सीनियर वर्ग की चैम्पियनशिप इन्टेलेक्चुअल बोर्डिंग स्कूल, रूस को तथा जूनियर वर्ग की चैम्पियनशिप नालन्दा कालेज, श्रीलंका को
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर (प्रथम कैम्पस) द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बायोटेक्नोलाॅजी महोत्सव ‘क्वेस्ट-2011’ का भव्य समापन आज सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में हुआ। रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच मुख्य अतिथि श्री अनिल कुमार सागर, आई.ए.एस., जिलाधिकारी, लखनऊ ने दीप प्रज्वलित कर ‘पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह’ का विधिवत उद्घाटन किया एवं देश-विदेश के प्रतिभागी विजयी छात्रों को शील्ड, मैडल व सार्टिफिकेट प्रदान कर पुरष्कृत कर सम्मानित किया। समारोह की अध्यक्षता श्री सी.एस. नौटियाल, डायरेक्टर, एन.बी.आर.आई., लखनऊ ने की तथापि विभिन्न क्षेत्रों की नामी-गिरामी हस्तियों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा में चार चाँद लगा दिया। ‘‘क्वेस्ट-2011’’ की सीनियर वर्ग की ओवरआॅल चैम्पियनशिप पर इन्टेलेक्चुअल बोर्डिंग स्कूल, रूस की छात्र टीम ने कब्जा जमाया जबकि नालन्दा कालेज, कोलम्बो, श्रीलंका की छात्र टीम ने जूनियर वर्ग की चैम्पियनशिप जीतकर अपने ज्ञान विज्ञान का परचम लहराया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि श्री अनिल कुमार सागर, आई.ए.एस., जिलाधिकारी, लखनऊ ने युवा पीढ़ी का आहवान किया कि बायोटेक्नोलाॅजी के ज्ञान का उपयोग लोकहित में करने को संकल्पित हों। उन्होंने कहा कि विज्ञान का उपयोग आम लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं एवं रचनात्मक कार्यो में होना चाहिए, तभी विज्ञान के ज्ञान की सार्थकता है अन्यथा नहीं। इस भव्य आयोजन के लिए सिटी मोन्टेसरी स्कूल की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए श्री सागर ने कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव ने न सिर्फ छात्रों को विज्ञान की इस नवीन शाखा में जागरूकता जगाई है अपितु देश-विदेश के बच्चों को एक मंच पर एकत्रित कर सहयोग, सौहार्द, एकता, भाईचारा का संदेश भी दिया है, और यही आज की सबसे बड़ी जरूरत है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए श्री सी.एस. नौटियाल, डायरेक्टर, एन.बी.आर.आई., लखनऊ ने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कौन हारा और कौन जीता अपितु महत्वपूर्ण यह है कि सभी ने कुछ न कुछ सीखा जो भविष्य में सारी मानवता के लिए काम आयेगा। इस अवसर पर कीनोट एड्रेस देते हुए प्रो. जी. पद्मनाभम, डिपार्टमेन्ट आॅफ बायोकेमिस्ट्री, इण्डियन इन्स्टीट्यूट आॅफ साइंस, बंगलोर ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है इस महोत्सव से विभिन्न देशों के छात्रों के बीच सौहार्द एवं सहयोग का जो वातावरण निर्मित हुआ है, वही आगे चलकर विश्व एकता की आधारशिला बनेगा। उन्होंने विश्वास व्यवक्त किया कि यह महोत्सव निश्चित ही मानवता के कल्याण हेतु भावी पीढ़ी को प्रतिबद्ध बनायेगा।
‘क्वेस्ट-2011’ के भव्य पुरस्कार वितरण व समापन समारोह में सी.एम.एस. छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की सतरंगी छटा बिखेर कर देश-विदेश से पधारे छात्रों, टीम लीडरों व प्रख्यात विशेषज्ञों को झूमने पर मजबूर कर दिया। भारतीय संस्कृति से सराबोर शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों से विदेशी मेहमान गद्गद व प्रफुल्लित दिखाई दिये साथ ही तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा आॅडीटोरियम गूँज उठा। कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्व-धर्म व विश्व शान्ति प्रार्थना से हुआ। भारतीय संस्कृति में छिपी अनेकता में एकता को सुन्दर नृत्यों द्वारा मंच पर प्रस्तुत किया गया।
