Categorized | लखनऊ.

मालेगांव बम धमाकों,न्यायिक साम्प्रादायिकता और इंडियन मुजाहिद्दीन का सच

Posted on 22 August 2011 by admin

sandip-pandeyमालेगांव बम धमाकों,न्यायिक साम्प्रादायिकता और इंडियन मुजाहिद्दीन का सच विषयक सम्मेलन में आतंकवाद के मसलों पर न्यायपालिका की बढ़ती साम्प्रादायिक प्रवृत्ति पर चिंता जाहिर की गई। वहीं इंडियन मुजाहिद्दीन के अस्तित्व पर सवाल उठाने हुए वक्ताओं ने इस पर केंद्र सरकार से श्वेतपत्र जारी करने की मांग की।
प्रेस क्लब में आयोजित इस सम्मेलन में वरिष्ठ पत्रकार सुभाष गाताड़े ने पिछले दिनों मालेगांव बम धमाकों के दो अभियुक्तों कलसांगड़ा और साहू की जमानत पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब न्यायपालिका इस बात को मानती है कि इन दोनों को मालेगांव विस्फोट के षड़यंत्र की जानकारी थी बावजूद इसके इनको छोड़ दिया गया। जबकि उसी मामले में असीमानंद की स्वीकारोक्ति के बावजूद अभी भी 9 मुस्लिम निर्दाेष बच्चे जेलों में बंद है। इसे न्यायिक साम्प्रादायिकता नहीं तो क्या कहा जायेगा। उन्होंने कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी मुसलमानों से मताधिकार छीन लेने की बात करते हैं,बावजूद इसके न तो उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होती है और न ही अपने को सेकुलर कहने वाली केंद्र सरकार ने कुछ किया।
मैग्सेसे सम्मान प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्डेय ने कहा कि यह एक गंभीर सवाल है कि बाटला हाउस एनकाउंटर को सरकार अपनी उपलब्धि बताती है,जबकि सभी जांच रिपोर्ट व नागरिक समाज इसे फर्जी एनकाउंटर बताता है। इससे जाहिर है कि यह सरकार आतंकवाद के सवाल पर किस साम्प्रदायिक जेहनियत से सोचती है। उन्होंने कहा कि कानपुर में बजरंग दल के दो लोग बम बनाते हुए उड़ गये बावजूद इसके सरकार ने कोई गंभीर जांच नहीं कराई जबकि सिर्फ शक के आधार पर बिना किसी ठोस आधार पर सैकड़ों मुस्लिम नौजवान जेलों में बंद हैं।
वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्तफा फारूक ने कहाकि  आतंकी विस्फोटों की राजनीति के मूल मंा मुसलमानों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से पैदा किये गये अविश्वास की राजनीति से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि एटीएस के आरोप के ही मुताबिक कर्नल पुरोहित ने एक हजार लोगों को विस्फोट करने की ट्रेनिंग दी। बावजूद इसके आज तक उनकी शिनाख्त इंटलिजेंस ने क्यों नहीं करवायी।
वरिष्ठ पत्रकार अजीत साही ने कहा कि जब राज्य की आतंकवाद में संलिप्तता उजागर हो रही है,जिसे गुजरात से लेकर तमाम जगहों पर देखा गया है,तो ऐसे में इंडियन मुजाहिद्दीन नाम के जिस संगठन के सहारे आतंकवाद का हौव्वा खड़ा किया गया है,जिसका कोई आधार नहीं है, की साजिश को ध्वस्त करने के लिए सिविल सोसायटी को एक राजनैतिक अभियान शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि इंडियन मुजाहिद्दीन नाम का कोई संगठन है कि नहीं या फिर यह खूफिया एजेसिंयों के द्वारा रचा गया संगटन है,इसकी जांच किये जाने की आवश्यकता है।
सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार अनिल चामड़िया ने ज्यूडियल सिस्टम में गवाही व तर्काे को खारिज करने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य आतंकवाद का खांचा खड़ा करता है और ज्यूडिशियल सिस्टम उसे मान्यता देने का काम करता है। जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
कार्यक्रम का आरंभ राजीव यादव ने किया और मसीहुद्दीन संजरी ने विस्फोट के आरोपों में बंद मुस्लिम नौजवानों की न्यायिक प्रक्रिया पर अपना अनुभव रखा। अंत में रविशेखर ने कार्यक्रम में प्रस्ताव रखा-
1.इंडियन मुजाहिद्दीन पर सरकार श्वेत पत्र जारी करे कि ये क्या है और किसका संगठन है
2.संघ परिवार और हिंदुत्ववादी संगठनों की संलिप्तता वाले आतंकी घटनाओं पर चल रही जांच पर श्वेत पत्र आये
3.पिछले 10 साल की सभी आतंकी घटनाओं पर एक अलग कमीशन गठित किया जाये।
4.अभिनव भारत,सनातन संस्था,हिन्दू युवा वाहिनी,हिन्दू जनजागरण समिति और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाया जाये
5.संघ परिवार के नेता इंद्रेश कुमार की गिरफ्तारी की जाये।
6.आर डी निमेश कमीशन जो 6 महीने के लिए बनी थी और जिसने तारिक-खालिद प्रकरण पर रिपोर्ट देने थी,वह चार साल बाद भी क्यों नही आयी।
7. आरटीआई के तहत सबूत मिलने के बावजूद कि खालिद को गलत तरीके से उठाया गया,उसपर जस्टिस अश्वनी कुमार की अदालत ने डेढ़ वर्षों से क्यों जमानत अर्जी को लंबित कर रखा है।

कार्यक्रम में रणधीर सिंह सुमन, अरूंधति धुरू,रुपरेखा वर्मा,निशांत,हरेराम,रश्मि,एकता,अजय सिंह,ताहिरा हसन,जावेद मोहम्मद,जहीद अहमद फलाही,के के वत्स,महेंद्र सिंह,तारिक शफीक,गुंजन सिंह आदि लोगों ने शिरकत की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in