पूर्व विधायक देवेन्द्र व पुत्तू ने फूंका बगावत का बिगुल
समाजवादी पार्टी ने जिले की सभी छह सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। नेता जी ने प्रत्याशियों को क्षेत्र में जा कर व्यापक जनसम्पर्क करने के निर्देश दे दिये हैं लेकिन घोषित प्रत्याशियों को गैरों के मुकाबले अपनों से ही हर गली, मोहल्ले चैराहे पर टकराना पड़ रहा है। जिलाध्यक्ष प्रदीप पाण्डे की जान सांसत में है कि विद्रोह को कैसे संभाले।
ददरौल व तिलहर विधानसभा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद से ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई। ददरौल विधानसभा क्षेत्र में किसानों और ठाकुरों की तादाद ज्यादा है। यहां से पिछला चुनाव सपा टिकट पर अनवर अली लड़े थे। पार्टी ने इस बार उन्हें तिलहर से टिकट दिया है। ददरौल विधानसभा से जनता दल विधायक रह चुके देवेन्द्र पाल सिंह प्रबल दावेदार थे। परन्तु पार्टी ने पूर्व सांसद राममूर्ति सिंह वर्मा को टिकट दिया है। राममूर्ति सिंह वर्मा का टिकट घोषित होते ही देवेन्द्र पाल सिंह ने बगावत का बिगुल बजा दिया। उन्होंने कहा कि हमें तो हर हाल में चुनाव लडऩा है। चाहे पार्टी टिकट दे अथवा नहीं। रही बात पूर्व सांसद राममूर्ति सिंह वर्मा की तो उन्हें तो किसी कीमत पर जीतने नहीं देंगे। पूर्व विधायक देवेन्द्र पाल सिंह ने अपने निर्णय से पार्टी मुखिया को भी अवगत करा दिया है। देवेन्द्र पाल और राममूर्ति सिंह वर्मा दोनों प्रत्याशियों ने जनसम्पर्क शुरू कर दिया है।
निगोही विधानसभा का अस्तित्व समाप्त कर उसे तिलहर से जोड़ दिया गया है। यहां से पूर्व विधायक पुत्तू सिंह यादव प्रबल दावेदार थे परन्तु पार्टी ने ददरौल से चुनाव हार चुके अनवर अली को तिलहर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। अनवर अली के नाम की घोषणा होते ही पुत्तू सिंह यादव ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ ताल ठोंक दी है। हालांकि अनवर अली ने अपना जनसम्पर्क अभी से शुरू कर दिया है परन्तु उन्हें हर गांव गली चैराहे पर पुत्तू सिंह यादव के समर्थक चुनौती दे रहे हैं।
शहर सीट से घोषित प्रत्याशी नगर पालिका अध्यक्ष तनवीर खां ने अभी से ताना बाना बुनना शुरू कर दिया है। नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर यह उनका दूसरा कार्यकाल है। पूरा नगर तालाब में तब्दील है। जल भराव में ही तनवीर खां अपनी चुनावी नैया पार लगाने का सपना देख रहे हैं। तिलहर से विधायक राजेश यादव को कटरा विधानसभा से प्रत्याशी घोषित किया गया है। यादव बहुल क्षेत्र होने के कारण क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत है। पुवायां सुरक्षित विधानसभा से सांसद मिथिलेश की पत्नी शकुन्तला को प्रत्याशी घोषित किया गया है। वहीं जलालाबाद से पूर्व विधायक शरदवीर सिंह एक बार फिर चुनावी समर में किस्मत आजमायेंगे। शरदवीर सिंह साफ -सुथरी छवि के नेता हैं। जबकि सांसद की छवि धन कमाऊ व्यक्ति की बन चुकी है। उनके भाई पिछला उप चुनाव हार चुके हैं। लेकिन सपा सुप्रीमो ने एक बार फिर सांसद की पत्नी को टिकट देकर उन पर भरोसा जताया है।
समाजवादी पार्टी का जनाधार तो जिले में मजबूत है परन्तु देवेन्द्र पाल सिंह और पुत्तू सिंह यादव जैसे दोनों पूर्व विधायकों ने पार्टी में बगावत का बिगुल बजा दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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