Categorized | आगरा

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण

Posted on 21 July 2011 by admin

गुणवत्ता युक्त आंकडे संकलित करें -डा0 आर्य

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण 68वीं आवृत्ति के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी राजकुमार श्रीवास्तव ने उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वर्ष 1950 से सामाजिक -आर्थिक डेटा कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में 68 वीं आवृत्ति का डेटा निर्धारित प्रपत्रों पर एकत्रित किया जाना है। यह सर्वेक्षण जुलाई 2011से जून 2012 तक एक वर्ष में सम्पन्न किया जायेगा। इन आंकडो का प्रयोग सरकार आगामी योजनाओं को बनाने में करती है और लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए उनकी आपूर्ति का प्रयास किया जाता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उप निदेशक डा0 रोहन लाल आर्य ने अनुसूची वार विस्तार से जानकारी दी और प्रतिभागियों की शंकाओं और जिज्ञासाओं के समाधान प्रस्तुत किये।

डा0 आर्य ने कहा कि विकास योजनाओं को बनाने में आंकडे बहुत उपयोगी होते है। अतः सूचनांए एकत्र करने में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें ताकि परिणामों पर अच्छा प्रभाव दिखाई पडे।

उन्होंने अनुसूची-10 की चर्चा करते हुए कहा कि यह सर्वे कराने का उद्देश्य रोजगार एवं बेरोजगारों की स्थिति का आंकलन करना है। इन आंकडों का उपयोग सरकार द्वारा उठाये जा रहे बेरोजगारी उन्मूलन में किया जाता है।

इनसे विभिन्न क्षेत्रों में लोगो की मांग के अनुरूप नीतियां बनाने में मद्द मिलती है। उन्होंनें बताया कि अनुसूची 10 के सर्वे द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के रोजगार एवं बेरोजगारों से सम्बन्धित सूचना एकत्रित होगी। इस अनुसूची में मनरेगा के सम्बन्ध में भी जानकारी एकत्र होगी जिससे जानकारी हो सके कि मनरेगा कार्यक्रम के तहत मिलने वाले रोजगार की स्थिति क्या है।

उन्होंने बताया कि अनुसूची एक में विभिन्न उपभोक्ताओं ,द्वारा अपने जीवनयापन के लिए किए गये विभिन्न प्रकार के व्यय का आंकलन किया जाता है।

जिससे कि लोगों के जीवन स्तर को मापा जा सके। इसमें लोगों के जीवन यापन करने की प्रवृति का पता चलता है जिसका अनुमान एम.पी.सी.ई. से लगा लेते है। इस सर्वे से असमानता दूर करने में आसानी होती है और प्रयास किया जाता है कि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। इस सर्वे के दौरान पिछले 30 दिनों में उपभोक्ता द्वारा अनाज, दालों, दूध, फलों, सब्जियों, मसालों आदि पर व्यय खर्चो को देखते हुए उनके जीवन स्तर के बारे मे अनुमान लगाया जाता है।

डा0 आर्य ने बताया कि इस सर्वे में अनुसूची एक के कालम 13 में लोगों के इलाज हेतु प्रयोग में आने वाली इलाज पद्यतियों- आयुर्वेदिक, योग, होम्योपैथिक, यूनानी, आयुष की सूचना एकत्रित की जायेगी कि लोगों द्वारा किस पद्यति का कितना उपयोग किया जा रहा है।

इस अवसर पर नेशनल सैम्पल सर्वे आर्गेनाइजेशन के सहायक निदेशक एस.पी. सिंह, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी आगरा सुश्री चित्रा दुबे, ने भी सवेक्षण प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में आगरा एवं अलीगढ मण्डलों के सभी जिलों के जिला संख्या अधिकारी , अपर साख्यिकी अधिकारी एवं सहायक संख्या अधिकारी भाग ले रहे है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in