मिड डे मील की सुचारू व्यवस्था चलने का सरकार लाख दावें करे या ढ़ोल पीटे परंतु सच्चाई क्या है यह सभी जानते है। मालूम हो कि नगर क्षेत्र के विद्यालयों में भोजन स्कूल में न बनकर ठेका सिस्टम द्वारा सभासदों के घरों से बनकर ठेलियों द्वारा लाकर बटवाया जा रहा है। परिषदीय विद्यालय प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक के ग्रामीण क्षेत्र मंे तो कुछ मामला पटरी पर नजर आया पर शहर के विद्यालयों में रसोईयों पर लाखों खर्च करके उपयोग न करके खुली आंखों को धोखा देने का काम किया जा रहा हैै शहर के छह जूनियर तथा 13 प्राथमिक विद्यालयों में से एक में भी स्कूल में खाना नहीं बन रहा क्यांे ? इस संबंध में शिक्षक और शिक्षिकाओं का कहना है भोजन कैसे बना तेल मसाला का उपयोग हुआ कि नहीं हम नहीं जानते जो किसी बडे़ हादसे को दावत दे रहे है। बेसिक शिक्षाधिकारी सियाराम निर्मल का तो बस हर बात का एक ही जबाव रहता है कि मामला संज्ञान में आया है ध्यान दे रहा हूं जल्द ही समाधान निकलेगा। हमारे संवादाता को मिली जानकारी के अनुसार टोडरपुर ब्लाॅक ग्राम पैगूसराॅय प्राथमिक विद्यालय की शिक्षा मित्र क्षमादेवी की मीड डे मील से स्कूल में तबियत खराब हो गई जिसे उपचार हेतु जिला अस्पताल भर्ती कराया गया। ज्ञात हो कि प्राथमिक विद्यालय पैगूसराॅय की प्रधानाचार्य मोहम्मद सलीम से शिक्षामित्र के द्वारा मिड डे मील की शिकायत करने पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आलम यह है कि विद्यालय में न तो पानी की व्यवस्था है न शौचालय की। जिसके चलते बच्चों और शिक्षक दोनों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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