- प्रधानमंत्री जी ने इस उपलब्धि के लिए आज नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में उत्तर प्रदेश को दो करोड़ रूपये की पुरस्कार राशि, ट्राफी तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया
- माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बीज, उर्वरक की समुचित व्यवस्था, सिंचाई की सुविधा तथा बिजली की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की
- बी0एस0पी0 सरकार ने उर्वरकों की प्री-पोजीशिनिंग हेतु 10 लाख मैट्रिक टन की व्यवस्था की गयी ताकि किसानों की मांग के अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके
- हरियाणा और पंजाब की दरों के अनुरूप यू0पी0ए0 सरकार से बगैर भेदभाव के खाद्यान्न क्रय करने की मांग
- यू0पी0ए0 सरकार ने उत्तर प्रदेश की मांग के अनुरूप यूरिया आदि उर्वरकों की आपूर्ति नहीं की
- यू0पी0ए0 सरकार ने 01 अप्रैल, 2011 से यूरिया पर 289 रूपये प्रति मैट्रिक टन अतिरिक्त कर लगाकर किसानों की दिक्कत बढ़ाई
- उत्तर प्रदेश के किसानांे का असली सम्मान तब होता जब यू0पी0ए0 सरकार डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेती और खाद्यान्न खरीद के लगभग 1200 करोड़ रूपये बकाया धनराशि का भुगतान करती
उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ राज्य (बेस्ट परफार्मिंग स्टेट) का दर्जा दिये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रदेश के किसानों को अपनी हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि यह प्रदेश के 2 करोड़ 25 लाख किसान परिवारों की उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार की बेहतरीन कानून-व्यवस्था एवं विकास युक्त वातावरण के साथ-साथ किसानों को दी गईं विभिन्न सुविधाओं के फलस्वरूप प्रदेश यह दर्जा हासिल करने में सफल हुआ हैं।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश आबादी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ ही कृषि प्रधान प्रदेश भी है। माननीया मुख्यमंत्री जी का यह स्पष्ट मत है कि किसानों की खुशहाली के बगैर प्रदेश का विकास और समृद्धि सम्भव नहीं है। इस लिए उन्होंने अपने हर कार्यकाल के दौरान किसानों की खुशहाली और कृषि सेक्टर के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है। उन्होंने वर्तमान कार्यकाल की शुरूआत में ही किसानों की आमदनी को दोगुना करने की एक कार्ययोजना तैयार करते हुए इसके क्रियान्वयन के लिए अनेक योजनाओं को अमली जामा पहनाया। इसके परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए, पूरे देश में खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में ‘बेस्ट परफार्मिंग स्टेट’ का दर्जा हासिल करने में सफल हुआ।
माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा किसानों की आमदनी दोगुनी करके उनको खुशहाल बनाने के लिये उठाये गये कदमों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश वर्ष 2010-11 में 471.38 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन करके देश का सबसे बड़ा अन्न उत्पादक राज्य बन गया है। प्रधानमंत्री माननीय डा0 मनमोहन सिंह जी ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में ट्राफी, प्रशस्ति पत्र तथा दो करोड़ रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान कर उत्तर प्रदेश को इस उपलब्धि के लिये पुरस्कृत किया। प्रदेश के कृषि मंत्री चैधरी लक्ष्मी नारायण ने राज्य सरकार की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।
बी0एस0पी0 सरकार ने किसानों की खुशहाली के लिए निम्न महत्वपूर्ण निर्णय लिये:-
