भारतीय जनता पार्टी ने आज चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलकर शीघ्र चुनाव कराये जाने की मांग की। पार्टी ने बसपा सरकार को चुनाव में गड़बड़ी फैलाने के लिये कुख्यात सत्ता बताते हुए कहा कि इस सरकार के राज में कोई भी चुनाव निष्पक्ष नहीं हुए। बसपा सरकार संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान नहीं करती। निष्पक्ष, निर्भीक व स्वतंत्र निर्वाचन संवैधानिक आदेश हैं और जनतंत्र का प्राण भी, लेकिन सरकार निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में विश्वास नहीं करती। जिला पंचायत की अध्यक्षता के चुनाव में सरकार ने अपने प्रशासनिक तंत्र का निर्लज्ज इस्तेमाल किया है। अधिकांश जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये। यही संविधान विरोधी कार्यपद्धति सरकार ने ब्लाक प्रमुख चुनाव में अपनायी और 315 ब्लाक प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुए। सरकार ने अधिकांश उपचुनाव और सहकारिता चुनाव में भी धांधली करवाई।
प्रदेश प्रवक्ता विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित, चुनाव प्रबंधन प्रकोष्ट के संयोजक श्याम नंदन सिंह व विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने भाजपा के प्रतिनिधिमण्डल की हैसियत से चुनाव आयोग से लगभग बीस मिनट बातचीत की। भाजपा ने सात पृष्ठ का ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में सरकार पर प्रशासन के राजनीतिकरण का भी आरोप लगाया गया है और बसपा की निष्ठा वाले पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया से बाहर करने की मांग की गई है। सरकार ने प्रशासन का राजनीतिकरण किया है। प्रमुख सचिव गृह जैसी उच्चतर संस्था पर विराजमान अधिकारी राजनैतिक बयानबाजी करते हैं। इस सरकार के अधीन निष्पक्ष निर्वाचन असंभव है। मांग की गई है कि बसपा से राजनैतिक रूप से प्रतिबद्ध अधिकारियों की पहचान कराते हुए उन्हें चुनाव प्रक्रिया से अलग करना चाहिए। मतदाता सूची की गड़बड़ी पर तमाम तथ्यपरक आपत्तियां भी प्रस्तुत की गईं। शाहजहांपुर के विधायक भाजपा विधानमण्डल दल के मुख्य सचेतक सुरेश खन्ना का नाम भी मतदाता सूची से हटाये जाने की गम्भीर शिकायत की गई। समूची मतदाता सूची के गहन पुनर्रिक्षीण की मांग की गई है। इसी तरह सूची में नाम जुड़वाने के लिये उम्र का प्रमाण पत्र अथवा शपथ पत्र मांगने को खर्चीला बताते हुए पार्टी ने सम्बन्धित आवेदन पत्र के सरलीकरण की मांग भी की है।
राजभवन के बाहर सम्वाददाताओं को सम्बोधित करते हुए श्री दीक्षित ने कहा कि पार्टी ने हजारों अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए मतदाताओं के नाम सूची से बाहर करने की मांग की है। आरोप लगाया कि सरकार को बांग्लादेशी घुसपैठियों की जानकारी भी है, लेकिन वोट बैंक के लोभ में सरकार इन पर कार्रवाई नहीं करती। सपा और कांग्रेस भी मौन साधे रहते हैं। पार्टी ने राज्य के पुलिस तंत्र को बसपा से प्रभावित बताते हुए केन्द्रीय पुलिस बल की मांग की है। पार्टी ने चुनाव अभियान के दौरान पुलिस द्वारा निर्दोषांे को तंग करने का प्रश्न भी गंभीरतापूर्वक उठाया है और कहा है कि सत्तादल से आतंकित राज्य पुलिस मतदाता उत्पीड़न में किसी भी सीमा तक जा सकती है। इस पर रोक लगाये जाने की भी मांग की गई। पार्टी ने मतदान केन्द्रों के बनाये जाने में सम्बन्धित गांव, मोहल्ले का ध्यान रखने, मतदान केन्द्रो के बाहर सभी दलों का कैम्प लगाये जाने, पोलिंग एजेंटो के बूथ के भीतर बैठने सहित चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी मसलों का विस्तार से उल्लेख करते हुए निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की।
श्री दीक्षित ने पत्रकारों को बताया कि चुनाव आयोग के अधिकारियों ने पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल द्वारा उठाये गये सभी मुद्दों को गंभीरता से सुना है और उन पर यथाआवश्यक कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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