्ट्र एवं समाज की मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा तथा उनके परम्परागत शैक्षिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक संस्थाओं को राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर उन्हें सुदृढ़ किये जाने हेतु प्रभावी कदम उठाये गए हैं।
इस सम्बन्ध में राज्य सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अल्पसंख्यकों में शिक्षा के प्रति विशेष रूचि पैदा करने, स्कूलों में अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं को नामांकन के प्रति जागरुक करने तथा उनमें ड्राप आउट की प्रवृत्ति को रोकने के उद्देश्य से अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति, निर्धन एवं गरीब अभिभावकों की पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान आदि की योजनाएं भी राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। मदरसों/मकतबों का आधुनिकीकरण करके धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक विषयों की शिक्षा भी प्रदान की जा रही है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग संशोधन अधिनियम 2007 बनाया गया, जिसके अनुसार आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष तथा 17 सदस्यों की व्यवस्था है। इस व्यवस्था के अनुसार वर्तमान में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष तथा 13 सदस्यों की नियुक्ति की गयी है। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक वित्तीय एवं विकास निगम लि0 द्वारा बेरोजगार अल्पसंख्यक युवक/युवतियों को स्वावलम्बी बनाने तथा रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में लघु उद्योग एवं व्यवसाय स्थापित किये जाने हेतु मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी समग्र विकास योजना संचालित की जा रही है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों/परिवारों को मुख्य धारा से जोड़ने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। प्रदेश में नक्सल प्रभावित सोनभद्र, मिर्जापुर एवं चन्दौली जनपदों में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 को क्रियान्वित करके वन भूमि पर काबिज अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परम्परागत वन निवासियों से दावे प्राप्त करके पात्र व्यक्तियों/परिवारों (समुदाय) को टाइटिल स्वीकृत कर अधिभोग हेतु वन भूमि पर काबिज हेतु प्रमाण पत्र निर्गत किये जा रहे हैं।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 का क्रियान्वयन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति के नागरिकों के विरुद्ध उत्पीड़न के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही की जाती है। उल्लेखनीय है कि राज्य एवं जिला स्तर पर सतर्कता एवं मानीटरिंग कमेटियों का गठन किया गया है। जनपदों में न्यूनतम 23 प्रतिशत थानों पर अनुसूचित जाति/जनजाति के थानाध्यक्षों की नियुक्ति सुनिश्चित की गई है। गरीब व्यक्तियों के उत्पीड़न पर प्रभावी कार्यवाही के उद्देश्य से हर माह के प्रथम व तृतीय शनिवार को ‘‘थाना दिवस’’ के आयोजन की व्यवस्था लागू की गयी है।
प्रदेश में लागू आन्तरिक सुरक्षा योजना का उल्लेख करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके अन्तर्गत विभिन्न विभागों की भूमिका विस्तृत रूप से परिभाषित है। जन आन्दोलनों हेतु प्रदेश में विशेष कार्य-योजना भी बनायी गई है। यह कार्य योजना श्री राम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद प्रकरण के निर्णय दिनांक- 30 सितम्बर 2010 की संवेदनशीलता की पृष्ठभूमि में नियोजित की गई, जिसमें भारत सरकार से अपेक्षित केन्द्रीय बल प्राप्त न होने पर भी राज्य सरकार द्वारा उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गयी, जिससे प्रदेश के साथ-साथ सम्पूर्ण देश में साम्प्रदायिक सद्भाव का वातावरण बना रहा।