खून-पसीने की कमाई के लिए किसान बैंक के चक्कर लगाकर पस्त हो रहे हैं लेकिन न बैंक की नींद टूटी है और न ही पुलिस की। नतीजतन उनकी हाड़तोड़ मेहनत का धन डकारने वाला बैंक कैशियर आजतक फरार रहकर सबको ठेंगा दिखा रहा है। गिरफ्तारी न होने की स्थिति में पुलिस को चाहिए था कि कोर्ट से आदेश लेकर उसकी संपत्ति की कुर्की की कोशिश करती लेकिन ऐसा लगता है कि जैसे उसे इतने किसानों की मुसीबत से कोई मतलब ही नहीं है।
बैंक प्रबंधतंत्र ने भी किसानों को केवल आश्वासन देकर अपना फर्ज अदा कर लिया है। उसने प्रभावित 88 किसानों को उनके धन की अदायगी के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है।
उल्लेखनीय है कि बैंक ऑफ बड़ौदा की कजरी नूरपुर शाखा में कैशियर ने प्रबंधतंत्र व दलालों की मिलीभगत से लगभग डेढ़ सौ किसानों के खाते से लगभग एक करोड़ रुपये उड़ा लिये थे। बहरहाल इनमें से केवल 88 किसान सामने आये जिनके लगभग 24 लाख कैशियर द्वारा डकारे पाये गये। अग्रणी जिला प्रबंधक सीएल सोनी के निर्देश पर शाखा प्रबंधक आनंद शर्मा ने कैशियर आरपी श्रीवास्तव के खिलाफ थाना निगोही में गबन का मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद बैंक प्रबंधतंत्र ने भी चुप्पी साध ली। पुलिस ने भी मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। 88 किसानों से जुड़े 24 लाख के गबन के मामले में आरोपित कैशियर की गिरफ्तारी के प्रयास नहीं हुए। पुलिस ने फरारी का बहाना बनाकर दबिश तक की जरूरत न समझी। थानाध्यक्ष जेके वर्मा का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। कैशियर फरार है। शीघ्र ही दबिश दी जाएगी। इसके बावजूद भी यदि वह हाजिर नहीं होता तो कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं बैंक आफ बड़ौदा के अग्रणी जिला प्रबंधक सीएल सोनी का कहना है कि बैंक ने कैशियर को निलंबित करने के साथ ही मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। अब गेंद पुलिस के पाले में है। पुलिस जांच रिपोर्ट आने के बाद ही धन निकासी जैसी कार्यवाही संभव हो पाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं, उनकी एक एक पाई का भुगतान किया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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