खुलेआम बाजार मंे बिक रहा है पोषाहार
शासन द्वारा चलायी जा रही महात्वाकांक्षी योजना बाल विकास परियोजना को अधिकारियों ने मजाक बनाकर रख दिया है। जहां शासन इस परियोजना पर लाखों रुपये खर्च कर रही है वहीं इस योजना में लगे अधिकारी इसका दुरुपयोग कर पोशाहार को धड़ल्ले से खुले बाजार में बिकवा रहे हैं।
बाल विकास योजना के अन्तर्गत क्षेत्र में 116 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति है। जिन पर उन्हें छह वर्ष के बच्चों को कुपोशण से बचाने व प्रारम्भिक शिक्षा देने के साथ गर्भवती महिलाओं की देखरेख व टीकाकरण करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है, परन्तु यहां क्षेत्र का दुर्भाग्य है कि विद्यालय में बनवाये गये आंगनबाड़ी कक्ष कार्यकत्रियों केे अभाव में सूने पड़े रहते हैं और उन कक्षों में अराजक तत्व अपना डेरा जमाये रहते हैं। क्योंकि आज इन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है। बताते हैं कि उक्त योजना में अधिकांष कार्यकत्री अमीर घराने की महिलायें हैं। क्षेत्र में जाना क्या अपने घरों से भी नहीं निकलती है और पोषाहार का उठान उनके पति या अन्य लोग लाकर अधिकारियों से सांठ-गाठ कर लेते हैं और सीधे बाजार में बेच देते हैं। कार्यकत्रियों के पतियों ने उनके नाम से चेक बुक जारी करा रखी हैं। जिस पर फर्जी हस्ताक्षर कर पोषाहार का पैसा भी डकारने में लगे हुए हैं। इस गोलमाल में प्रशासनिक अधिकारी अपना पूरा रोल अदा कर रहे हैं। केन्द्र संचालित कर रहे फर्जी लोग जमकर पोषाहार की लूट खसोट करने पर अमादा हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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