सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर (प्रथम कैम्पस) द्वारा सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित किए जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय बायोटेक्नोलाॅजी महोत्सव ‘क्वेस्ट-2011’ के तीसरे दिन विज्ञान एवं कला का अद्भुद का अद्भुद संगम दिखाई दिया। ‘क्वेस्ट-2011’ के अन्तर्गत आज जहाँ एक ओर 11 देशों से पधारे प्रतिभागियों ने क्विज, कोलाज, पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन, वेब डिजाइनिंग आदि विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपने ज्ञान-विज्ञान का बेहतरीन प्रदर्शन किया तो वहीं दूसरी ओर ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों ने अपने सारगर्भित व्याख्यानों से छात्रों का खूब मार्गदर्शन किया। इतना ही नहीं, जैव प्रोद्योगिकी पर आधारित सेमिनार में भी देश-विदेश के छात्रों की उत्सुकता देखते ही बनती है, जिसके माध्यम से प्रतिभागी छात्रों को इस विषय से सम्बन्धित नवीन व अनूठी जानकारियाँ प्राप्त करने का अवसर मिला। इससे पहले अन्तर्राष्ट्रीय क्वेस्ट-2011 के तीसरे दिन का उद्घाटन आज प्रातः मुख्य अतिथि डा. एम. के. मिश्रा, वाइस-चांसलर, लखनऊ यूनिवर्सिटी, ने दीप प्रज्जवलित कर किया जबकि अध्यक्षता डा. वी.पी. कम्बोज, पूर्व निदेशक, सी.डी.आर.आई., लखनऊ ने की।
इस अवसर पर अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य अतिथि डा. एम. के. मिश्रा ने विश्वास व्यक्त किया कि बायोटेक्नोलाॅजी की रोचक प्रतियोगिताएं बच्चों को जीवन के नये-नये आयामों से परिचित करायेंगी तथा दुनिया भर से बच्चे इस महोत्सव से लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में जैव प्रौद्योगिकी का आज अपना एक अलग मुकाम है और सम्भवतः यह विज्ञान की वह शाखा है जो कि पूर्णतया मानवता के कल्याण को समर्पित है। यह ईश्वर प्रदत्त प्रकृति के लगभग सभी आयामो को अपने में समेटे हुए है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए
डा. वी.पी. कम्बोज, पूर्व निदेशक, सी.डी.आर.आई., लखनऊ ने जेनेटिकली मोडीफाईड फूड एवं प्राकृतिक तत्वों की विस्तृत जानकारी दी और कहा कि प्रकृति भी अपने आप को समयानुसार परिवर्तित करती रहती है। कीनोट एड्रेस देते हुए डा. जी. चैधरी, हेड आॅफ डिपार्टमेन्ट, गैस्ट्रोलाॅजी, एस.जी.पी.जी.आई, लखनऊ ने कहा कि मानव शरीर में करीब अठाइस हजार जीन्स होते हैं जो उसका व्यवहार, आकार-प्रकार एवं बीमारियां आदि तय करते हैं। उन्होंने देश-विदेश के छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह अन्तर्राष्ट्रीय क्वेस्ट-2011, जैव प्रौद्योगिकी जैसे सुरुचिपूर्ण विषय में छात्रों को नवीन जानकारियों से लबालब करने में मील का पत्थर साबित होगा।
आज की प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ क्विज प्रतियोगिता से हुआ, जिसका फाइनल राउण्ड आज सम्पन्न हुआ। लिखित प्रतियोगिता के उपरान्त 24 टीमों को चयनित किया गया जिसमें अन्ततः 12 छात्र टीमों ने फाइनल राउण्ड में जगह बनाई। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्रों के ज्ञान-विज्ञान का प्रदर्शन देखने हेतु पूरा आॅडिटोरियम खचाखच भरा था और प्रतिभागी छात्रों ने भी बिजली की गति से सवालों के जवाब देकर दर्शकों को निराश नहीं किया। प्रतियोगिता का कुशल संचालन प्रख्यात क्विज मास्टर श्री बैरी ओ ब्राइन ने अत्यन्त रोचक तरीके से करके दर्शको को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस प्रतियोगिता में भौतिकी, रसायन शास्त्र, बायोटेक्नोलाॅजी समेत विज्ञान की विभिन्न शाखाओं से सवाल पूछे गये।
