जिला जेल की मुख्य दीवार फांदकर भागा कैदी शहर की विलग्राम चुंगी पर पकड़ लिया गया। मगर जेल की सुरक्षा व्यवस्था चैकसी सब बेकार साबित हो गई। सारी व्यवस्था प्रश्न चिंह लगाकर सवालों की श्रंृखल को मजबूती प्रदान कर रही है जिला जेल में बंदियों को बैरकों में रखा जाता है रात को बैंरके बंद रहती है सुबह जेल खुलने पर भी बंदी सर्किल दीवार के अंदर रहते है। जो चैहर फिट ऊंची होती है और उसके पीछे मुख्य दीवार भी 18 फिट ऊंची रखी जाती है सर्किल दीवार की जिम्मेदारी डिप्टी जेलर के अधीन होती है। बंदियों की सुरक्षा व्यवस्था बंदी रक्षक दल करते है यह व्यवस्था चैबीस घंटे की होती है। सुबह प्रतिदिन जेल खुलने पर जेल सक्रियता बढ़ा दी जाती है। फिर भी तांत्रिक की हत्या करने वाला रामसागर उर्फ साधू सारी चैकसी को धता बताते हुए जेल से फरार हुआ तो प्रशासन हैरान हो गया। उसके बंदी साथियों ने बताया कि रामसागर नहीं है। पूरे जेल परिसर में खलबली मच गई। जिले के पुलिस अधीक्षक सूचना पाकर जेल पहंुच गए। एएसपी एके सिंह के साथ उन्होंने भागने के स्थान को देखकर परेशान हो गए। सारी व्यवस्था को एक मामूली अपराधी ने धताकर जब यह काम कर डाला तो शातिर अपराधी कुछ भी कर सकते हैं क्यों कि हरदोई जेल में शाहजहंापुर, लखनऊ, उन्नाव, सहारनपुर के कई शातिर अपराधी बंद है। जेलर डा. एसआर ंिसह का कहना है कि वह जल्द ही आए है। और सारी व्यवस्था का अवलोकर करके सख्त कदम उठाए जाएगें। रामसागर के भागने के समय 17 आदमी उसके साथ काम कर रहे थे। बंदी रक्षक भी ड्यूटी पर मौजूद था तब कैसे रामसागर लटकती हुई पेड़ की डाल के सहारे सर्किल दीवार पर चढ़ गया। वहां से लकड़ी खीचकर मुख्य दीवार पर जा पहुंचा जब कि लकड़ी की जगह पर ताजी सीमेंट लगी थीं जेल केे पीछे की दीवार जिस दीवार पर भागने की बात बताई जा रही है उसके भी पीछे मजदूर काम कर रहे थे इस प्रकार सारा मामला घटना को संहेदजनक बना रहा हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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