भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने आज बसपा सरकार पर आरोप लगाया कि बाढ़ के कहर से पीड़ित जनता के लिए राहत कार्य आदि का काम नहीं कर रही है। उन्हांेने कहा प्रदेश में लगभग 30 से अधिक जिलों में आई भीषण बाढ़ ने चार हजार से अधिक गांवों को जलमग्न कर दिया है। इन गांवों में रहने वाले लाखों लोग अपना घर बार छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इन बाढ़ पीड़ितों की मद्द के लिए कोई पहल नहीं की है। श्री शाही ने प्रदेश में उर्वरकों की कमी व यूरिया की कालाबाजारी से किसानों को हो रहे समस्याओं पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते आशंका व्यक्त की कि प्रदेश में यूरिया व उर्वरकों की आपूर्ति आदि की आड़ में एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। श्री शाही ने बसपा सरकार के किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 11 सितम्बर से 18 सितम्बर तक विकास खंडों व जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की है। श्री शाही आज पार्टी मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश में भीषण बाढ़ आने के बाद भी राज्य सरकार सोई हुई है। प्रदेश के लगभग ढाई दर्जन से भी अधिक जिलों में चार हजार से अधिक गाॅंव में रहने वाली लगभग ढाई लाख की आबादी बाढ़ से पीड़ित है। पचास से अधिक लोगों की बाढ़ के कारण मौत हो गई है जबकि सैकड़ों मवेशियों की जान भी बाढ़ ने ले ली। बावजूद इसके राज्य सरकार कोई राहत कार्य शुरू किए जाने के बजाए सोती रही। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी प्रदेश में बाढ़ के कहर से आमजन के जानमाल का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था पर तब भी सरकार ने कोई राहत व बचाव कार्य नहीं चलाया था।
श्री शाही ने कहा कि पिछले साल से सबक लेते हुए राज्य सरकार को बाढ़ से बचाव आदि के प्रबन्ध करने चाहिए थे लेकिन सरकार ने जनता को भाग्य के भरोसे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि बाढ़ से बचाव आदि के नाम पर सिंचाई विभाग ने दो सौ चालीस करोड़ से भी अधिक की धनराशि मरम्मत के नाम पर खर्च कर दी लेकिन वास्तविकता तो यह है कि यह धनराशि अधिकारियों, ठेकेदारों व बसपा नेताओं के बीच बट गई और आगे बाढ़ न आए इसका कोई प्रबन्ध नहीं किए गए। उन्होंने बाराबंकी, गोण्डा के बीच बने बाॅंध के क्षतिग्रस्त होने का जिक्र करते हुए कहा कि इससे सैंकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं लाखों हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में पानी भरा हुआ है। लगभग 10 हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
श्री शाही ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उसे जनहित के मुद्दों से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को पर्याप्त सुविधा न मिल पाने के लिए दोषियों के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित किए जाने की मांग करते हुए कहा कि सरकार के वरिष्ठ काबीना मंत्री नसीमउद्दीन के संरक्षण में चल रहे सरकारी धन की लूट की वजह से आपदा एवं फौरी राहत का कार्य प्रभावित हुआ है। प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से मांग की कि बाढ़ पीड़ितों की तत्काल दवा, राशन, मिट्टी का तेल व नाव आदि की तत्काल व्यवस्था उपलब्ध कराएं।
श्री शाही ने प्रदेश में बदहाल होती स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि गोरखपुर में मस्तिष्क ज्वर, राजधानी लखनऊ में स्वाइन फ्लू व डेंगू तथा सहारनपुर में एक विशेष प्रकार के बुखार से लोगों की मौत का अनवरत सिलसिला जारी है। लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। भाजपा अध्यक्ष ने सरकार से इन महामारी से पीड़ित क्षेत्रों में विशेष रूप से स्वास्थ्य कैम्प आदि लगाकर लोगों को चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की मंाग की।
प्रदेश में उर्वरकों की कमी और उनकी कालाबाजारी से किसानों को हो रही समस्याओं का जिक्र करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बुआई के समय किसानों को खाद, डीएपी आदि नहीं मिल पाई और अब उनके सामने यूरिया का गम्भीर संकट उत्पन्न हो गया है। यूरिया के संकट से जूझ रहे किसानों ने कई जिलों में राज्य सरकार के विरूद्ध प्रर्दशन कर आरोप लगाए कि एक तो जिलों में मांग की अपेक्षा कम मात्रा में यूरिया की आपूर्ति की गई और वह भी किसानों को मिलने के बजाए कालाबाजारियों के द्वारा बढ़े हुए दामों पर बेची जा रही है। हालात यह हो गए है इस यूरिया की बोरी साढ़े चार सौ रू0 की दर से भी मिल पाने में मुश्किल हो रही है।
श्री शाही ने प्रदेश में उर्वरकों की कमी के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार को बराबर का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इन दोनों सरकारों की गलत नीतियों के कारण ही किसानों को उनके जरूरत के समय खाद, डीएपी, यूरिया आदि सही समय पर उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें किसानों की कोई चिन्ता नहीं है। यही कारण है कि केन्द्र सरकार उ0प्र0 को उसके कोटे से कम उर्वरक की आपूर्ति कर रहा है पर माया सरकार चुपचाप बैठी है। भारत सरकार की गलत नीतियों की वजह से किसानों को उनकी उपज का सही लाभ नहीं मिल पा रहा है। केन्द्र व प्रदेश सरकार की नीतियों के कारण उ0प्र0 के किसान आर्थिक रूप से कमजोर होकर कर्ज के बोझ के तले दब रहे हैं।
श्री शाही ने राज्य सरकार पर प्रदेश का साम्प्रदायिक सौहार्द विगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुरादाबाद, बहराइच व कौशाम्बी में सरकार ने वोट बैक की तुच्छ राजनीति के चलते साम्प्रदायिक सौहार्द विगाड़ने वालों को संरक्षण देकर बहुसंख्यक समाज की भावनाओं को आहत किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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