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि गृह (पुलिस) विभाग के बजट में वर्ष 2007-08 में 3525.42 करोड़ रूपये की धनराशि के सापेक्ष वर्तमान वित्तीय वर्ष 2011-12 में 8204.98 करोड़ रूपये की धनराशि का प्राविधान किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2007-08 की तुलना में जहां अब तक लगभग ढाई गुने की वृद्धि राज्य सरकार के बजट में हुई है, वहीं पुलिस बल की आधुनिकीकरण योजना, जिसमें 75 प्रतिशत धनराशि केन्द्र सरकार से प्राप्त होती है, में कोई वृद्धि नहीं हुई है। आधुनिकीकरण योजना में वर्ष 2007-08 में 115 करोड़ रूपये, 2008-09 में 102 करोड़ रूपये, 2009-10 में 125 करोड़ रूपये तथा 2010-11 में 78 करोड़ रूपये की धनराशि केन्द्रांश के रूप में अवमुक्त की गयी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011-12 से सम्बन्धित आधुनिकीकरण योजना के बारे में राज्य सरकार का प्रस्ताव अभी भारत सरकार के विचाराधीन है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कानून व्यवस्था, नक्सलवाद, आतंकवाद तथा साम्प्रदायिक संवेदनशीलता आदि चुनौतियों को देखते हुए अपने संसाधनों के अन्तर्गत यथासम्भव कदम उठाये गये हैं। कानून व्यवस्था एवं आपराधिक घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण की दृष्टि से दिसम्बर, 2008 में पुलिस बल में विभिन्न श्रेणी के कार्मिकों के लगभग 2,04,000 पद सृजित किये गये थे। इनमें से प्रथम चरण में 35800 आरक्षियों की भर्ती उ0प्र0 पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रियानुसार की गयी, जिसकी भारत सरकार एवं अन्य प्रदेशों में भी सराहना की गयी। प्रथम चरण में भर्ती किये गये आरक्षियों के प्रशिक्षण की कार्यवाही पूर्ण हो जाने के पश्चात अब द्वितीय चरण की भर्ती सम्बन्धी कार्यवाही प्रारम्भ हो गयी है। शेष पदों पर भर्ती सम्बन्धी कार्यवाही चरणबद्ध रूप से की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पुलिस बल में अपने संसाधनों से की गयी वृद्धि से आतंकवाद, नक्सलवाद, इण्डो-नेपाल बार्डर एवं प्रदेश की सम्भावित साम्प्रदायिक घटनाओं से निपटने में सार्थक सहायता मिलेगी जिसका प्रत्यक्ष एवं परोक्ष सम्बन्ध केन्द्र सरकार से भी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस आधुनिकीकरण योजना में केन्द्रांश के अन्तर्गत अनुमोदित/अवमुक्त की जाने वाली धनराशि में समुचित वृद्धि किया जाना अति आवश्यक है। उत्तर प्रदेश पुलिस के बजट 8205 करोड़ रूपये की कम से कम 10 प्रतिशत अर्थात लगभग 820 करोड़ रूपये की धनराशि आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत केन्द्रांश के रूप में अनुमोदित/अवमुक्त किया जाना उपयुक्त होगा।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि नक्सल प्रभावित जनपदों में प्रदेश का केवल एक जनपद सोनभद्र ही ”फोकस“ जनपदों की सूची में शामिल हैं, जिसके कारण इण्टीग्रेटेड डेवलपमेण्ट प्रोग्राम के अन्तर्गत उक्त जनपद ही आच्छादित हैं। प्रदेश के अन्य दो नक्सल प्रभावित जनपदों चन्दौली एवं मिर्जापुर को भी इण्टीग्रेटेड डेवलपमेण्ट प्रोग्राम के अन्तर्गत ”फोकस“ जनपदों की सूची में शामिल करने हेतु राज्य सरकार के पत्र दिनांक 15 सितम्बर, 2010 द्वारा गृह मंत्रालय, भारत सरकार से अनुरोध किया गया था। इस हेतु 02 फरवरी, 2011 एवं 13 मई, 2011 को अनुस्मारक पत्र भी भेजे गये हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ की नीति का अनुसरण करते हुए समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है। राज्य सरकार द्वारा समाज के पिछड़े वर्गों को मुख्य धारा में लाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। इनमें उत्तर प्रदेश मुख्य मंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना, सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना, महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना, मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना, सर्वजन हिताय गरीब आवास (स्लम एरिया) मालिकाना हक योजना, मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी दलित बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना, उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम आदि सम्मिलित हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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