सरकार लाख चाहे जितना जतन कर ले परन्तु गरीबों को उसका लाभ नहीं मिलने वाला। इसी तरह महिला जिला अस्पताल में चिकित्सक इन दिनों शासन की मंशा का खुले आम धज्जियाॅ उड़ाने में लगें हए हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार महिला जिला अस्पताल में मरीजों के लिए माह जुलाई में 439798 रूपये की दवा खरीदी गयी। अभी दवा खरीदे मात्र 20 दिन ही बीते हैं,पर कमीशन बाजी के चक्कर में चिकित्सकों द्वारा दवाईयाॅ बाहर से लाने के लिए लिखी जा रही हैं। यही हाल पुरूष जिला अस्पताज में भी मारज दवाईया बाहर से खरीदने को विवश है। जिला अस्पजाल में मरीजों को कोई भी सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। इमरजेन्सी कीे सुविधा भी घायल व बीमार लोगों को चिकित्सक समय से उपलब्ध नहीं रहते हैं। मरीजों को प्राइवेट नर्सिंग का सहारा लेना पड़ रहा है। एक भुक्तभोगी ने बताया कि मैं जब अपना लड़का दिखाने गया तो जिला अस्पताल में इमरजेंसी में डियुटी पर डाक्टर उपस्थित नहीं मिला। मजबूरन मरीज को प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाजं के लिए भर्ती कराया । इस बाबत जब मुख्य चिकित्साधिकारी से बात की गयी तो उन्हांेने व्यवस्था कां चुस्त दुरस्त करने की बात कही।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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