भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने चुनाव आयोग से प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे अन्धाधुन्ध तबादलों पर हस्तक्षेप करने की माॅग की। डाॅ0 मिश्र ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार आसन्न विधान सभा चुनाव को ध्यान मंे रखते हुए इन तबादलों को अन्जाम दे रही है। प्रदेश मंे हो रहे इन तबादलों के कोई मानक नही है। सरकार इन तबादलों से लाखों-करोडों़ के बारे-न्यारे कर रही है। सरकारी काम-काज ठप पड़ा है। नौकर शाही सुस्त, प्रदेश पूरी तरह से समस्याग्रस्त और प्रदेश का प्रशासनिक अमला लकवाग्रस्त हो गया है।
डा0 मिश्र ने सरकार को याद दिलाया कि 01 अप्रैल 2011 को माननीय उच्च न्यायालय तथा उसी दिन देश के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार से प्रशासनिक अधिकारियों तथा पुलिस अधिकारियों के अन्धाधुन्ध तबादलों पर जबाव मांगा था। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि जून 2007 से जून 2009 की 2 वर्ष की अवधि में 4 प्रशासनिक अधिकारी मात्र 1 दिन, 25 अधिकारी 3 दिन, 49 अधिकारी 1 सप्ताह, 144 अधिकारी 1 माह तथा 609 अधिकारियों के तबादले 1 साल के भीतर किये गये। डा0 मिश्र ने प्रदेश सरकार से जानना चाहा की आखिर एैसा क्या कारण है की इन अधिकारियों को उनके स्थानों से क्यों इतनी जल्दी-जल्दी हटाया गया ?
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सरकार चाहे जिनते तबादले कर ले या फिर कोई अन्य टोटका अपनाले परन्तु जनता इस भ्रष्ट सरकार को अब और बर्दाश्त नही करेंगी। अन्धाधुन्ध तबादलों के कारण लकवाग्रस्त प्रदेश का प्रशासनिक अमला अपनी-अपनी पोस्टिंग की जुगाड में है तथा प्रदेश की जनता राम के हवाले है। चुनाव आयोग को इन तबादलों की समीक्षा कर हस्तक्षेप करने की मांग भारतीय जनता पार्टी करती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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