भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सरकार को जनस्वास्थ्य के मोर्चे पर नाकाम बताते हुए कहा कि प्रदेश में सरकारी अस्पतालों के गेट पर हो रहे प्रसव राज्य की महिला मुख्यमंत्री के लिए कलंक है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सरकार शिक्षा, सुरक्षा व स्वास्थ्य के मुद्दे पर पूरी तरह विफल रही है।
पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार के कारण ही बाराबंकी और अम्बेडकरनगर में सरकारी अस्पतालों के बाहर महिलाओं को अपने बच्चों को जन्म देना पड़ा। पिछले दिनों राजधानी लखनऊ और फर्रूखाबाद में भी इस तरह की घटनाएं सामने आई। सरकार की लापरवाही के कारण इस तरह की घटनाएं बढ़ती गई जबकि बाराबंकी जिले में ही जननी सुरक्षा योजना की धनराशि हड़पने के लिए सैकड़ों बच्चों का जन्म कागजों पर करा दिए जाने का मामला सामने आने के बाद भी विभागीय मंत्री ने कोई कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साध ली।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में जननी सुरक्षा योजना के पैसे में लगभग 50प्रतिशत की बंदरबाॅंट हो रही है। बाराबंकी व अम्बेडकरनगर में अस्पताल के बाहर प्रसव के लिए जिम्मेदार चिकित्साधिकारियों एवं सीएमओ को निलम्बित करने तथा प्रदेश में जननी सुरक्षा योजना के नाम पर आवंटित धनराशि की बंदरबांट में किए जा रहे घोटालों की निष्पक्ष जांच की मांग की।
श्री पाठक ने बताया कि उ0प्र0 में मातृ मृत्यु दर देश में सबसे अधिक है। देश में जहां यह औसत 327 का है वहीं उ0प्र0 में 539 है। एक महिला मुख्यमंत्री के शासनकाल में महिलाओं के स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड़ न केवल चिन्तनीय बल्कि शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल बसपा ने स्वास्थ्य महकमे को कमाई का जरिया बना लिया है इसीलिए स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर बड़े-बड़े घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है। प्रदेश में महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए चल रही तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद प्रसव पीड़ित महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की समुचित इलाज के अभाव में हो रही मौतों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। बसपा सरकार के गठन के बाद से ही उत्तर प्रदेश में कुपोषण एवं समुचित इलाज न मिलने से नवजात शिशुओं की मौत की दर में लगातार वृद्धि हुई है।
श्री पाठक ने कहा कि जनता को शिक्षा, सुरक्षा व बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है। लेकिन प्रदेश सरकार इन तीनों ही मोर्चो पर विफल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता की बागडोर संभालते ही बसपा प्रमुख ने स्वास्थ्य महकमें को आय के स्रोत के रूप में देखा। जिसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार दिनों दिन बढ़ता चला गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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