उत्तर प्रदेश के ऊर्जा सचिव श्री नवनीत सहगल ने कहा है कि परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के घटते भंडार को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाये जिससे ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
ऊर्जा सचिव ने आज यहां होटल क्लाकर््स अवध में भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई0आई0) द्वारा यू0पी0 नेडा के सहयोग से आयोजित ‘‘अक्षय ऊर्जा-भविष्य का ईंधन’’ विषयक संगोष्ठी में यह विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली की मांग लगभग 20 से 25 प्रतिशत प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है और आज हालत यह हो गयी है कि इस वर्ष ऊर्जा की मांग 11000 मेगावाट तक पहंुच चुकी है जबकि पिछले वर्ष तक यह मांग 9000 मेगावाट तक थी। ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने में भविष्य में अक्षय ऊर्जा स्रोतोें की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि हम अधिक से अधिक सौर ऊर्जा का उपयोग करें तथा वैज्ञानिक इस दिशा मंे महत्वपूर्ण शोध कार्य करें जिससे ऊर्जा उपकरणांे की कीमत कम हो तथा इसे आम जनता भी खरीद सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे निवेशकों को हर सुविधा प्रदान करेगी, जो सौर ऊर्जा के क्षेत्र मंे निवेश करना चाहें।
निदेशक नेडा श्री नीतीश्वर कुमार ने कहा कि अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा जनता में सौर ऊर्जा के प्रति जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्रों मंे अक्टूबर माह से सभी जिलों में अक्षय ऊर्जा मेले का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सौर उपकरणांे के प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाएगी।
अपने उद्घाटन सम्बोधन में सी.आई.आई. यू.पी. स्टेट कौंसिल के अध्यक्ष श्री वेद कृष्ण ने कहा कि यह समय की मांग है कि ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दिया जाये। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश ने अक्षय ऊर्जा स्रोतों से विद्युत उत्पादन की दिशा में विशेष कदम उठाये हैं।
इस अवसर पर सी.आई.आई. के उपाध्यक्ष श्री आलोक सक्सेना ने कहा कि अक्षय ऊर्जा में अपार क्षमता है यदि इसका भरपूर दोहन किया जाये तो देश में विद्युत परिदृश्य ही बदल जाये।
संगोष्ठी में अक्षय ऊर्जा के दोहन पर वैज्ञानिकांे, अनुसंधान संस्थाओं से जुड़े लोग तथा अक्षय ऊर्जा स्रोत से जुड़े अभियन्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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