ऽ माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बीज, उर्वरक की समुचित व्यवस्था, सिंचाई की सुविधा तथा बिजली की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की।
ऽ राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षाें में कृषि, उद्यान, पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य कृषि विपणन आदि कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संचालित किया है।
ऽ माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने विगत् 02 जून को लखनऊ में ऐतिहासिक किसान पंचायत आयोजित करके किसानों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया।
ऽ माननीया मुख्यमंत्री जी ने किसान पंचायत में किसानों की समस्याओं को सुनकर उनके सुझावों के अनुरूप एक नई प्रगतिशील भूमि अधिग्रहण नीति घोषित की और उसे तुरन्त लागू करने का ऐलान किया। भू-अधिग्रहण की नई नीति के तहत जिला प्रशासन इसमें मात्र फेैसिलिटेटर की भूमिका निभायेगा।
ऽ माननीया मुख्यमंत्री जी ने 11 जून, 2011 को माननीय प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित इस नई भूमि अधिग्रहण नीति के प्राविधानों को केन्द्र सरकार के विभिन्न उपक्रमों, विभागों तथा प्रतिष्ठानों जैसे रेल, राष्ट्रीय राजमार्ग, गैस अथाॅरिटी आफ इण्डिया लिमिटेड, एन0टी0पी0सी0 आदि द्वारा किये जा रहे भूमि अधिग्रहण में इस नीति के प्राविधानों को लागू करने का अनुरोध किया है। जिससे उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के सम्बन्ध में एकरूपता बनी रहे।
ऽ माननीया मुख्यमंत्री जी की पहल पर ऊर्जा विभाग द्वारा किसान पंचायत में किसानों द्वारा बिजली से सम्बन्धित समस्याओं का निस्तारण करके आवश्यक आदेश जारी कर दिये गये। इसके तहत किसानों को खेती-बारी हेतु इस वर्ष जुलाई माह से 14 घण्टे विद्युत आपूर्ति करायी जा रही है।
ऽ कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी तथा छोटे-छोटे किसानों के हित के लिये वर्ष 2011-12 से प्रारम्भिक सहकारी ऋण समिति (पैक्स) के माध्यम से तीन प्रतिशत ब्याज की दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने का फैसला लिया है, जिससे लाखों किसान लाभान्वित होंगे। चालू वित्तीय वर्ष में 04 हजार करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया जायेगा।
ऽ बुन्देलखण्ड क्षेत्र की खुशहाली के लिए ड्रिप एवं स्पिं्रकलर इरीगेशन पद्धति को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए लघु एवं सीमान्त कृषकों तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सभी कृषकों के लिए यह पद्धति निःशुल्क उपलब्ध करायी गयी तथा अन्य श्रेणी के कृषकों को 75 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्ष 2010-11 में 3550 स्पिं्रकलर इरीगेशन प्रणाली का वितरण किया गया।
ऽ वर्ष 2010-11 में 55.32 लाख कु0 उन्नत श्रेणी के बीजों का वितरण किया गया जो गत वर्ष की तुलना में 7.13 लाख कु0 अधिक है।
ऽ कृषकों को रबी में फास्फेटिक उर्वरकों की उपलब्धता समय से कराने के लिए 2010-11 में 6.83 लाख मै0टन फास्फेटिक उर्वरकों की प्री-पोजीशनिंग करायी गयी तथा वर्ष 2011-12 में 10 लाख मै0टन प्री-पोजीशनिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।
ऽ वर्ष 2010-11 में कुल 30.16 लाख किसान क्रेडिट कार्ड कृषकों के मध्य वितरित किये गये जबकि गत वर्ष से 5.59 लाख किसान के्रडिट कार्ड अधिक वितरित किये गये।
ऽ राज्य सरकार गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति और अधिक मजबूत करने के लिए वर्ष 2008-09 में 15 रूपया प्रति कुन्टल, 2009-10 मंे 25 रूपया प्रति कुन्टल तथा वर्ष 2010-11 में एकमुश्त 40 रूपया प्रति कुन्टल गन्ना मूल्य में अभूतपूर्व वृद्धि की गयी है।
