बीते वित्तीय वर्ष में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मरीजों के इलाज के लिये चयनित कई निजी अस्पतालों में व्यापक अनियमितता के चलते जिला प्रशासन द्वारा ब्लैक लिस्टेड करके इस बार उनका पत्ता साफ कर सरकारी अस्पतालों की संख्या बढ़ा दिया है। प्राप्त सूचना के अनुसारे राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में कई निजी अस्पतालों के स्मार्ट कार्ड के द्वारा गरीबों के इलाज के लिये चयनित किया गया था। परन्तु भारी अनियमितता के चलते उनके स्मार्ट कार्ड का नवीनीकरण नही किया गया। निजी अस्पतालों मे स्मार्ट कार्ड पर ऐसे रोगों का इलाज एवं आपरेशन कर दिया जो सुविधा उन अस्पतालेां में थी ही नही। यही नही एक -एक दिन में भर्ती मरीजांें की सख्ंया बेडों से अधिक दिखा दी गयी थी। इस तरह फर्जीवाड़ा कर कुछ अस्पतालों ने सरकार के लाखों रूपये डकार गये। योजना के तहत इस बार ऐसे अस्पतालों को बाहर कर दिया गया। जिन्होंने नियमतः कार्य नहीं किया । चालू वर्ष में स्मार्ट कार्ड पर इलाज के लिये नये अस्पतालों मंे सरकारी चिकित्सालयेां केा वरीयता दी गयी है । इसबार सात सरकारी अस्पतालों को इस योजना में और शामिल किया गया। अब स्मार्ट कार्ड पर इलाज करने वालो में सरकारी अस्पतालों की संख्या 23 हो गयी है। इस प्रकार 14 निजी एंव 9 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। सरकारी अस्पतालो में जिला महिला एंव जिला चिकित्सालय भी शामिल हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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