सदर तहसील में हुए अधिवक्ता-लेखपाल विवाद मामले में दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए हैं। लेखपालों ने धरना देकर आरोपित अधिवक्ता की गिरफ्तारी नहीं होने तक कार्य बहिष्कार जारी रखने की अपनी जिद दोहराई तो अधिवक्ताओं ने भी प्रदर्शन कर लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का ऐलान कर दिया। आज वे अदालती कामकाज से विरत रहे।
शनिवार को तहसील परिसर में ऊपरी तल पर लेखपाल संघ ने अपने साथी विकास पांडेय के साथ मारपीट करने वाले अधिवक्ता रज्जन बाबू मिश्र व उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर रोष जताया। संघ के मंत्री विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि जबतक अधिवक्ता का लाइसेंस निरस्त होने के साथ ही गिरफ्तारी नहीं हो जाती लेखपाल हड़ताल पर रहेंगे। सभी ने एक स्वर में विकास पांडेय पर दर्ज एफआईआर वापस लेने की भी मांग की। इससे पहले राजस्व संग्रह अमीन संघ के जिलाध्यक्ष अमरनाथ गौतम व गन्ना पर्यवेक्षक संघ के अध्यक्ष हरीशचंद्र श्रीवास्तव ने धरने पर जाकर लेखपालों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया।
इस मौके पर सर्वेश कुमार, रामनाथ सिंह, रामनरायन वर्मा, इंदुभूषण पांडेय, वेदराम, आशुतोष, अनुपम तिवारी आदि मौजूद रहे। उधर सदर तहसील बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से विरत रहकर प्रदर्शन किया। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल मिश्र की अध्यक्षता में हुई सभा में वक्ताओं ने लेखपालों पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा अधिकारी इसपर कार्रवाई करें। अधिवक्ता रज्जन बाबू व उनके पुत्र के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने तथा सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में लेखपाल विकास पांडेय को निलंबित कर गिरफ्तार करने की मांग की गई। वकीलों का कहना था कि जबतक मांग पूरी नहीं होती तबतक वे न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस दौरान महेश चंद्र, आदर्श, महेंद्र कुमार, राजेश कांत, राजीव दीक्षित, विनोद श्रीवास्तव, महेंद्र बाजपेयी आदि मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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