एड्स स्ंाक्रमित ब्लड आया कहाॅ से, एक अनुत्तरित प्रश्न

Posted on 19 July 2011 by admin

जनपद में हाई प्रोफाइल मामला दो महीने से लगातार एचआईबी युक्त रक्त चढाने का सुर्खियो मंे बना रहा।  मामले पर चुप्पी साधे तथा मीडिया से दूर रहने का मीडिया के आरोपों को दूर करने के लिए पयागीपुर के हाइवे पर स्थित बन्दना हास्पिटल के संचालक डा. यू.के. श्रीवास्तव ने आज प्रिन्ट मीडिया से रूबरू होते हुए और  उनकी बातों का जवाब दिया।  श्री श्रीवास्तव ने बताया कि भर्ती मरीज दुर्वाशा पत्नी पुरूषोत्तम निवासिनी साल्हापुर,मिश्रपुर प्रसव के उपरान्त लगभग एक माह बाद स्थिती खराब हेाने पर 21 मई को वन्दना हास्पिटल  उसके परिवारों के द्वारा इलाज के लिए लायी गयी। जहां जांच के दौरान हीमोग्लोविन  बहुत कम होने की बात सुनकर मरीज घबरा सा गया और कुछ ही छण में मरीज की हालत विगड़ती देख मरीज को  भर्ती तो कर लिया,पर उसकी गरीबी देख रहम करते हुए उसे ठीक होने का आश्वासन के साथ चिकित्सीय सुविधा दी गयी। तीन दिन में  मरीज की हालात में काफी सुधार होने पर मरीज  24 मई केा रिलीव कर दिया गयाऔर यह भी कहा गया कि मरीज के शरीर में खून की कमी है इसे अवश्य चढ़वा देना। एक सप्ताह की दवा  भी दी गयी।

एक पे्रस कान्फ्रेन्स में मीडिया केा जानकारी देते हुए डाक्टर श्रीवास्तव ने कहा कि समाचार पत्रों मंे बार बार लिखकर आया है कि तीन यूनिट ब्लड मरीज को चढाया गया है, तो मै यह साफ कर देना चाहता हंू कि अगर किसी भी मरीज को 3 यूनिट ब्लड लगातार चढ़ा दिया जाय तो कुछ ही समय में उसकी जीवन लीला समाप्त हो जायेगी, और कहा कि मरीज दुर्वाशा का प्रसव एक माह पूर्व मंे सामान्य डिलवरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भदैंया ब्लाक पर हुआ थी। सीएचसी पर सवालिया प्रश्न लगाते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी आपरेशन में  तथा महिला कंे प्रसव के पूर्व मरीज के ब्लड की पूरी तरह जांच होती है, जिसे ए0एन0सी0 प्रोफाइल कहते है। रक्त, ब्लड बैंक के अलावा कही भी उपलब्ध नही मिलता, जिस थैली में रक्त निकाला जाता है वह सिर्फ सरकारी हास्पिटल के अलावा कही भी उपलब्ध नही रहता, यहंा तक कि मेडिकल स्टोरों पर भी, अब रही बात संक्रमित रक्त  की तो  वह रक्त कहां से आया, कौन चढाया, इस पर श्रीवास्तव ने अपने जबाव में बताया कि मरीज नगर के कई अन्य नर्सिग होमों पर जाकर रक्त चढ़वाया है जैसा कि समाचार के माध्यम से हमें मालूम हुआ कि  मरीज का इलाज नवीपुर के ऐलाइट हास्पिटल में तथा उसके पश्चात गोमती नगर के आस्था हास्पिटल, और महिला चिकित्सालय में भी इलाज कराया गया। मरीज को कहाॅ-कहाॅ रक्त चढ़ा और कहाॅ-कहाॅ इलाज हुआ इसकी जानकारी हमें नहीं है। रहा खून की उपलब्धता की तो पह ब्लड बैंक के अलावा कहीं उपलब्ध नहीं रहता। जहाॅ भी मरीज को ब्लड चढ़ाया गया होगा वह खून ब्लड बैंक के द्वारा मुहैया कराया गया होगा। क्यों कि और कहीं ब्लड मिल हीं नहीं सकता। अगर मरीज को खून कोई उसका नजदीकी भी देगा तो उस खून को ट्रान्सफर भी ब्लड बैंक में केवल सुविध है।  हमारी  तानकारी के मुताबिक जिला हास्पिटल के अलावा रक्त व रक्त की थैली कही भी उपलब्ध नही मिलती। मेरे हास्पिटल पर जो भी इलाज किया गया है, वह मरीज के आयरन सुक्रोज का इन्जेक्शन ही मरीज को चढाया गया था, जो ग्लूकोज के बोतल में डालने पर पूरी तरह लाल हो जाता है। मेरे द्वारा संचालित हास्पिटल में मरीज को ब्लड नही चढ़ाया गया।
प्रेस वार्ता के दौरान नीमा के जिलाध्यक्ष डी.सी. श्रीवास्तव ने कहा कि मीडिया के माध्यम से झूठे आरोप लगाना व अधिकारियों केा भ्रमित करना अच्छी बात नही है। डा0 डी0सी श्रीवास्तव  ने नर्सिंग होम के संगठन पर बल देने की बात करते हुए कहा कि संगठन अति आवश्यक है जिससे डाक्टर अपनी बात मीडिया के सामने रख सके। अब तो  एड्स से ग्रसित महिला को एड्स कहाॅ से और किस कारण हुआ।  यह जाॅच की विषय है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भदैंया, सीएचसी पर प्रसव होने से पूर्व मरीज की जांच कराई गयी थी या नही, सीएचसी भदैंया पर कौन सी महिला चिकित्सक ने परीक्षण कर प्रसव किया था, जांच के दौरान संक्रमित रक्त बताने वाला जिला हास्पिटल  जिसमें आठ वर्षें से कोई पैथालाजिस्ट न होना इस बात की ओर इशारा करता है कि महिला मरीज के खून की जाॅच कौन किया। इअसकी जिम्मेदारी कौन लेगा । यह एक सवाज मीडिया के जेहन में गूॅज गया।  अपना पल्ला झाड़ बिना जांच के प्रसव कराने की जिम्मेदारी  सीएचसी भदैंया को कौन लेगा।क्या  यह मेडिकल नियम के विरूद्व नही है।ं यदि हाॅ तो इसकी जवाबदेही सीएचसी भदैंया   को देनी चाहिए। प्रेस वार्ता के दौरान डा0 आदित्य दूबे ने कहा कि मीडिया लोकतन्त्र का चैथा स्तम्भ है और डाक्टर भी समाज की सेवा का एक कडी़ है। सम्मनित पत्रकार बन्धुओं केा एक पक्षीय निर्णय नही लेना चाहिए। उसमें सम्बन्धित चिकित्सक के पक्ष को भी समाज में लानी चाहिए।सूत्र बताते हैं कि उक्त प्रकरण की एक जाॅच टीम लखनउ से भी आयी और उस जाॅच टीम को दुर्वाशा के नाम से तीन यूनिट ब्लड ब्लड बैंक से ईशू किया गया है की बात की पुष्टि की गयी। ऐसे में वह ब्ल्ड कहाॅ चढा़या गया। जाॅच का विषय है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in