ऽ पेराई सत्र 2010-11 में राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य के आधार रू0 12791.36 करोड़ का भुगतान।
ऽ खेती-किसानी में सिंचाई की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण होने के कारण राज्य सरकार ने लगभग 73,926 किलोमीटर लम्बी नहरों से सृजित 123 लाख हैक्टेयर सिंचन क्षमता के उपयोग के लिए कार्य योजना तैयार की।
ऽ छोटे-छोटे एवं गरीब लघु एवं सीमान्त कृृषक जो अपने लघु सिंचाई संसाधनों का विकास करने हेतु सक्षम नहीं थे के समूहों के लिये डा0 भीमराव अम्बेडकर नलकूप योजना तथा डा0 अम्बेडकर सामूहिक नलकूप योजना वर्ष 2007-08 से प्रारम्भ की गयी।
ऽ वर्ष 2010-11 में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1000 रूपये प्रति कुन्टल की दर से घोषित करते हुए 14.46 लाख मी0टन धान की खरीद सीधे किसानों से की गई। इसी तरह रबी विपणन वर्ष 2011-12 में गेहूं का समर्थन मूल्य 1120 रूपये प्रति कुन्टल घोषित करते हुए 50 रूपये प्रति कुन्टल का अतिरिक्त बोनस प्रदान करके 34.59 लाख मी0टन गेहूं की रिकार्ड खरीद की गयी।
ऽ धान व गेहूं खरीद में यूपीए सरकार द्वारा पंजाब व हरियाणा की तुलना में उत्तर प्रदेश के साथ भेदभावपूर्ण नीति अपनायी गयी है। जहां पंजाब व हरियाणा में गेहूं की धान की सरकारी खरीद आढ़तियों के माध्यम से की जा रही है, वहीं उत्तर प्रदेश में यह सुविधा भारत सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा पंजाब एवं हरियाणा में आढ़तियों को कमीशन की प्रतिपूर्ति की जा रही है।
ऽ यदि गेहूं एवं धान की सरकारी खरीद होने पर व्यय की तुलना की जाये तो यह स्पष्ट हो जायेगा कि गेहूं व धान की खरीद पंजाब एवं हरियाणा की तुलना में उत्तर प्रदेश में होने से विपणन व्यय कम आता है।
ऽ माननीया मुख्यमंत्री जी ने कृषि क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकि का इस्तेमाल करके विशेष रूप से बुन्देलखण्ड क्षेत्र में कृषि उत्पादन बढ़ाने व कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए बांदा में मान्यवर श्री कांशीराम जी कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की स्थापना की।
इसके विपरीत यू0पी0ए0सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों के प्रति रवैया यह रहाः-
उत्तर प्रदेश के किसानांे का असली सम्मान तब होता जब केन्द्र सरकार गेहू पर दिये गये 50 रूपये बोनस एवं खाद्यान्न खरीद के लगभग 1200 करोड़ रूपये बकाया धनराशि का भुगतान करती।
राज्य सरकार ने हरियाणा और पंजाब की दरों के अनुरूप यू0पी0ए0 सरकार से बगैर भेदभाव के खाद्यान्न क्रय करने की मांग की।
यू0पी0ए0 सरकार ने उत्तर प्रदेश की मांग के अनुरूप यूरिया आदि उर्वरकों की आपूर्ति नहीं की। यू0पी0ए0 सरकार ने 01 अप्रैल, 2011 से यूरिया पर 289 रूपये प्रति मैट्रिक टन अतिरिक्त कर लगाकर किसानों की दिक्कत बढ़ाई।
संक्षेप में कहा जा सकता है कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने किसानों की समृद्धि व उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य दिलवाने के लिए भी अनेकों नीतिगत फैसले लिये, जिनकेे परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के बलबूते पर ऐसे कई महत्वपूर्ण बुनियादी कार्य करते हुए किसानों के हित में ऐसे कई फैसले लिये, जो पिछली सरकारें अपने शासनकाल के दौरान कभी नहीं ले पायीं। इनकेे फलस्वरूप आज उत्तर प्रदेश का किसान सर्वाधिक खुशहाल एवं लाभ की स्थिति में है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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