अंततः टूट ही गई प्रशासन की कुभकर्णी नींद

Posted on 27 July 2011 by admin

नदियों में बढ़ते जलस्तर के बावजूद हाथ पर हाथ धरे बैठे अधिकारियों की कुभकर्णी नींद आखिरकार टूट ही गई। प्रभारी डीएम मुरली मनोहर लाल ने बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारियां पूरी तरह से मुकम्मल होने का दावा किया है। हालांकि अभी भी खतरा बने भैंसार बांध की मरम्मत या ठोकर बनाने के लिए एक भी धेला नहीं मिला है।

आज मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में बातचीत के दौरान श्री लाल ने कहा कि फिलहाल जिले में बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है। फिर भी प्रभावित तहसीलों में बाढ़ चैकियां स्थापित करने के साथ ही, खाद्यान्न, नाव व अन्य आवश्यक सामान आरक्षित कर लिया है जबकि फर्रूखाबाद में नाव आरक्षित कराने के साथ ही आपदा प्रबंधन के लिए तत्कालिक तौर पर सहायता राशि भी प्राप्त हो गई हो है। विकराल स्थिति से निपटने के लिए नेशनल डिजॉस्टर रिलीफ फोर्स (एनडीआरएफ), फतेहगढ़ कैंट में सिखलाई रेजीमेंट व पीएसी के अधिकारियों से बात कर उन्हें तैयार रहने को कहा गया है। एसडीएम जलालाबाद ने बताया कि सुरक्षित स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को बाढ़ की स्थिति में चैबीस घंटे पहले सूचित कर दिया जाएगा।

बताते चलें कि बाढ़ के दौरान सबसे ज्यादा खतरा कलान स्थित भैंसार बांध को है। अगर इसे नुकसान होता है तो जलालाबाद तहसील तबाह हो जाएगी। पिछले साल की बर्बादी के बाद भी प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। शायद यही वजह है कि नदियों में पानी छोड़े जाने के बावजूद अभी तक मांगी गयी धनराषि 10.54 करोड़ में से एक पाई भी नहीं मिली है।

एडीएम वित्त ने कहा कि यहां पर 19 ठोकरों की मरम्मत व सात नई ठोकरों का निर्माण कार्य कराया जाना है। गर्रा नदी पर बन रहे तटबंध में खामियां मिलने पर ठेकेदार के खिलाफ जांच चल रही है तो वहीं कोलाघाट पुल की साइड रोड का कटान रोकने के लिए पीडब्लूडी को इसके दोनों ओर पत्थर आदि डलवाने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि जिले में कुल बाढ़ चैकियां 71 हैं जिसमें सदर में 10, तिलहर में 32, पुवायां में पांच तथा जलालाबाद में 24 जिनके पास उपलब्ध नावों में सदर में 16, तिलहर में चार, जलालाबाद में 14। वहीं जलालाबाद में 15 व तिलहर के लिए दस नाव फर्रूखाबाद में आरक्षित हैं। वाहनों के संचालन के लिए 500 ली. पेट्रोल, एक हजार लीटर डीजल, 120 किली. केरोसिन, दैवीय आपदा से प्रभावितों को तत्कालिक सहायता के लिए 25 लाख शासन से मिले दस लाख जलालाबाद को दिए हैं। वहीं बाढ़ राहत के रूप में पक्का मकान क्षतिग्रस्त होने पर 35000, कच्चे पर दस तथा झोपड़ी गिरने पर ढ़ाई हजार की मदद दी जाएगी। अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसे एक लाख की तत्काल मदद दी जाएगी।

प्रषासन ने बाढ़ चैकियों पर स्टाफ की तैनाती कर दी गई है। यहां पर चैबीस घंटे राजस्व, स्वास्थ्य, पशु पालन विभाग व आपूर्ति विभाग के कर्मचारी तैनात रहेंगे। इतना ही नहीं जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रुम की स्थापना की गई है। जिसके टोल फ्री नंबर 1077 पर बाढ़ की स्थिति की पल-पल जानकारी ली जा सकती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in