ऽ गांवो मंे फिर शुरू हुआ गणेश परिक्रमा
सुल्तानपुर, इसौली - आगामी विधान सभा चुनाव 2012 का चुनावी सरगर्मियां बढ़ गयी हंै। इसौली विधान सभा क्ष्ेात्र से भाग्य आजमाने को उतावले सम्भावित उम्मीदवार राजनैतिक दलों की गणेश परिक्रमा शुरू कर दिया है। सपा-बसपा ने जातीयता के आधार पर सम्भावित उम्मीदवार को हरी झण्डी रे रखी है। वहीं कांग्रेस व भाजपा अन्तर्कलह के भय व्याप्त है।
इसौली विधान सभा पर राजनैतिक दलों की निगाहें लगी हंै। जहाॅ मुद्दा विहीन जातियों के आधार पर किला फतह करने के उददेश्य से प्रमुख राजनैतिक दलों ने साम-दाम ,दण्ड, भेद अपना कर प्रत्याशियों का चयन कर रहे हैं। सूत्रो के अनुसार सपा ने अपनी शतरंज चाल में जातियता के आधार पर शकील अहमद खां के प्रत्याशी बनाये है। जिन्हे अपने स्वजातीय मत अल्पसंख्यको पर भरोसा है। वहीं सपा के परम्परागत यादव मतों के बल राह आसान मान रहे है। दूसरी तरफ सपा की चिर प्रतिद्ववन्दी बसपा ने नहले पे दहला मारते हुए दलित , ब्रम्हण गठजोड के सहारे पवन पाण्डे को मैदान मंे उतार कर बाकी दलों की नीद उडा दी है। ब्राम्हण बाहुल्य क्षेत्र मंे पवन पाण्डेय का कद सभी ब्राम्हण नेताअेां से भारी है। ऐसे में भाजपा ब्राम्हण कार्ड ख्ेालने को उतावली है। गौरतलब हो कि भाजपा के सम्भावित उम्मीदवारांे में बा्रम्हण हिन्दू युवा वाहिनी के ओम प्रकाश पाण्डेय का टिकट पक्का माना जा रहा है। परन्तु बदले समीकरण में पैतरा बदलने को मजबूर भाजपा बैकवर्ड कार्ड खेल अपनी स्थित सुधारने के प्रयास मे है। सूत्रो की माने तो राजनैतिक परिवार से पूर्व मन्त्री राम दुलार यादव, के भतीजे अशोक यादव को मैदान में उतारने केा उत्सुक है। राजनीतिज्ञो का मानना है कि अशोक यादव को अपना स्वजातीय मत जो ब्राम्हण मतदाता के समकक्ष है उन्हे भारी संख्या में समर्थन मिलने की उम्मीद है। वहीअन्य निषाद,प्रजापति,मौर्या,चैरसिया,गुप्ता,पाल,लोहार,वर्मा, आदि पिछडी जातियों के साथ वैश्य, कायस्थ के साथ पार्टी के परम्परागत सवंर्ण मतों के बल चुनावी दंगल रोचक होगा। दूसरी तरफ कांगे्रस क्षत्रिय मतो की संख्या कम होने के कारण अल्प संख्यक व क्षत्रिय सम्भावित उम्मीदवारों के नाम विचार कर रही है। जबकि इसौली विधायक चन्द्रभद्र सिंह नये परसीमन के चलते सुल्तानपुर से अपना भाग्य आजमाने के प्रयास में है। उनके अनुज यश भद्र सिंह भी इसौली विधान सभा से अपने भाग्य आजमाने के लिये मतदाताअेां की नब्ज टटोल रहे हंै। चुनावी समीकरण के इस दंगल में कई राजनैतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लग जायेगी। वही कई राजनैतिक धुरन्धर औधें मुॅह गिरने को मजबूर हो जायेंगे। ऐसे में ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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