वेबसाइट डिजाइनिंग प्रतियोगिता के माध्यम से देश-विदेश से पधारे छात्र-छात्राओं ने कम्प्यूटर के माध्यम से बायोटेक में अपने ज्ञान व क्षमता का भरपूर प्रदर्शन किया। देश-विदेश की लगभग 40 छात्र टीमों ने इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया एवं दुनिया भर के लोगों को बायोटेक की उपयोगिता से परिचित कराया। ‘कम्प्यूटेशनल जेनोमिक्स’ विषय पर सम्पन्न हुई इस प्रतियोगिता में छात्रों की प्रतिभा देख सभी दंग रह गये। प्रतिभागी छात्रों के ज्ञान-विज्ञान को जांचने के लिए डा. सुनील कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक, बायोइन्फार्मेटिक्स, बायोटेक पार्क, लखनऊ, डा. निखिल गर्ग, वरिष्ठ वैज्ञानिक, बायोइन्फार्मेटिक्स, आई.टी.आर., लखनऊ एवं डा. दीपक चन्द्रा, डिपार्टमेन्ट आॅफ बायोकेमिस्ट्री, लखनऊ विश्वविद्यालय उपस्थित थे। इसी प्रकार कोलाज प्रतियोगिता में भी छात्रों ने दिये गये विषय पर सुन्दर कोलाज बनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रतियोगिता के अन्तर्गत देश-विदेश की 56 छात्र टीमों ने ‘रोल आॅफ बायोटेक्नोलाॅजी इन सस्टेनबल डेवलपमेन्ट’ विषय पर सूखे पत्ते, रुई, कपड़े के टुकड़े, अण्डे के छिलके, जूट, धातु के तार व कागज के साथ सुन्दर कोलाज बनाए व अपने विचारों की अभिव्यक्ति की और अपनी प्रतिभा का भरपूर प्रदर्शन किया। कोलाज प्रतियोगिता में निर्णायकों की भूमिका डा. समीर शर्मा, बायोकेमिस्ट्री विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, श्रीमती जे. भट्टी, क्राइस्ट चर्च कालेज एवं श्री अविनाश लिटिल, वरिष्ठ आर्टिस्ट, एन.बी.आर.आई. लखनऊ ने निभाई।
इसके अलावा अपरान्ह सत्रः में ‘ग्रीन बायोटेक्नोलाॅजी एण्ड क्लाइमेट चेन्ज’ विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ, जिसमें देश-विदेश की 42 छात्र टीमों ने प्रतिभाग किया। सेमिनार में देश-विदेश से पधारे बच्चों ने बायोटेक पर अपने ज्ञान-विज्ञान का जमकर उपयोग किया एवं खचाखच भरे आॅडिटोरियम में उपस्थित देश-विदेश के प्रतिभागियों को मानव स्वास्थ्य की देखभाल में बायोटेक की बढ़ती भूमिका से परिचित कराया।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि यह अन्तर्राष्ट्रीय बायोटेक्नोलाॅजी महोत्सव बड़ी ही सफलतापूर्वक अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। ‘क्वेस्ट-2011’ कल दिनाँक 6 अगस्त को अपरान्हः 3.00 बजे रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों एवं पुरस्कार वितरण के साथ सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में सम्पन्न हो रहा है, जिसमें देश-विदेश के विजयी प्रतिभागियों को शील्ड, मैडल, सार्टिफिकेट आदि पुरस्कारों से पुरष्कृत कर सम्मानित किया जायेगा। इस अवसर पर प्रो. जी. पद्मनाभम, डिपार्टमेन्ट आॅफ बायोकेमिस्ट्री, इण्डियन इन्स्टीट्यूट आॅफ साइंस, बंगलोर, मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा प्रातःकालीन सत्र में ‘टर्नकोट’ प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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