इटावा व आगरा के संबंधित अधिकारियों के मण्डलायुक्त के निर्देश
मण्डलायुक्त अमृत अभिजात ने निर्देश दिए है कि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी शासन द्वारा जारी निर्देशात्मक तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए विभिन्न गतिविधियों की प्रतिबन्धित या विनियमित/अनुमति लेकर संचालन आदि के बारे में अपनी आख्या अबिलम्व प्रस्तुत करें ताकि इको सेन्सिटिव जोन की संरचना हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जा सके।
मण्डलायुक्त आज यहां कमिश्नरी सभागार में राष्ट्रीय चम्बल, वन्य जीव विहार हेतु ईको सेन्सिटिव जोन का निर्धारण किये जाने हेतु आहूत बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में ईको सेन्सिटिव जोन पर परिचर्चा के साथ जोन के सम्बन्ध में चम्बल सेन्चुरी के मानचित्र पर चिन्हीकरण, इस जोन में भविष्य में होने वाले विकास कार्यो के चिन्हीकरण और ईको सेन्सिटिव जोन निर्धारण होने से लाभ आदि पर भी चर्चा की गई।
आगरा वृत्त के वन संरक्षक विभाग रंजन ने मुख्य सचिव उ0प्र0 के आदेश की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में स्थित दुधवा नेशनल पार्क तथा 24 वन्य जीव विहार/पक्षी विहारों के चारों ओर ‘‘ईको सेन्सिटिव जोन‘‘ का निर्धारण पर्यावण एवं वन मंत्रालय के दिशा निर्देश के अनुरूप किया जाना है।
राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव विहार के डी.एफ.ओ. नीरज कुमार ने ईको सेन्सिटिव जोन के सम्बन्ध में दिशा निर्देशो की जानकारी दी। उन्होंने इस जोन में विभिन्न गतिविधियों को रेगुलेट/प्रतिबन्ध आदि के बारे में कहा कि लकडी की टाल, ईंट भटृा,उद्योग, हाई टेंशन विद्युत लाइन, होटल व रिसोर्ट, प्लास्टिक बैग का उपयोग, मौरगं/बालू तथा मछली पालन सहित विभिन्न विभागों द्वारा संचालित और भविष्य मे संचालित होने वाली गतिविधियों के सम्बन्ध में आख्या उपलब्ध करा दें।
उप जिलाधिकारी बाह ए0के0 मिश्रा ने मानचित्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि तहसील बाह के तीन विकास खण्डो-पिनाहट-बाह- जैतपुर के अन्तर्गत पाॅच थाना क्षेत्र मनसुखपुर, पिनाहट, बासौनी, खेडा राठौर, जैतपुर क्षेत्र आते है।
डी.एफ.ओ.-एन.के. जानु ने बताया कि वन क्षेत्र में नान फारेस्ट एक्टिविटी की स्वीकृति हेतु निर्धारित प्रारूप पर प्रस्ताव दिया जाता है। जिसे स्वीकृत हेतुु शासन को भेजना होता है।
बैठक में आगरा तथा इटावा जनपदों के विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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