भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने प्रदेश के मुख्य सचिव के उस पत्र को हास्यापद बताया जिसमें कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने 65वें स्वतंत्रता दिवस पर जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कमजोर और दलित वर्ग के कल्याण से जुड़ी परियोजनाओं का गुणगान किया जाए। डा0 मिश्र ने कहा कि सरकार को स्वतंत्रता दिवस पर अम्बेडकर, महामाया और सावित्री वाई फूले के नाम पर चलाई जा रही योजनाओं के घपले और घोटालों की भी चर्चा करनी चाहिए। प्रदेश की खस्ताहाल कानून व्यवस्था, दलितों और पिछड़ों पर हुए अत्याचार की कहानी भी इस स्वतंत्रता दिवस पर बताई जानी चाहिए। बदहाल शिक्षा व्यवस्था, एन0आर0एच0एम0 घोटाला, सी0एम0ओ0 हत्याकाण्ड सहित नोयडा भूमि घोटालों को भी इस प्रदेश की जनता को बताया जाना चाहिए।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने कहा कि इस स्वतंत्रता दिवस पर आम आदमियों की दुश्वारियों की भी चर्चा होनी चाहिए। बसपा के विधायकों, सांसदों एवं मंत्रियों की कारगुजारियाॅं भी जनता तक पहुंचाई जानी चाहिए। सरकारी तंत्र को प्रदेश की टूटी सड़कें, बलात्कार से पीड़ित बालिकाओं की कराहटें, किसानों की आॅंहें तथा छात्रों के बेरोजगारी की कहानी भी प्रदेश भर के जिलाधिकारियों द्वारा जनता को बताई जानी चाहिए।
डा0 मिश्र ने कहा कि सरकारी नारा ’सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ के बजाय ’सर्वजन दुखाये, सर्वजन रूलाए’ बन गया है। सरकारी घोषणाएं और विज्ञापन जनता के कटे पर नमक लगाने जैसा लग रहा है। हर मोर्चे पर असफल सरकार सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का इतिहास लिख रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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