जयसिंहपुर, थाना दिवस मात्र दिखावा बन कर रह गया है। गंाव से पीड़ित चल कर यह उम्मीद लेकर थाने आता है कि अधिकारियों की देख रेख में उसकी समस्या का निदान तुरन्त हो जायेगा,परन्तु अधिकतर फरियादियों को निराशा ही हाथ लगती है। आज थाना दिवस में थाना जयसिंहपुर तथा गोसाईगंजमें आयेे 16 मामले आये।जिसमंे मात्र तीन ही मामले सुलझ पाये।शेष मामले वैसे के वैसे रह गये।विभागी अधिकारी व लेखपाल अपने अपने कोरम पूरे कर बस्ते गाडी में बांध चलते बने।
मिशाल के तौर पर 25 वर्षो से बन्द पडे़ रास्ते ख्ुालवाने के लिये गाटा संख्या 62 जो कि चकमार्ग के रूप मे अभिलेखो में दर्ज है उसे ख्ुालवाने के लिये सालिकराम शुक्ल, कृष्णकुमार शुक्ल सुत राम लखन शुक्ल निवासी बौरहा का पूरा बरौसा ने अपनी आराजी भूमि गाटा संख्या 63 पर बतौर काबिज रह कर खेत की बुआई करता चला आ रहा है। जिसे नापने के लिये जिलाधिकारी समेत विभागीय अधिकारी एसडीएम कानूनगो केा निर्देश दिया गया कि मामले केा लेखपाल मौके पर जाकर निस्तारण करें। व्यक्तिगत मामला न हेाने के कारण हल्का लेखपाल हल्के में लेते हुए मामला पीछे छोड दिया है,क्यू कि मामला धनउगाही का है आखिर कहां से मिलेगा पैसा, कौन देगा पैसा, बस पैसा ही कार्य करवा रहा है लोगो का मानना है कि पैसे मिलने वाले कार्यो से तो किसी तरह फुर्सत नही मिलती तो बिना पैसे के सरकारी कार्य कैसे किया जाय। मुंह लगे पैसे के खूनी कलमंे,मोटरसाइकिल अब चलने लायक नही रह गयी है। विभाग का सारा दारोमदार निचले स्तर से लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार,एसडीएम समेत आला अधिकारी के जिम्मे है, उनको माया सरकार के दावों का पता नही है कि क्या जनता, सरकार को पुनः अपने दावों को दुहराने का मौका उन्हें देगी या फिर अधिकारी उनके आदेशो को पालन कराने में किस तरह कार्य करेेगे। यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। विभागीय उदासीनता के चलते भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर पहुॅच गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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