सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तीन हजार से अधिक शिक्षक/शिक्षिकाओं ने आज शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर विशाल ‘चरित्र निर्माण मार्च’ निकालकर युवा पीढ़ी के चरित्र निर्माण की पुरजोर अपील की एवं भावी पीढ़ी को चरित्रिक व मानवीय गुणों से युक्त बनाने का आहवान किया। सी.एम.एस. शिक्षकों का यह विशाल मार्च कानपुर रोड स्थित पुरानी चुंगी से प्रारम्भ हुआ एवं सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम पहुँचकर एक विशाल सभा में बदल गया। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी व डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने सी.एम.एस. शिक्षकों के इस विशाल मार्च की अगुवाई की। इस अवसर पर सी.एम.एस. के सभी कैम्पस की प्रधानाचार्याएं, शिक्षाविद् व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर सी.एम.एस. शिक्षकों ने प्रतिज्ञा की कि हम तब तक दम नहीं लेंगे जब तक छात्रों में चरित्र निर्माण व धार्मिक एकता की नींव मजबूत नहीं कर देंगे।
सी.एम.एस. शिक्षकों के इस विशाल ‘चरित्र निर्माण मार्च’ को लखनऊ की जनता ने भरपूर समर्थन देते हुए शिक्षकों के सुर में सुर मिलाया एवं सी.एम.एस. की इस पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सी.एम.एस. शिक्षकों के ‘चरित्र निर्माण मार्च’ को देखने व इससे प्रेरणा ग्रहण करने हेतु सड़क के दोनों किनारों पर उमड़े भारी जनसमूह की उपस्थिति ने स्पष्ट कर दिया कि ‘चरित्र निर्माण’ की यह मुहिम निश्चित ही रंग लायेगी और वह दिन दूर नहीं जब सारे विश्व में सामाजिक सद्भाव व आपसी भाईचारे की लहर प्रवाहित होगी। शिक्षकों के इस विशाल ‘चरित्र निर्माण मार्च’ में सी.एम.एस. गोमती नगर कैम्पस की प्रधानाचार्या सुश्री मंजीत बत्रा सबसे आगे मुख्य न्यायाधीश की पोशाक में मार्च कर न्याय आधारित विश्व व्यवस्था का संदेश दे रही थीं, तो उनके पीछे इसी कैम्पस के लगभग 200 शिक्षक-शिक्षिकाएं हाथों में ग्लोब लेकर व मुख्य न्यायाधीश की पोशाक में प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था का संदेश दे रहे थे। इसी प्रकार सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर के लगभग 150 शिक्षक वल्र्ड सिटीजन की ड्रेस में एवं अलीगंज कैम्पस के 200 शिक्षक विभिन्न देशों के झंडे लेकर विश्व एकता व विश्व शान्ति का संदेश दे रहे थे जबकि सी.एम.एस. के अन्य कैम्पस के शिक्षक भी इसी प्रकार हाथों में नारे लिखी तख्तियाँ लेकर भावी पीढ़ी के चरित्र निर्माण का संदेश दे रहे थे। सी.एम.एस. शिक्षकों का यह विशाल मार्च सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम पहुंचकर एक विशाल सभा में परिवर्तित हो गया।
इस अवसर पर सी.एम.एस. शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि ‘चरित्र निर्माण मार्च’ के माध्यम से जो संदेश आज शिक्षकों ने दिया है, मुझे विश्वास है कि उसकी गूँज सम्पूर्ण मानवता को अपने कर्तव्यों प्रति झकझोर कर रख देगी। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि निश्चित ही उच्च चारित्रिक गुणों व नैतिकता की पूँजी से लबालब भारतीय युवा विश्व के सिरमौर बनेंगे एवं अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था से एक नये भयरहित समाज की स्थापना होगी। डा. गाँधी ने कहा कि अपनी साँस्कृतिक विरासत का परचम सारे विश्व में फहराने के लिए ही सी0एम0एस0 के छात्र व शिक्षक विगत कई वर्षों से समय-समय पर ऐसे विशाल मार्च निकालकर जन-समुदाय को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं और यही आज की सबसे बड़ी आवश्यकता भी है। डा. गाँधी ने शिक्षकों से अपील की कि वह अपने छात्रों को ‘सर्व-धर्म समानत्व’ के विचार आत्मसात करने हेतु प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य यही है कि बालक में ईश्वरीय गुणों का समावेश हो, वह ईश्वर की शिक्षाओं को जानें व उस पर अमल करे और समाज का कल्याण करें।
सी0एम0एस0 के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि चरित्र निर्माण मार्च के उपरान्त आज शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर सी.एम.एस. के विद्वान शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने हेतु सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरिम में ‘शिक्षक सम्मान समारोह’ का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें सी.एम.एस. शिक्षकों को इक्यावन लाख रूपये के नगद पुरस्कार व अन्य उपयोगी वस्तुयें प्रदान कर विशेष रूप से पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. अपने छात्रों को किताबी ज्ञान देने के साथ ही समाजिक जागरूकता की शिक्षा भी प्रदान करता है जिससे छात्र आगे चलकर विश्व मानवता की भलाई का कार्य कर समाज में प्रकाश फैला सकें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com