मृतक फालोवर के परिवार ने किया जाॅच की मांग

Posted on 21 July 2011 by admin

अधिकारियों द्वारा अपने मातहतों को अपने निजी आवास पर काम करवाना कोई नई बात नहीं हंै। सरकार ने उन्हंें यह सुविधा दे रखी है। जिसका अधिकारी नाजायज फायदा उठाते र्हैं। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को अपने अधिकारियों के सरकारी आवास पर खाना बनाने व अन्य काम के लिए रखा जाता है। पर अपने रौब-दौब के चलते तथा सामाजिक मान प्रतिष्ठा तथा दिखावा के लिए इन कर्मचारियों को अधिकारी सरकारी आवास पर न रख कर निजी आवास पर परिवार वालों की तीमारदारी के लिए भेज देते हैं, जो सेवा नियमावली के विरूद्ध है।

इसी तरह का एक मामला आजकल जनपद के समाचार पत्रों की सुर्खियों में बना हुआ है। मामला पुलिस विभाग से सम्बन्धित है। सूत्र बताते है कि जनपद के पुलिस लाईन में फालोवर के पद पर तैनात हरगोविन्द यादव पुत्र राम आसरे उम्र 38 वर्ष निवासी ग्राम पूरे प्रेमशाह का पुरवा थाना मुसाफिरखाना जनपद सीएसएम नगर की डियुटी जनपद के अपर पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय के यहाॅ उनकी तैनाती के बाद खाना बनाने के लिए हुई। पर अपर पुलिस अधीक्षक ने हरगोविन्द की डियुटी अपने निजी आवास जो लखनऊ में मुंशी पुलिया के पास बना है, पर लगा रखी थी । पुलिस की तहरीर के अनुसार 18 जुलाई 20011 को उक्त फालोवर की मौत लखनऊ में एक मार्ग दुर्घटना के दौरान हो गयी। अज्ञात के खिलाफ 465/11, धारा 279,337 के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ।दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग में हड़कम्प मच गया। सूत्र बताते हैं कि पुलिस विभाब में हड़कम्प इसलिए मच गया क्यों कि हरिगोविन्द सब्जी लाने गया था, तब मौत हुई। इस सब प्रकरण में आर आई सुलतानपुर अपने को फंसता देख सिक बुक में बीमार दिखाकर लखनऊ रिफर कर दिया जो कि नियम विरूद्ध है। क्यों कि यदि हरिगोविन्द का समुचित इलाज पुलिस अस्पताल में नहीं हो पा रहा था तो उसे जिला अस्पताल भेजना था। पुलिस लाईन से रिफर सीधे लखनऊ नहीं किया जा सकता, उसे जिला अस्पताल रिफर किया जाना चाहिए। जिला अस्पताल और कहीं रिफर कर सकता है। उक्त प्रकरण पर पुलिस विभाग के निचले तबके के कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। सूचना तो यहाॅ तक मिली है कि मृतक के परिवार वाले जाॅच की मांग कर रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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