शि़क्षा विभाग द्वारा 50 लाख रूपए के मुख्य अभियुक्त की पत्नी सुनीता देवी के आज किए स्थानांतरण में जहां एक ओर अदालती आदेशों की अवहेलना की गई तो वही दूसरी ओर शासन के आदेशों को ताक पर दिया। विदित हो कि सुनीता त्यागी अहिरोरी विकास क्षेत्र में बीआरसी के पद पर उच्च न्यायालय की डबल बेंच के आदेश से कार्यरत है तथा उन्हें बीआरसी पद से हटाने के लिए न्यायालय की अनुमति आवश्यक है। परंतु इस तथ्य की अनदेखी करते हुए आज उन्हें अहिरोरी के बीआरसी पद से हटा दिया गया। वहीं दूसरी ओर कछौना में बीआरसी का पद वहां के बीआरसी सोमेंद्र यादव के हटने के कारण रिक्त हुआ था क्योंिक कछौना बीआरसी प्रकरण अदालत में नहीं है। इसके चलते कछौना में आज बेसिक शिक्षाधिकारी पदेन रूप से कार्य करेगें। इस शासना देश को ताक पर रख दिया गया हैं सुनीता देवी को बीआरसी पद से हटाकर कछौना का बीआरसी बनाया गया हैं अभी हाल में सुनीता देवी के पति शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष योगेश त्यागी ने एक प्रेस वार्ता के दौरान हमारें संवाददाता को बताया कि उन पर और उनकी पत्नी पर जो आरोप लगाए गए है वह निराधार है और मुझे और मेरी पत्नी को झूठे आरोपों में फसाया जा रहा है। लाखों रूपयों का घोटाला में कई लोग शामिल है यह समय पर पता चलेगा क्योकि किसी सत्तारूढ़ नेता की मेहरबानी है जबकि योगेश त्यागी को कैसे बनाया गया जबकि चारों तरफ विवादोें से घिरे हुए त्यागी जी पर आखिर शिक्षा विभाग कैसे मेहरबान हुआ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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