राष्ट्रीय लोकदल के सांसद जयंत चैधरी ने आज प्राइवेट मेंबर बिल के रूप में लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल पेश किया, जिसमें उन्होंने किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्राविधान शामिल किये है।
लोकसभा में पेश किये गये अंग्रेजी हकूमत के भूमि अध्ग्रिहण कानून यानि भूमि अध्ग्रिहण एक्ट 1894 तथा संशोधनों को रद्द करने का प्राविधान है। नया बिल देश में बडे पैमाने पर सरकारों द्वारा जबरन भूमि अध्ग्रिहण कर निजी कंपनियों को लाभ देने से रोक सकेगा।
इस बिल के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैः-
1. सार्वजनिक उद्देश्य की परिभाषा स्पष्ट की गई है। इस बिल के तहत सरकार केवल बुनियादी सुविधाओं के लिए ही भूमि का अधिग्रहण कर सकती है जिसमें आम जनता को इससे फायदा हो तथा अधिग्रहण के तहत सरकार की परियोजना में उसकी 51 फीसदी इक्विटी होगी।
2. अर्जेंसी क्लाॅज का रिस्ट्रीक्ड इस्तेमाल
3. अधिग्रहण से पहले किसानों व भू-स्वामियों को नोटिस जारी होंगे।
4. एक सीमित समय में भूमि अधिग्रहण की सभी प्रक्रियां पूरी होंगी।
5. भूमि का मुआवजा उच्चतम दर देने का प्राविधान होगा। जमीनों का मुआवजा देने के लिए वह दर मानी जाएगी जो अधिग्रहण से एक साल पहले उच्चतम दर के रूप में पंजीकृत हो। और उस जमीन का बाजारी भाव तय करते समय किस उद्देश्य से भूमि अधिग्रहित की गई है इसका भी विवरण मुआवजे में स्पष्ट होगा।
6. भूमि अधिग्रहण बिल के तहत भूमि अधिग्रहण के मुआवजे और विवाद के निपटारे के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर प्राधिकरण बनाये जाएंगे।
7. यदि भूमि अधिग्रहण के बाद पांच साल तक उस पर कोई निर्माण या परियोजना जिस उद्देश्य से भूमि अधिग्रहण किया गया है नहीं होता तो भूमि स्वामी एक साल के अंदर वापसी का दावा कर सकता है।
लोकसभा में प्राईवेट भूमि अधिग्रहण बिल को पेश करने का उद्देश्य किसानों के सामने भूमि अध्ग्रिहण को लेकर आ रही समस्याओं का समाधान करना है। इस बिल को लोकसभा वेबसाइट www.rashtriyalokdal.com से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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