हाल ही में शहर के पास एरिया सिविल लाइन में जिस्म की आग बुझाने को लेकर एक नव युवक की लाश गिर गई थी इसके बाद से पुलिस प्रशासन हरकत में आया था। लेकिन एकाएक पुलिस ने फिर खामोश बैठने में भलाई समझी। नतीजा यह है कि सिविल लाईन की तर्ज पर शहर में चल रहे कई सेक्स रैकेट के अड्डे फिर से अपने ढर्रे पर लौट आये हैं। बानगी के तौर पर इनमें से एक नाम जिला अस्पताल कैम्पस का भी है, जहंा पूर्व की भांति वेश्याओं का तांता एक बार फिर से लगा हुआ है।
भरोसे मन्द सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली नगर से सटा हुआ यह जिला अस्पताल अपने में एक चर्चित स्थान है। सिविल लाईन मोहल्ले में तिकोनिया पार्क के निकट चर्चित चार दिवारी मंे जिस्म की आग बुझाने गये नव युवक की लाश मिली थी। पुलिस के अधिकारियों ने उस समय यह बात मानी थी कि वारदात के पीछे जिस्म फरोशी का राज झिपा हुआ था। पुलिस इस दशा में कदम भी आगे बढा चुकी थी,शहर के अन्दर कई दिनो तक चली पुलिस की छापेमारी की खबर से वैैश्यायें रफूचक्कर हो गयी थी। लेकिन पुलिस की निष्क्रियता के चलते फिर से देंह व्यापार का धन्धा अपनी चरम सीमा पर है। शहर के बीचो बीच ठंडी सड़क जहां जिस्म फरोशी का धन्धा करने वाली, आने जाने वालो से अश्लील हरकते व आंख मिचैली करते दिखाई देती हंै। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस समय लगभग आधा दर्जन घर ऐसे है, जहां गैर जनपद से आयी हुई वेश्याओं ने अपना ठिकाना बना रखा है जोे नवजवानों को अपने जाल में फांस कर उनसे धन एंेठती है और जरूरत पडने पर जेब में रखे हुए चैन, अगूंठी व नगदी भी हजम कर लेती हंै और अजनबियों को मारती पीटती भी हंै। सूत्र बताते है कि इन दिनों जिला अस्पताल व ठंडी सडक वेश्याओं की नर्सरी का केन्द्र बन गया है। जिला चिकित्सालय व ठंडी सडक फिर से एक बार इनके के चलते गुलजार बना हुआ। पुलिस के आला अधिकारी किसी न किसी माध्यम से यहां आते जाते भी हंै। लेकिन किसी की निगाह इन पर नही पड़ती ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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