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बी0एस0पी0 सरकार के प्रति कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार का रवैया पूरी तरह असहयोगात्मक और सौतेला

Posted on 07 July 2011 by admin

  • केन्द्र के पक्षपात पूर्ण रवैये का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है
  • पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार को लगभग 21 हजार करोड़ से अधिक का केन्द्रांश समय से नहीं मिला
  • संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्यों को मिलने वाली धनराशि कोई खैरात नहीं
  • प्रदेश सरकार के बार-बार अनुरोध के बावजूद केन्द्र सरकार ने 80 हजार करोड़ रु0 के विशेष आर्थिक सहायता पैकेज के बारे में कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया

बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार के प्रति कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र की यू0पी0ए0 सरकार का रवैया पूरी तरह असहयोगात्मक और सौतेला है। उन्होंने कहा कि केन्द्र के पक्षपात पूर्ण रवैये का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि केन्द्र सरकार के स्तर पर लम्बित राज्य की विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी देने में बाधाएं खड़ी की जा रही हैं। जो योजनायें मंजूर की जा चुकी हैं, उन योजनाओं के लिये केन्द्र सरकार धनराशि आबंटित करने में या तो दिक्कतें पैदा करती है अथवा इसे देर से जारी करती है।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार को विभिन्न योजनाओं में अनुमन्य लगभग 21 हजार करोड़ रु0 के केन्द्रांश की धनराशि समय से मिल जानी चाहिए थी। इस धनराशि को यथा समय अवमुक्त न किये जाने के कारण विकास तथा जनहित के कार्य प्रभावित हुए। इसके बावजूद कांग्रेसी नेता बार-बार उत्तर प्रदेश को अधिक धनराशि दिये जाने का ढिढ़ोरा पीटकर यह जताने की कोशिश करते है कि जैसे केन्द्र सरकार ने प्रदेश के लिए अपने खजाने का मुंह खोल दिया है। सभी जानते हैं कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्यों को मिलने वाली धनराशि कोई खैरात नहीं होती। सच तो यह है कि केन्द्र सरकार के पास जो धनराशि करों के रूप में एकत्र होती है वह, राज्यों से ही आती है। इसलिए इस धनराशि पर राज्यों का संवैधानिक अधिकार है और राज्यों के मध्य इसका वितरण मानकों के आधार पर होता है।

पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि मई 2007 को बी0एस0पी0 की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने के बाद से ही केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को समय से केन्द्रांश उपलब्ध नहीं कराया गया। आंकड़े गवाह हैं कि वित्तीय वर्ष 2007-08 में 4,935 करोड़ रुपये, वर्ष 2008-09 में 3,266 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2009-10 में 7,320 करोड़ रुपये एवं वित्तीय वर्ष 2010-11 में 5,864 करोड़ रुपये का केन्द्र सरकार से प्राप्त होने वाला केन्द्रांश, राज्य सकार को समय पर प्राप्त नहीं हुआ है। इस प्रकार पिछले चार वर्षों में ही, 21,385 करोड़ रूपये के केन्द्रांश की धनराशि तो समय से अवमुक्त ही नहीं की गयी।

बी0एस0पी0 प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोग एक सोची समझी साजिश के तहत यह भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं कि केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को शिथिल कर प्रदेश को अतिरिक्त वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जा रही है, जो कि पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों को अगर वाकई प्रदेश की चिंता है तो उन्हें अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर प्रदेश की योजनाओं के सम्बन्ध में केन्द्र के स्तर पर लम्बित धनराशि को अवमुक्त कराना चाहिए।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2010-11 में राज्य सरकार को 5864 करोड़ रुपये का केन्द्रांश मिलना था। जिसमें विभिन्न मुख्य सेक्टर/योजनाओं जैसे-राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का अवशेष केन्द्रांश 295.51 करोड़ रुपये, पीएमजीएसवाई का अवशेष केन्द्रांश 691.17 करोड़ रुपये, बाढ़ नियंत्रण का अवशेष केन्द्रांश 232.11 करोड़ रुपये तथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत 201.48 करोड़ रुपये का केन्द्रांश राज्य सरकार को उपलब्ध नहीं कराया गया। इसी प्रकार कृषि विभाग से जुड़ी योजनाओं के लिए 224.68 करोड़ रुपये की धनराशि भी उपलब्ध नहीं करायी गयी।

