दूवेपुर सीडीपीओ की मनमानी करना उस समय भारी पड़ गया जब उसी के मातहत काम करने वाली मुख्य सेविकाओं ने विरोध कर मुख्य विकास अधिकारी को लिखित शिकायत साक्ष्यों के साथ किया। मुख्य विकास अधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव ने मामले की गम्भीरता समझते हुए सीडीपीओ का वेतन तत्काल प्रभाव से अन्तिम आदेश तक रोक दिया।
मुख्य सेविकाओं की शिकायत है कि सीडीपीओं उनका मानसिक उत्पीड़न करती हैं और आये दिन क्षेत्र परिवर्तन करती रहती हैं। सीडीओ को साक्ष्यों के साथ अवगत कराते हुए बताया कि ब्लाक दूवेपुर में सीडीपीओ को कार्यभार संभाले मात्र 21 माह हुए और उन्होंने उनका क्षेत्र परिवर्तन 14 बार किया है। क्षेत्र के केन्द्रों का दौरा करने के बाद की गयी शिकायतों पर ध्यान नहीं देती हैं। मुख्यसेविका तारा सिंह के द्वारा आॅगनवाड़ी केन्द्र बहरौली के खिलाफ कार्यवाही न करना तथा आॅगनबाड़ी कार्यकर्ती केशपुत्री के पति के द्वारा अपमान करना, शिकायत करने पर कोई कार्यवाही न करना, महामाया योजना के अन्तर्गत लाभान्वित को एफडी का वितरण कार्यालय से न करके निवास स्थान से करना, कार्यालय पर उपस्थिती मुख्यसेविकाओं का सोमवार एवं शुक्रवार को होना है ,शेष दिन क्षेत्र में रहने को है परन्तु उन्हें प्रतिदिन कार्यालय पर उपस्थित होने का फरमान जारी करना और न आने पर अनुपस्थित करना, बाल पुष्टाहार को बाॅटने के पहले व महामाया योजना की एफडी का वितरण के लिए अनुचित सुविधा शुल्क के लिए दबाव डालना आदि रहा है। सुविधा शुल्क न देने के कारण ही 15 जून से आया उस ेअब तक उनके क्षेत्रों के केन्द्रों का बाल पुष्टाहार न बाॅटना प्रमुख रहा है। मुख्य सेविेकाओं का आरोप यह भी रहा कि सीडीपीओ उनके साथ जातिगत भेदभाव रखती हैं। इसी कारण सीडीपीओ ने अनुसूचित जाति की ही मुख्यसेविकाओं के केन्द्रों पर ही बाल पुष्टाहार का वितरण करवाया है। उक्त शिकायतों को सीडीओ ने गम्भीरता पूर्वक विचार करते हुए सीडीपीओ दूबेपुर का वेतन तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेश तक रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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