फैशन का रूप में उभर रहा है नशा, कब बंद होगा यह नशे का खेल ?

Posted on 03 August 2011 by admin

देश का भविष्य दांव पर, सिगरेट व स्मैक का खुलेआम धुआं उड़ाते नजर आते है युवा

आखिर कहां गया नशा अन्मूलन अभियान? क्यो नहीं थम रही हैं नशीले पदार्थों की बिक्री, क्या यूहीं चलता रहेगा यह नशे का खेल। अगर हां तो समझ लीजिए कि देश का भविष्य कहलाने वाले नौनिहाल छोटे-छोटे बच्चे इसकी चपेट में आकर अपना व देश का भविष्य चैपट करने पर आमादा है। वहीं सरकारी कम्पनियों से मोटा कमीशन लेकर इनको बढ़ावा दे रही है। जहां आज पान मसाला, गुटका, सिगरेट स्मैक अब फैशन का रूप लेता जा रहा है। वहीं युवा वर्ग अब खुले आम गुटके की पिचकारी व सिगरेट का धुआं उड़ाते नजर आ रहे हैं। अधुनिकता की दौड़ में जहां नशे ने फैशन का रूप ले लिया है। वहीं युवा वर्ग इस नशे को अपनी शान समझते हैं। अब तो फैशन का आलम यह है कि जहां पहले पुरूषों में था। वहीं अब युवा छात्र, छात्रायें व महिलायें भी इसकी दौड़ में पूरी भागीदारी निभा रही है। जिसका परिणाम यह है कि आज देश का भविष्य कहलाने वाले युवा खुलेआम सिगरेट का कश लेते नजर आ रहे हैं। इन नशीले पदार्थों ने लोगों के दिलों में इस तरह से घर बना लिया रखा है। कि स्कूली छात्र,छात्रायें व महिलायें पान की दुकान पर जाकर इसे खरीदनें में हिचक महसूस नहीं करतीं। और यही कारण है कि निरन्तर विक्री बढ़ने के कारण पान मसाला, गुटका व सिगरेट के मूल्यों में वृद्वि हो गयी है। इसके बाद भी इसकी विक्री पर कोई फर्क नही पड़ा जिस कारण बाजार में ऐसी नशीली पदार्थों की विक्री के अनगिनत कम्पनियां उतर आयी हैं। वरहाल जहां इन नशीले पदार्थों पर अंकुश लगना नामुमकिन लग रहा है। वहीं युवा पीढ़ी इस नशीले अंधेरे कुऐं में गिरकर अपना जीवन बर्वाद करने पर तुले हैं। वहीं यह कम्पनियां दोनों हांथो से धन बटोर रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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