केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम 2011 को समाप्त कराने के लिए देष के संत धर्माचार्य अब आर-पार की लडाई लडेंगे। संत-धर्माचार्यो की अयोध्या के कारसेवकपुरम् में आवष्यक बैठक के तहत इस अधिनियम को काला कानून बताते हुए राश्ट्र जागरण करने का आवाहन किया गया है। श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष मंहत नृत्यगोपाल दास जी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में संतों ने कहा केन्द्र सरकार हिन्दू समाज का दमन करने के लिए अन्तर्राश्ट्रीय शडयंत्रकारी षक्तियों से मिल गयी है।
कारसेवकपुरम् के भारत कल्याण प्रतिश्ठान में प्रातः 10 बजे से आयोजित एक दिवसीय बैठक को विष्व हिन्दू परिशद के अन्तर्राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री अषोक सिंहल ने संबोधित करते हुए कहा हिन्दू समाज का अस्तित्व इस पृथ्वी पर रहेगा यह विचारणीय प्रष्न है? जिस प्रकार का साम्प्रदायिक एवं लक्षित अधिनियम को पास कराने के लिए केन्द्र सरकार उतावली है उससे प्रतीत होता है कि इस देष पर ईसाई साम्राज्यवादी षक्तियों का प्रभाव जड जमा चुका है। उन्होनंे कहा षीतकालीन संसद सत्र में इसे पास कराने का भरपूर प्रयास होगा जिसे सफ ल नहीं होने दिया जाये। संतों और धर्माचार्यो का अपमान और भ्रश्टाचार मंे आकंठ ठूबी कांग्रेस की यह सरकार हिन्दू समाज को इस पृथ्वी से समाप्त करने का लगातार कुचक्र रच रही है। गंगा, गऊ और गायत्री और भारतीय संस्कृति इसके रहते हुए सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए इसे बदलने की आवष्यकता है। और यह तभी संभव होगा जब देष के 100 करोड हिन्दूओं को जागृत कर उनके स्वाभिमान को झंकृत किया जायेगा। जब-जब देष की संत षक्ति ने कोई निर्णय लिया है तो उसकी सफलता में साक्षात् ईष्वरीय षक्ति ने सहयोग किया। इस प्रकार के काले कानून का हश्र भ्रूण हत्या के समान होगा।
पूर्व सांसद व श्रीरामजन्मभूमि न्यास के सदस्य डा.रामबिलासदास वेदान्ती ने कहा केन्द्र सरकार हिन्दू विरोध की पराकाश्ठा पार कर चुकी है। साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा को लागू कराने के प्रयास में स्वयं सोनिया गांधी का हाथ है वह अपने इटली के एजेन्डे को इस देष में लागू कराने में तत्पर है। जिस राश्ट्रीय सलाहकार परिशद की वह अध्यक्ष है उसमें अधिकतर सदस्य हिन्दुओं का विरोध करने वाले हैं। उनके द्वारा प्रस्तावित यह कानून कैसे सर्वमान्य हो सकता है। इससे पूर्व विष्व हिन्दू परिशद के संयुक्त महामंत्री चम्पतराय ने श्रीराम जन्मभूमि की अदालती कार्यवाई की अद्यतन स्थिति पर प्रकाष डालते हुए साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम के प्रत्येक बिन्दुओं पर विस्तार पूर्वक संतों के बीच में रखा।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे महंत नृत्यगोपालदास महाराज ने कहा राश्ट्रीय सलाहकार परिशद का विरोध पूरे देष में किया जाना चाहिए। साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम राश्ट्र हित में नहीं अन्तर्राश्ट्रीय साजिषों के तहत ईसाई व मुस्लिम हित इस देष में थोपने का प्रयास है। उन्होंने कहा अब अल्पसंख्यक षब्द की व्याख्या होनी चाहिए। कौन हैं अल्पसंख्यक? और उनकी जनसंख्या कितनी है? क्या देष के विभिन्न भागों में जहाॅं पर हिन्दूओं की सुख्या 20 प्रतिषत है उनको अल्पसंख्यक माना गया फिर दूसरे संप्रदाय के 25 करोड लोगों की आबादी को कैसे अल्पसंख्यक माना जाये? साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम को कानूनी जामा पहनाने से पूर्व राश्ट्रव्यापी जन जागरण किया जायेगा। बैठक को सद्गुरू सदन गोलाघाट के महन्त सिया किषोरी षरण, सनकादिक आश्रम के महंत कन्हैया दास, सियाराम किला के महंत करूणानिधानषरण, रंग मंहल के महंत रामषरणदास, महामंडलेष्वर प्रेम षंकर दास, महामंडलेष्वर सीताराम त्यागी, रामायणी रामषरणदास, महंत राम अवतार दास, महंत रामकृश्णदास, नृसिंहदास, रामायणी रामषंकरदास, महंत राजीव लोचनषरण, महंत बृजमोहन दास आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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