क्वेस्ट-2011 के समापन अवसर पर देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों का आभार व्यक्त करते हुए महोत्सव की संयोजिका व सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर (प्रथम कैम्पस) की प्रधानाचार्या सुश्री दीपा तिवारी ने कहा कि आज के इस आधुनिक युग में विज्ञान का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है अतः सभी छात्रों में विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में महारथ हासिल करना आवश्यक हो गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बायोटेक्नोलाॅजी के इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव ने लखनऊ के ही छात्रों में नहीं अपितु पूरे विश्व में विज्ञान की नई शाखा को जानने, समझने व मानवता के कल्याण में इसके सदुपयोग की ऐसी लहर प्रवाहित की है, जो आगे चलकर आदर्श समाज की स्थापना में मील का पत्थर साबित होगी। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने सभी प्रतिभागी छात्रों को अपना आशीर्वाद दिया व उन्हें सभी मतभेद मिटाकर विश्व नागरिक बनकर समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव युवा पीढ़ी का रुझान सम्पूर्ण मानवता के कल्याण हेतु प्रेरित करने में यह महोत्सव निश्वित ही सफल हुआ है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि क्वेस्ट-2011 के चैथे व अन्तिम दिन आज प्रातःकालीन सत्र में ‘टर्नकोट प्रतियोगिता’ सम्पन्न हुई, जिसमें देश-विदेश के छात्रों ने बड़े उत्साह से प्रतिभाग कर जैव प्रौद्योगिकी के अपने ज्ञान का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में 40 टीमों ने प्रतिभाग किया एवं प्रत्येक प्रतिभागी छात्र को अलग-अलग विषयों पर पक्ष व विपक्ष में अपनी बात रखने के लिए एक-एक मिनट का समय दिया गया। ‘वेस्टर्नाइजेशन इज गुड फाॅर अॅवर कल्चर’ के पक्ष में बोलते हुए एक छात्र ने पक्ष में बोलते हुए कहा कि आज हमने जो प्रगति की है, वह पश्चिमी सभ्यता से जुड़कर ही की है जबकि इसी विषय पर विपक्ष में बोलते हुए कहा कि अगर हमने अपनी पुरानी परम्पराएं न अपनायी होती शायद आज गर्त के गड्ढे में होते। इसी प्रकार ‘जस्ट सोसाइटी शुड नाॅट गिव डेथ पेनाल्टी’ विषय पर पक्ष में विचार रखते हुए छात्र ने कहा कि अपराधी भी हमारी तरह मनुष्य ही है जो परिस्थितिवश अपराध करता है इसलिए उसे सुधरने का अवसर अवश्य देना चाहिए जबकि विपक्ष में विचार रखते हुए छात्र ने कहा कि यदि अपराधी को कठोर दंड नहीं दिया गया तो अन्य लोगो को सबक नहीं मिल सकता। इसी प्रकार अलग-अलग विषयों पर अपने सारगर्भित विचारों से प्रतिभागी छात्रों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। प्रतियोगिता में निर्णायकों की भूमिका सुश्री अर्चना श्रीवास्तव, टाइम्स आॅफ इण्डिया, सुश्री उर्मी तिवारी, माउण्ट कार्मेल स्कूल एवं प्रो. यू.डी. मिश्रा, एच.ओ.डी., फिजिक्स, लखनऊ विश्वविद्यालय ने निभाई।
श्री शर्मा ने बताया कि चार दिन तक चले इस अन्तर्राष्ट्रीय बायोटेक्नोलाॅजी महोत्सव में 11 देशों सिंगापुर, रूस, जार्डन, कजाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, गाम्बिया, नेपाल, भूटान, जापान व भारत से पधारे लगभग 500 बाल वैज्ञानिक विभिन्न प्रतियोगिताओ के माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी के अपने ज्ञान का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। श्री शर्मा ने कहा कि हालाँकि यह अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव आज सम्पन्न हो गया परन्तु इसके माध्यम सी.एम.एस. ने विश्व एकता की जो मशाल जलाई है, उसकी रोशनी सारे विश्व में अवश्य फैलेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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