- मा0 अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अब चिकित्सा विश्वविद्यालय जैसे परिसर में गम्भीर मरीजों के स्वास्थ्य का ध्यान न रखते हुए अपनी पार्टी के निहित स्वार्थों के चलते राजनैतिक गतिविधियों को अन्जाम दे रहे हैं, जो कि अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है
- छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय के अनुरोध को ठुकराकर परिसर पहुंचना दुर्भाग्यपूर्ण-बी0एस0पी0 प्रवक्ता
- प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार में दलितों का हित पूरी तरह सुरक्षित
बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी0एल0 पुनिया के भ्रमण को पूरी तरह राजनीति से प्रेरित बताते हुए उनके द्वारा दिए गए बयान को पूरी तरह से निराधार, असत्य और अनर्गल ठहराया है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नवीन सत्र की शुरूआत की अत्यधिक व्यस्तता के कारण भ्रमण को निरस्त करने के अनुरोध के बावजूद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी0एल0 पुनिया का विश्वविद्यालय पहुंचना और इस प्रकरण को राजनीतिक रंग देकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मा0 अध्यक्ष को यह ध्यान रखना चाहिए था कि चिकित्सा विश्वविद्यालय परिसर में गम्भीर मरीज भी भर्ती रहते हैं और पठन-पाठन का वातावरण रहता है। ऐसे स्थान पर इस प्रकार की राजनैतिक गतिविधियांे से मरीजों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता ही है, साथ में शैक्षणिक वातावरण भी प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि मा0 अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पुनिया अब चिकित्सा विश्वविद्यालय जैसे परिसर में गम्भीर मरीजों के स्वास्थ्य का ध्यान न रखते हुए अपने और अपनी पार्टी के निहित स्वार्थों के चलते इस प्रकार की राजनैतिक गतिविधियों को अन्जाम दे रहे हैं, जो कि अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।
पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि चिकित्सा विश्वविद्यालय में उनके द्वारा गाड़ियों के काफिले को लेकर हार्न बजाते हुए जुलुस की शक्ल में जाना उन्हें शोभा नहीं देता। प्रवक्ता ने कहा कि श्री पुनिया देश के एक बेहद संवेदनशील संवैधानिक पद पर आसीन हैं, उन्हें चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रशासन को पूरी तरह साथ में लेते हुए एक जिम्मेदार पदाधिकारी के रूप में व्यवहार करना चाहिए था। लेकिन उनके भ्रमण के दौरान गम्भीर मरीजों वाले परिसर में इतना अमर्यादित व्यवहार हुआ। जिसकी जितनी निन्दा की जाये कम है।
प्रवक्ता ने बताया कि मा0 आयोग को लखनऊ के किसी भी हिस्से में आने-जाने से नहीं रोका गया। मा0 आयोग द्वारा चिकित्सा विश्वविद्यालय के कार्यक्रम निरस्त करने के अनुरोध को दर-किनार करते हुए परिसर में भ्रमण किया गया। विश्वविद्यालय में आज अवकाश था। गम्भीर मरीजों की चिन्ता किए बगैर मा0 आयोग के भ्रमण के दौरान न सिर्फ नारेबाजी हुई, बल्कि चिकित्सा व्यवस्था में व्यवधान भी उत्पन्न हुआ। प्रवक्ता ने कहा कि जिला प्रशासन ने मा0 आयोग को प्रोटोकाल के तहत अनुमन्य समस्त शासकीय सुविधाएं उपलब्ध करायीं, इसके बावजूद श्री पुनिया का यह बयान बेहद खेदजनक है कि उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया गया। प्रवक्ता ने कहा कि श्री पुनिया प्रायः ऐसे बयान देने के आदी हो चुके हैं और ऐसा वह आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर अपनी पार्टी की शह पर कर रहे हैं। श्री पुनिया ने पार्टी के हितों के चक्कर में मा0 आयोग की गरिमा को गिरवी रख दिया है और अब इस आयोग से दलित हित और दलितों के कल्याण व उत्थान की उम्मीद करना बेमानी हो चुका है। कहने को तो वह राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष हैं, लेकिन वह केवल आए दिन उत्तर प्रदेश का ही दौरा करते रहते हैं और इन दौरों में दलित हित व मा0 आयोग की कार्यप्रणाली व उसके उद्देश्यों की चिन्ता किए बगैर श्री पुनिया सिर्फ पार्टी की राजनीति चमकाने में मशगूल रहते हैं, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिलती।
गौरतलब है कि श्री पुनिया को छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिनांक 26 जुलाई को उनके प्रस्तावित भ्रमण को निरस्त करने का अनुरोध किया था। विश्वविद्यालय ने अनुरोध किया था कि इन दिनों प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, जो 31 जुलाई तक प्रत्येक दशा में पूरी की जानी है। इसके अलावा एण्टी रैगिंग, छात्रावास व्यवस्था तथा लैक्चर थिएटर्स सम्बन्धी व्यवस्थाओं में भी प्रशासन अत्यन्त व्यस्त है।
विश्वविद्यालय ने श्री पुनिया को यह भी अवगत कराया था कि मा0 उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में प्रत्येक वर्ष एम0बी0बी0एस0 और बी0डी0एस0 आदि का कोर्स 01 अगस्त से हर हाल में प्रारम्भ करना होता है। इस कारण उनका भ्रमण इस समय उचित नहीं है। श्री पुनिया को यह भी अवगत कराया गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं के हितों की रक्षा के लिए सदैव प्रतिबद्ध है। शिकायती पत्र में विश्वविद्यालय पर लगाये गये आरोप पूरी तरह से असत्य और बेबुनियाद हैं। विश्वविद्यालय द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों के हितों का पूरा-पूरा ध्यान रखा जा रहा है और संविधान द्वारा उन्हें जो सुविधाएं अनुमन्य हैं वह प्रदान करायी जा रही हैं और उनके हित पूरी तरह सुरक्षित हैं।
इस सम्बन्ध में विश्वविद्यालय के डीन फैकेल्टी आॅफ मेडिसिन प्रो0 जे0बी0 सिंह द्वारा दिनांक 18 जुलाई, 2011 को व्यक्तिगत रूप से सभी सुसंगत एवं तथ्यात्मक विवरण मा0 आयोग को प्रस्तुत कर दिए गए थे। जिसमें कहा गया था कि लगाये गये आरोप पूरी तरह से असत्य एवं गुमराह करने वाले हैं और ऐसा समझा गया था कि उपरोक्त सूचना आयोग के लिए संतुष्टकारी है। आयोग द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 15 जुलाई, 2011 के क्रम में आयोग को यह भी अवगत कराया गया था कि एम0बी0बी0एस0, बी0डी0एस0, डी0एम0 और एम0सी0एच0 कोर्स 22 जुलाई से प्रारम्भ हो रहे हैं और एम0सी0आई0 द्वारा इस वर्ष बढ़ाई गयी 100 सीटों के लिए भी हाॅस्टल और लैक्चर थियेटर्स आदि का प्रबन्ध करने में विश्वविद्यालय स्टाफ अत्यन्त व्यस्त है। पुनः 25 जुलाई को भी मा0 आयोग को इस बारे में समुचित जानकारी दी गयी थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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