लो-जी0ई0आर0 क्षेत्रों में राजकीय महाविद्यालयों के निर्माण हेतु धनराशि के लिए भारत सरकार से कड़ी पैरवी के उच्चशिक्षा मंत्री के निर्देश
निर्माण एजेन्सियों को अक्टूबर, 2011 तक सभी राजकीय डिग्री काॅलेजों का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश
सभी विश्वविद्यालय व राजकीय महाविद्यालय इस वर्ष नैक मूल्यांकन की कसौटी पूरी करें-डा0 राकेशधर त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा0 राकेशधर त्रिपाठी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग के विकास कार्यों, शैक्षिक गतिविधियों और पाठक्रमेत्तर कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की गयी। समीक्षा बैठक में सचिव उच्च शिक्षा श्री अवनीश कुमार अवस्थी, सलाहकार उच्च शिक्षा डा0 चन्द्र विजय चतुर्वेदी, विशेष सचिव श्री वी0के0 गुप्ता, विशेष सचिव श्रीमती अनीता मिश्रा, विशेष सचिव श्री ए0के0 सिंह, निदेशक उच्च शिक्षा डा0 रामानन्द प्रसाद, सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों, निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि व सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी शासन व निदेशालय के अन्य अधिकारी गण उपस्थित थे।
उच्च शिक्षामंत्री डा0 राकेशधर त्रिपाठी ने निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए कार्यदायी संस्थाओं को सभी राजकीय डिग्री कालेजों के बचे-खुचे कार्यों को अक्टूबर 2011 तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने जनपद कांशीराम नगर में निर्माणाधीन राजकीय डिग्री कालेज का निर्माण कार्य सितम्बर 2011 तक पूरा करने के निर्देश देते हुए निर्णय लिया कि निर्माणाधीन राजकीय महाविद्यालय का नाम महान समाजनिर्माता मान्यवर कांशीराम जी के नाम पर मान्यवर कांशीराम राजकीय महाविद्यालय रखा जायेगा। उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से कहा कि लो-जी0ई0आर0 (उच्चशिक्षा में न्यून सकल नामांकन दर) वाले जनपदों में असेवित क्षेत्र में संचालित राजकीय महाविद्यालयों के निर्माण
कार्यों के लिए भारत सरकार से मांगे गये 21 करोड़ रूपये की धनराशि को शीघ्र प्राप्त करने के लिए कड़ी पैरवी सुनिश्चित करें। इसके लिए उन्होंने निदेशक उच्चशिक्षा और क्षेत्रीय उच्चशिक्षा अधिकारी मेरठ को भारत सरकार में पैरवी करने हेतु नियुक्त किया है। उन्होंने निर्माण एजेन्सियों जैसे निर्माण निगम, सी0एण्ड डी0एस0, सामाज कल्याण निर्माण निगम, आवास विकास परिषद, पैक्सफेड और यू0पी0पी0सी0एल0 आदि के प्रोजेक्ट मैनजरों को निर्माण कार्यों की समय-सारणी को कड़ाई से लागू करने और चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता व कार्य-प्रगति पर कड़ी निगाह रखने के निर्देश दिये।
उच्चशिक्षा मंत्री ने इस समय चल रही बी0एड0 काउन्सिलिंग की जानकारी प्राप्त करते हुए रजिस्ट्रार रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली को निर्देश दिये हैं कि वे अद्यतन स्थिति से शासन को प्रतिदिन अवगत करायें। काउन्सिलिंग अभी 09 अगस्त तक चलेगी।
विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में गुणवत्ता-परक शिक्षण कार्याें और उच्चकोटि की आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से मूल्यांकन के महत्व को रेखांकित करते हुए उच्चशिक्षा मंत्री ने सभी विश्वविद्यालयों और सभी राजकीय महाविद्यालयों को इस वर्ष नैक मूल्यांकन की कसौटी पूरी करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी कुलसचिवों और क्षेत्रीय उच्चशिक्षा अधिकारियों को अपने क्षेत्रान्तरगत महाविद्यालयों को मूल्यांकन सुनिश्चित कराने हेतु सेल्फ स्टडी रिपोर्ट तैयार कराने पर विशेष जोर देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि शीघ्रातिशीघ्र सेल्फ स्टडी रिपोर्ट तैयार करा कर सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय नैक मूल्यांकन हेतु नैक को आशय पत्र (लेटर आॅफ इन्टेन्ट) जारी करें। उन्होंने कहा कि जिन संस्थाओं ने चार-पांच साल पहले नैक मूल्यांकन कराया है वे भी अब पुनः नैक मूल्यांकन के लिए आगे आयें। उन्होंने निजी प्रबन्ध तत्रों के अन्तर्गत संचालित महाविद्यालयों के नैक मूल्यांकन पर भी विशेष जोर दिया है। उन्हें बताया गया कि असेवित क्षेत्रों में निजी प्रबन्धतंत्र द्वारा खोले गये महाविद्यालयों के लिए प्राविधानित 10 करोड़ रूपये की राशि में से 07 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृतियां निर्गत की जा चुकी हैं जबकि शेष धनराशि के सम्बन्ध में शीघ्र कार्यवाही की जा रही है।
उच्चशिक्षा के लिए प्राविधानित बजट की समीक्षा में पाया गया कि 116 करोड़ 45 लाख 57 हजार रूपये में से 77 करोड़ 43 लाख 67 हजार रूपये की वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं ताकि चल रहे निर्माण कार्याें और शैक्षिक गतिविधियों व अन्य व्यक्तित्व निर्माण कार्यक्रमों के लिए धन की कमी न होने पाये। उच्चशिक्षा मंत्री ने बैठक में इस वर्ष अन्तर विश्वविद्यालय युवा कार्यक्रमों को सम्पन्न कराने के लिए फैजाबाद विश्वविद्यालय को नोडल संस्था नामित करते हुए आगामी अक्टूबर में इसे सम्पन्न कराने का निर्देश दिया। समीक्षा में पाया गया कि जारी की गयी धनराशि के सापेक्ष 48 करोड़ 30 लाख 78 हजार रूपये व्यय किये गये हैं। उच्चशिक्षा मंत्री ने व्यय को और तर्क संगत गति देने के निर्देश देते हुए कहा कि अगस्त के अन्त तक 23 करोड़ रूपये की स्वीकृतियां और जारी कर इसे कुल 100 करोड़ की सीमा तक पहुंचाया जाय और यह सुनिश्चित किया जाय कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संस्थाएं व्यय भी करें। उच्चशिक्षा मंत्री को बैठक में अवगत कराया गया कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सेमिनार तथा सिम्पोजियम आदि कार्यक्रमों के लिए 17 लाख रूपये में से 9 लाख से अधिक जारी किये जा चुके हैं और शेष धनराशि के सम्बन्ध में प्राप्त प्रस्ताओं के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। उच्चशिक्षा मंत्री को बताया गया कि अब तक विभिन्न संस्थाओं द्वारा सेमिनार व सिम्पोजियम पर लगभग 8 लाख रूपये के व्यय की सूचना प्राप्त हुई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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