भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने उ0प्र0 की शिक्षा की बदहाली पर माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था माफियाओं के हाथों में खेल रही है। प्राइमरी से लेकर उच्च तथा तकनीकी शिक्षा भ्रष्टाचार, माफियावाद, अराजकता तथा व्यापारीकरण का जबर्दश्त उदाहरण बन गई है। डा0 मिश्र ने कहा कि प्रदेश में स्कूलो, कालेजो तथा तकनीकी संस्थानों का जाल तो बिछ रहा है। परन्तु उनके पास न तो भवन है और नही संसाधन। शिक्षकों का अभाव तथा रोज-रोज बदलने वाली शिक्षा प्रणाली कोढ़ में खाज का काम कर रही है। मानक पूरे न होने पर भी ले-देकर मान्यता दी जा रही है जिससे प्रदेश की शिक्षा मखौल बन गयी है।
डा0 मिश्र ने आरोप लगाया कि गरीबों और दलितो की रहनुमाई का वादा करने वाली बसपा ने शिक्षा को राम भरोसे छोड़ दिया है। प्रदेश के गरीबो तथा दलितो की पहुॅच शिक्षा जैसे बुनियादी अधिकार तक नही हो पा रही है। तथा यह शिक्षा आम आदमी के लिए सपना बनती जा रही है। माफियाओं, दलालों तथा भ्रष्ट अधिकारियों के शिकंजे में प्रदेश की पूरी की पूरी शिक्षा कैद होकर रह गयी है। छात्रो से फीस के नाम पर अन्धाधुन्ध वसूली की जा रही है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने कहा कि साक्षरता के मामले में भी प्रदेश की रफ्तार अपेक्षित नही है। पूरे प्रदेश में अभी भी 30 प्रतिशत लोग निरक्षर है। यह निरक्षरता सरकार की अक्षमता की कहानी कह रहे है। तकनीकी तथा मेडिकल शिक्षा में मुन्ना भाइयों का बढ़ता प्रकोप आम छात्र के लिए समस्या बन गया है। मानको के अनुसार न होने के साथ यह संस्थान सिर्फ डिग्रियाॅ बाॅट रहे है। इस सरकार से छात्र इन झूठी, डिग्रियां लेने को तैयार नही है। इन्जीनियरिंग सहित तमाम प्रोफेशनल संस्थान खाली पड़े है और छात्र अच्छी तथा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए प्रदेश के बाहर पलायन कर रहे है। डा0 मिश्र ने बताया कि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के 14 फर्जी आयुर्वेद डक्टरो को विना परीक्षा के पास किये जाने की घटना प्रदेश की खस्ता हाल शिक्षा व्यवस्था का जीता जागता उदाहरण है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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