- भूमि संरक्षण एवं जल संसाधन में आॅन लाइन व्यवस्था प्रारम्भ
- भूमि विकास एवं जन संसाधन की समीक्षा बैठक सम्पन्न
भूमि संरक्षण एवं जन संसाधन का काम जन सामान्य से सीधा जुड़ा है। इसके कार्यों की गुणवत्ता एवं मानक पर विशेष ध्यान दिया जाये। भौतिक निरीक्षण के कार्यों में शत-प्रतिशत उपलब्धि दिखानी चाहिए। प्रत्येक कार्य समयबद्ध ढ़ंग से होना चाहिए। यह निर्देश काबीना मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज यहाॅ भूमि विकास एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में दिये।
श्री मौर्य ने कहा कि अच्छे कार्य करने वालों की सराहना हो तथा लापरवाह अधिकारियों को दण्डित किया जाये। उन्होंने तीन भूमि संरक्षण अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि तथा दो उपनिदेशकों को चेतावनी देने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि मुख्यालय स्तर से पर्यवेक्षणीय टीम शीघ्र गठित की जाये, जो मौके पर जाकर प्रतिमाह भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट दें। क्रास चेकिंग की यह व्यवस्था अक्टूबर 2011 से लागू हो। उन्होंने कहा कि परियोजना क्षेत्र की महिलाओं को विभिन्न उद्यमों में प्रशिक्षण के लिए घर से केन्द्र तक लाने ले जाने के लिए बस की व्यवस्था की जाये।
उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के भूमि संरक्षण अधिकारी प्रतिमाह 75 लाख रूपये के कार्य कराये ताकि वे अपने लक्ष्यों को फरवरी, 2012 तक प्राप्त कर सकें। मनरेगा के साथ 300 करोड़ रूपये का कन्वरजेन्स समेकित जल प्रबन्धन कार्यक्रम के साथ कर प्रस्ताव बनायें। बरसात खत्म हो गयी है, अब कार्यों के क्रियान्वयन में अधिक तेजी लायी जाये। कुछ योजनाओं की 14 भूमि संरक्षण इकाइयों की डी0पी0आर0 (विस्तृत प्रबन्ध रिपोर्ट) आॅन लाइन की जा चुकी है, शेष इकाइयों की भी शीघ्र की जाये। उन्होंने कहा कि ई-गर्वेनेन्स का क्रमिक रूप से शत-प्रतिशत प्रयोग सुनिश्चित किया जाये।
इस बैठक में प्रमुख सचिव श्री योगेश कुमार, प्रशासक समादेश द्वय श्री हरी लाल पासी (शारदा सहायक) श्री लाल बिहारी पाण्डेय (राम गंगा) तथा सभी भूमि संरक्षण अधिकारी एवं उपनिदेशक उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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