बारिश के साथ ही बांधों से छोड़े जा रहे पानी से जिले में जलप्रलय से हालात पैदा हो गये हैं। सदर तहसील के पांच दर्जन गांवों समेत जलालाबाद के तीन सौ तथा तिलहर तहसील के सौ से ज्यादा गांवों को गर्रा, रामगंगा, बहगुल, खन्नौत आदि नदियों ने चपेट में ले लिया है। बाढ़ में फंसे हजारों लोग राहत की बाट जोह रहे हैं। दिल्ली -लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग, दिल्ली -बिल्हौर स्टेट हाइवे समेत करीब दो दर्जन प्रमुख मार्ग भी सैलाब में डूब गये हैं, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। जलालाबाद में दर्जनों मवेशी बाढ़ की भेंट चढ़ चुके हैं।
जिले में लाल निशान की गर्दन मरोड़ने के बाद गर्रा, रामगंगा, गंगा, खन्नौत आदि नदियां सर्वभक्षी सी हो उठी है। तिलहर तहसील के बंडिया कलां, छेदापट्टी, लोहरगवां, रुद्रपुर, आदि तीन दर्जन गांव बाढ़ से घिर हुए हैं। जैतीपुर गढिया रंगीन मार्ग समेत कई सम्पर्क मार्ग भी डूब गये हैं। नाव और मोटर बोट की पर्याप्त व्यवस्था न होने से लोगों तक न तो राहत सामग्री पहुंच पा रही है और न ही उनकी खैर खबर को कोई पहुंच पा रहा है।
रामगंगा में आयी भीषण बाढ़ से जगतियापुर, गढिया-रंगीन तथा सिमरिया रायपुर का तहसील मुख्यालय से सम्पर्क पूरी तरह टूट गया है। एसडीएम ब्रजेश कुमार के अनुसार खेड़ारठ तथा सिमरिया रायपुर में बाढ़ राहत सहायता चैकियों की स्थापना की गयी है। बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। कुछ लोगों के इन्कार पर उन्हें नावों द्वारा राहत सामग्री पहुंचाई गई। विधायक राजेश यादव व उनके अनुज अमित यादव बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटे हैं। बीएसए जेके वर्मा ने शिक्षकों के साथ पीड़ितों की मदद का सिलसिला शुरू कर दिया है।
इससे भी बदतर स्थित है जलालाबाद तहसील की। क्षेत्र के करीब तीन सौ गांव बाढ़ से घिर चुके है। जलालाबाद-फर्रुखाबाद मार्ग पर रामगंगा, बहगुल का सैलाब पहुंच गया है। मिर्जापुर तथा कलान की सभी गांव और सम्पर्क मार्ग सैलाब की चपेट है। मिर्जापुर से फर्रुखाबाद, कलान, जलालाबाद, बदायूं आदि मार्गो पर दो से चार फिट पानी बह रहा है जिससे आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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