- और सम्बन्धित मामला तुरन्त सी.बी.आई. से जांच कराने हेतु निर्देंशित किया।
- यह प्रकरण आज ही सी.बी.आई. को भेज दिया गया है।
उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ अपने सरकारी आवास पर आहूत वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में डा. वाई.एस. सचान की मृत्यु के प्रकरण की विवेचना की समीक्षा की। माननीया मुख्यमंत्री जी ने बैठक में जानना चाहा कि जब डा. सचान के परिवार के सदस्य इस मामले की सी.बी.आई. जांच चाहते हैं तो प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को इस प्रकरण की जांच सी.बी.आई. को सुपुर्द करने में क्या कठिनाई है।
माननीया मुख्य मंत्री जी ने पुलिस व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सख्त निर्देश दिये कि डा. योगेन्द्र सिंह सचान की हिरासत में संदिग्ध परिस्थितयों में हुई मृत्यु के प्रकरण को विवेचना हेतु सी.बी.आई. को संदर्भित कर दिया जाय। उन्होंने कहा कि डा. सचान की मृत्यु के प्रकरण की विवेचना राज्य सरकार द्वारा पारदर्शिता के साथ किये जाने के बावजूद भी पिछले कई दिनों से विभिन्न स्तर पर राज्य सरकार की छवि को खराब किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि उनकी सरकार ने अपराधियों के प्रति कभी भी कोई रियायत नहीं दिखायी तथा कानून को अपने हाथ में लेने वाले बड़े से बड़े पदों पर आसीन या पहुँच वाले व्यक्तियों को भी नहीं बख्शा है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनकी तथा उनकी सरकार की हमेशा यह प्रतिबद्धता रही है कि अपराधियों को कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिये तथा जो भी दोषी हो उनके विरूद्ध कानून के मुताबिक सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मामले में उनकी सरकार कभी भी कोई समझौता नहीं करती। यही कारण है कि बहुजन समाज पार्टी के मंत्री, विधायक अथवा सांसद ने भी यदि कोई अपराध किया तो ऐसे लोगों के विरूद्ध भी प्रदेश सरकार द्वारा बेहिचक कानून के मुताबिक कार्यवाही की गयी है।
ऐसी स्थिति में माननीया मुख्यमंत्री जी का यह मानना है कि अपराध एवं अपराधियों के प्रति सरकार के सख्त रूख को देखते हुए डा. सचान के परिवार वालों को राज्य सरकार पर यह भरोसा होना चाहिए था कि यदि डा. सचान की हत्या की गयी है तो उसमें लिप्त सभी दोषियों को जरूर पकड़ा जायेगा। परन्तु चूंकि डा. सचान के परिवार वालों ने राज्य की पुलिस पर भरोसा नहीं किया इसीलिए राज्य सरकार की ओर से मा0 उच्च न्यायालय में विशेष टीम (S.I.T.) द्वारा प्रकरण की विवेचना किये जाने का सुझाव दिया गया था।
परन्तु इसके बावजूद भी चूंकि डा. सचान के परिवार वाले यह चाहते हैं कि इस प्रकरण को विवेचना हेतु सी.बी.आई. को सौंपा जाय। अतः मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को इस आशय के सख्त निर्देश दिये गये कि डा. सचान की मृत्यु के प्रकरण को सी.बी.आई. को तत्काल संदर्भित किया जाय। माननीया मुख्यमंत्री जी ने पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को आड़े-हाथों लेते हुए डा. सचान के परिवार वालों की मंशा के अनुरूप शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा सी.बी.आई. से यह भी आशा की गयी है कि सी.बी.आई. इस सम्पूर्ण प्रकरण में निष्पक्ष रूप से जांच करके सच को जल्दी ही उजागर करेगी और यदि डा. सचान की हत्या की गयी है तो वास्तविक दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करेगी।
मा0 मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा उक्त प्रकरण को सी.बी.आई. को संदर्भित करने का निर्णय इसलिए लिया गया है कि जिससे डा. सचान के परिवार के सदस्य आश्वस्त हों तथा पूरे समाज एवं देश को यह ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश की बी.एस.पी. सरकार आपराधिक मामलों में किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं करती है तथा उनकी सरकार की यह सर्वोच्च प्राथमिकता एवं प्रतिबद्धता है कि किसी भी अपराध के दोषियों को, पीड़ितों की भावना तथा सन्तोष के मुताबिक सजा मिले।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने सी.बी.आई. की क्षमता एवं कुशलता पर विश्वास जताते हुये यह अपेक्षा की है कि इस संवेदनशील प्रकरण में सी.बी.आई. द्वारा पारदर्शिता के साथ जांच की जायेगी एवं कोई राजनीतिकरण नहीं किया जायेगा।
इसके साथ ही माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह भी सन्तोष जताया कि उनके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों पर की गयी सख्ती के तुरन्त बाद ही डा. सचान की मृत्यु का प्रकरण आज ही सी.बी.आई. जांच के लिए भेज दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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