जैसे-जैसे मानसून सक्रिय होता है वैसे-वैसे कस्बा मीरानपुर कटरा के ग्राम मरेना में समस्यायें उत्पन्न हो जाती हैं। जहां ग्राम के सम्पर्क मार्ग बंद हो जाते हैं। वहीं ग्राम की गलियां नालियां चोक होने के कारण तालाब में तब्दील हो जाती है तथा गांव के चारों ओर पानी हो जाने के कारण ग्रामवासियों के आवागमन का रास्ता बंद हो जाता है।
जहां केन्द्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अधिक से अधिक वजट भेज कर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सौन्दर्यीकरण व शहरीकरण लाने का प्रयास कर रही है। वहीं नगर के समीप सटा ग्राम पंचायत वीरमपुर के अन्तर्गत आने वाला ग्राम मरेना आज भी अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित नजर आ रहा है। जहां ग्राम में जाने के लिए शारदा नहर की पटरी से निकाला गया सम्पर्क मार्ग इस बरसात के पानी से लबालब है। वहीं ग्रामीण कस्बा आने के लिए खेतों की पगडंडी से होकर गुजर रहे हैं। जैसे तैसे गांव में पहुंचने पर अगर दृष्टिपात किया जाये तो साफ नजर आयेगा कि बीसवीं सदी में बसे गांव आज भी त्रासदी की तरह नजर आ रहे हैं। गांव में बिजली के नाम पर जहां खाली पोल खड़े नजर आ रहे हैं। वहीं पूरे गांव के मार्ग कीचड़ व पानी से लबाजब भरे हुए हैं तथा लोग उसी कीचड़ उक्त मार्ग से आवागमन कर रहे हैं। पढ़ने लिखने वाले छोटे-छोटे बच्चे उस कीचड़ में खेल रहे हैं। पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम मंे एक प्राथमिक विद्यालय है, परन्तु आज वह अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रह है। विद्यालय जरा सी बरसात में टपकने लगता है। पूरा विद्यालय जर्जर अवस्था में खड़ा है। जिसके भय के कारण ग्रामवासी बच्चों को भेजने से कतरा रहे हैं। ग्राम वासियों की सबसे बड़ी गम्भीर समस्या सरकार द्वारा दी जाने वाली योजना का है। ग्राम प्रधान ने किसी भी ग्रामवासी का वृद्धापेंशन, विधवा पेंशन व राशन कार्ड जैसी योजनाओं में अभी तक सम्मिलित नहीं किया गया। जिस कारण ग्रामीणों मंे जनप्रतिनिधियों के विरूद्ध आक्रोश उबल रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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