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विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर द्वारा ‘धार्मिक समन्वय’ पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का सी.एम.एस. में भव्य उद्घाटन

Posted on 14 July 2011 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अशर्फाबाद कैम्पस द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स’ का भव्य उद्घाटन आज सायं सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में हुआ। विभिन्न धर्मो के बीच समन्वय’ विषय पर आयोजित इस अनूठे अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री सुखदेव राजभर ने दीप प्रज्वलित कर किया। रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच सम्पन्न हुए इस भव्य उद्घाटन समारोह में विश्व के 9 देशों यू.के., कनाडा, ब्राजील, इजिप्ट, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, मलेशिया तथा भारत के विभिन्न प्रान्तों से पधारे विद्वान विचारकों, दार्शनिकों, धर्माचार्यो, शिक्षाविद्ों व न्यायविद्ों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा में चार चाँद लगा दिये। विभिन्न धर्मों के बीच परस्पर विश्वास व एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस महत्वपूर्ण सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर लखनऊ के प्रबुद्ध नागरिकों ने बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराकर सहयोग व सहकार का अनूठा दृश्य उपस्थित किया। इस अवसर पर सी.एम.एस. अशर्फाबाद के छात्रों ने एक से बढ़कर एक शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा सर्वधर्म समभाव, ईश्वरीय एकता व आध्यात्मिकता का आलोक बिखेरकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। चमकते चेहरों व उल्लासपूर्ण माहौल में सम्पन्न उद्घाटन समारोह का दृश्य देखने लायक था।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री सुखदेव राजभर, प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष ने अपने सारगर्भित सम्बोधन में कहा कि विभिन्न धर्मो के बीच समन्वय ही खुशहाल समाज की आधारशिला है एवं विभिन्न धर्मों के बीच आपसी संवाद व एकता से ही मानवता के विकास का पथ प्रशस्त होगा। उन्होंने इस अनूठे आयोजन हेतु सी.एम.एस. की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि विविधताओं से परिपूर्ण समाज में धर्म के मर्म को सही परिप्रेक्ष्य में समझना समाज के प्रत्येक नागरिक के लिए जरूरी है क्योंकि धर्म मनुष्य को एकता के सूत्र में बाँधने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मावलम्बियों का एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर मिलजुल कर विचारों का आदान-प्रदान करना धार्मिक समुदायों के मध्य परस्पर विश्वास एवं एकता को बढ़ावा देगा। कबीर पीस मिशन के चीफ कोआर्डिनेटर श्री आर.के. मित्तल, पूर्व आई.ए.एस. ने इस अवसर पर कहा कि जिस प्रकार वर्तमान विश्व समाज में धर्म के नाम पर रुढ़ता बढ़ती जा रही है, ऐसे में जरूरत है इस विषय पर खुले दिल-दिमाग से, मिल बैठकर विस्तार से चर्चा की जाए ताकि कट्टरता व अंधविश्वास जैसी गलतफहमियों से छुटकारा मिल सके। उन्होंने कहा कि यह अकाट्य सत्य है कि हम सभी एक ही परमपिता की संतान है, भले ही हमारी धार्मिक मान्यताए भिन्न-भिन्न हों।

सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि धर्म विवाद का नहीं वरन् संवाद का विषय है। विश्व पटल पर आज विभिन्न धर्मो के आपसी टकराव की संभावनाएं बढ़ती जा रही है और ऐसे वातावरण में आज सकारात्मक आदान-प्रदान व सहयोग की अत्यन्त आवश्यकता है। वास्तव में सम्पूर्ण विश्व में धार्मिक एकता की जितनी जरूरत आज महसूस की जा रही है, उतनी पहले कभी नहीं रही। बिना धार्मिक एकता के विश्व एकता की कल्पना नहीं की जा सकती। डा. गाँधी ने कहा कि आधुनिक स्कूल को इस युग की आवश्यकताओं से जुड़ा होना चाहिए और इसी परिप्रेक्ष्य में यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जो कि विश्व एकता व विश्व शान्ति के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। डा. गीता गाँधी किंगडन, चीफ आॅपरेटिंग आॅफीसर, सी.एम.एस. ने इस अवसर पर कहा कि धर्म का ज्ञान न केवल शिक्षित व्यक्ति के लिए है बल्कि यह विभिन्नता से भरे विश्व को आपसी समझदारी के साथ रहने के लिए जरूरी है। धर्म समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसी कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहले शिक्षकों को धर्म की विभिन्नता के बीच समानता को समझना चाहिए और उसके बाद उसे छात्रों को आत्मसात कराना चाहिए, जिससे छात्रों के माध्यम से यह समझदारी व्यापक समाज में फैल सके।

सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए सी.एम.एस. अशर्फाबाद की प्रधानाचार्या व सम्मेलन की संयोजिका सुश्री अर्चना पाण्डे ने कहा कि विश्व एकता व विश्व शान्ति को समर्पित इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विश्व के विभिन्न धर्मों के बीच संवाद कायम करना है। इसके अलावा शैक्षणिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से विभिन्न धर्मों के बीच पारस्परिक सम्बन्धों को जानने के साथ ही यह भी जानना है कि विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच हुए संवाद से हमें किस प्रकार के सर्वमान्य परिणाम प्राप्त हो सकते हैं? साथ ही वे कौन से तथ्य हैं जिनकी सहायता से हम विश्व स्तर पर विभिन्न धार्मिक समुदायों के मध्य परस्पर विश्वास एवं एकता के विचारों को सफलतापूर्वक स्थापित कर सकते हैं? उन्होंने इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में देश-विदेश से पधारे विद्वानों का हार्दिक स्वागत व अभिनंदन किया।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाली कुछ महत्वपूर्ण हस्तियों में जस्टिस डा. आदेल ओमर शरीफ, डिप्टी चीफ जस्टिस, सुप्रीम कान्स्टीट्यूशनल कोर्ट आॅफ इजिप्ट, श्री माइकल डी सालाबेरी, भूतपूर्व राजदूत, मिनिस्ट्री आॅफ फाॅरेन अफेयर्स, कनाडा, प्रोफेसर निहाल जयविक्रम, सलाहकार, यूनाइटेड नेशन्स एजेन्सीज आॅफ गर्वनेन्स एण्ड जुडिशयल रिफार्म एण्ड कोआर्डिनेटर आॅफ दि यूएन-स्पोन्सर्ड जुडीशियल इन्टिग्रिटी ग्रुप, श्रीलंका, प्रोफेसर मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी, चेयरमैन, एन.सी.टी.ई., भारत, प्रोफेसर अनवर फजल, डायरेक्टर, राइट लिवलीहुड कालेज, मलेशिया, श्री नसरी मारको, पीएचडी, प्रेसीडेन्ट एवं संस्थापक, शर्म अल शेख इण्टरनेशनल आर्बिट्रेशन सेन्टर, इजिप्ट एवं मेम्बर आॅफ दि बोर्ड आॅफ डायरेक्टर्स आॅफ दि यूरोपियन कोर्ट आॅफ आर्बिट्रेशन, प्रोफेसर डा. मोहम्मद अल-सहात अल-जेनडी, सैक्रेटरी जनरल आॅफ दि सुप्रीम काउन्सिल फाॅर इस्लामिक अफेयर्स एण्ड मेम्बर आॅफ इस्लामिक रिसर्च एकेडमी आॅफ अल-अजहर, इजिप्ट, डा. नबील अबदेल फतह मोहम्मद, असिस्टेन्ट टू दि डायरेक्टर आॅफ दि अल-अहराम सेन्टर फाॅर पोलिटिकल एण्ड स्ट्रेटजिक स्टेडीज, इजिप्ट, प्रो. मोहम्मद हसन एल-बाना, एडीटिंग मैनेजर, अल-अख्बर दैनिक समाचार पत्र, इजिप्ट, सुश्री जेना सोराबजी, वाइस चेयरपरसन, नेशनल स्पिरिचुअल असेम्बली आॅफ बहाई आॅफ इण्डिया, प्रो0 दिलीप लोउनडो, प्रोफेसर आॅफ रिलीजन्स स्टेडीज्स, फेडरल यूनिवर्सिटी, ब्राजील, श्री गमाल जेडा, मैनेजिंग, एडीटर आॅफ अल-अहराम डेली न्यूजपेपर, इजिप्ट, श्री सरन श्रीनिवास, प्रोग्राम मैनेजर, राइट लिवलीहुड कालेज, मलेशिया आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा ढाका यूनिवर्सिटी, बांग्लादेश के 4 सदस्यीय दल, नेपाल के शिक्षा मंत्रालय का दल, विभिन्न धर्माे के धर्मावलम्बी जैसे श्री राजेन्द्र सिंह बग्गा, भिक्षु प्रज्ञानन्द जी आदि एवं देश के विभिन्न प्रान्तों व शहरों के कई दल इस प्रतिष्ठित अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु लखनऊ पधार कर रहे हैं।

श्री शर्मा ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अन्तर्गत देश-विदेश से पधारे विद्वानों की चर्चा-परिचर्चा का शुभारम्भ कल 15 जुलाई को प्रातः 9 बजे से प्रारम्भ होगा तथापि प्रातःकालीन सत्र में इन्टरएक्टिव सेशन एवं अपरान्हः सत्र में विभिन्न विषयों पर सवाल-जवाब का क्रम चलेगा। इसके अलावा अपरान्हः 1.15 बजे आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स  में देश-विदेश से पधारे विद्वजन पत्रकारों से रूबरू होंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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