विलग्राम तहसील के लगभग तीन दर्जन किसानों के साथ मोबाइल टावर लगाने के नाम पर लाखों की ठगी करने का मामला जब जानकारी में आया तो अधिकारियों के होश उड़ गए। हमारें संवाददाता को बताया गया कि जमीन का किराया और नौकरी का लालच देकर किसानोें से इंजीनियर और प्रोजेक्ट मैनेजर बनकर प्रतिव्यक्ति 35 से 50 हजार रूपए लेकर व कंपनी के तथाकथित इंजीनियर और प्रोजेक्ट मैनेजर फरार हो चुके है। टावर लगाने के नाम बकायदा रणनीति अपनाकर स्टांप बनवाकर पैसा वसूला गया। घटना मे आहत लोगों में रामस्वरूप, बाबूराम, श्रीकृष्ण निवासी नीलकंठ शिवराज ने कोतवाली में प्रार्थना दिया वहीं अतर्छा निवासी बुजुर्ग ने कहा एक साल पहले विभिन्न कंपनियों के मोबाइल टावर लगाने के नाम पर तथाकथित इंजीनियर उमेश मिश्रा और प्रोजेक्ट मैनेजर दीपक जलालपुर के साथ मिलकर राकेश शर्मा ने डील करवाई थी। उसके बाद 35 से 50 हजार रूपए जमा करवाए। एक साल गुजर जाने पर उन लोगों ने राकेश को घेरा तो राकेश ने बताया कि हमने भी स्वयं नौकरी के लिए 15 हजार दिए है। इस प्रकार लगभग डेढ़ दर्जन लोगों के साथ किसान भी इस ठगी का शिकार बनें। किसानों का कहना है हमने पैसा कंपनी के उमेश और दीपक को दिए है। वह अपने एग्रीमेंट, स्टंाप, जमीन के कागज, हल्फनामा, आदि लेकर घूम रहे है। इन कर्मचारियों द्वारा की गई करीब 50 लाख ठगी का मामला तहसील में ही नहीं पूरे जनपद में चर्चा का विषय बन चुका है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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