पिछड़ा वर्ग छात्रवृत्ति से जुड़े 283.87 करोड़ रुपये तथा अल्पसंख्यक कल्याण से सम्बन्धित योजनाओं की 317.46 करोड़ रुपये की धनराशि भी नहीं उपलब्ध करायी गयी है। इसके अलावा न्याय विभाग से सम्बन्धित 40.50 करोड़ रुपये, समादेश क्षेत्र विकास से जुड़ी योजनाओं की 117.15 करोड़ रुपये, नगर विकास से सम्बन्धित योजनाओं की 228.57 करोड़ रुपये तथा पंचायती राज से सम्बन्धित येाजनाओं के अवशेष केन्द्रांश के 93.35 करोड़ रुपये भी राज्य सरकार को नहीं दिये गये।

प्रवक्ता ने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार के प्रति केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार का असहयोग पूर्ण रवैया वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी जारी है। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2011-12 में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत लगभग 11,444 करोड़ रूपये केन्द्रांश अवमुक्त किया जाना था जिसके सापेक्ष अब तक 2,044 करोड़ रूपये ही अवमुक्त किये गये हैं और लगभग 9,400 करोड़ रूपये की केन्द्रीय सहायता जारी नहीं की गई है।

प्रवक्ता ने कहा कि पक्षपातपूर्ण रवैये के तहत केन्द्र सरकार ने 65 जिलों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वर्ष 2011-12 में मिलने वाली अपग्रेडेशन की लगभग 4 हजार करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि के प्रस्तावों पर अभी तक स्वीकृति प्रदान नहीं की है, जबकि राजस्थान सहित अन्य राज्यों के प्रस्ताव मंजूर किये जा चुके हैं। इसके अलावा 29 जनपदों के रूरल रोड प्रोजेक्ट के अन्तर्गत लगभग 401 करोड़ रूपये के प्रस्तावों पर भी केन्द्र सरकार ने अभी तक स्वीकृति नहीं दी है।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्रीय बिक्रीकर क्षतिपूर्ति के मद में उत्तर प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय बिक्रीकर क्षतिपूर्ति पैकेज के आधार पर वर्ष 2007-08 से वर्ष 2009-10 के लिए लगभग 2,528 करोड़ रूपये का क्लेम केन्द्र सरकार को प्रस्तुत किया था। महालेखाकार द्वारा सत्यापित इस क्लेम का भारत सरकार ने शत-प्रतिशत भुगतान नहीं किया और केवल 118.87 करोड़ रूपये का तदर्थ भुगतान किया गया।

प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी इलाकों के संतुलित और सम्पूर्ण विकास के लिए राज्य सरकार ने 17 जुलाई, 2007 को 80,000 करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक सहायता पैकेज का प्रस्ताव केन्द्र के समक्ष रखा था, इसमें लगभग 11,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव बुन्देलखण्ड क्ष़्ोत्र के और 36,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पूर्वांचल क्षेत्र के विकास हेतु सम्मिलित किये गये थे। उन्होंने कहा कि यह दोनों इलाके भौगोलिक, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ेपन के शिकार हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र की सरकार योजनाओं के माध्यम से केवल श्रेय ले रही है जबकि उनके कार्यान्वयन में राज्य के भी संसाधन लगते हैं। उदाहरण के तौर पर सर्व शिक्षा अभियान में उपलब्ध होने वाली धनराशि का उपयोग करने के लिये 25 प्रतिशत धनराशि राज्य द्वारा लगायी जाती है। अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति दिये जाने की वचनबद्धता पूर्ण रूपेण केन्द्र सरकार की है, परन्तु आवश्यक संसाधन राज्यों को उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति पर ही राज्य सरकार की लगभग 2500 करोड़ रूपये की देनदारी भारत सरकार पर हो गयी है।

प्रवक्ता ने इस बात पर अफसोस जताते हुए कहा कि राज्य सरकार के अनेकों बार अनुरोध करने के बावजूद केन्द्र सरकार ने विशेष आर्थिक सहायता पैकेज के सम्बन्ध में अभी तक कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा माननीया मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र सरकार से बुन्देलखण्ड क्षेत्र की गम्भीर समस्याओं का उल्लेख करते हुए इस क्षेत्र के लिए विशेष क्षेत्र प्रोत्साहन पैकेज स्वीकृत करने के साथ-साथ केन्द्रीय सेक्टर की परियोजनाओं में प्राथमिकता देने तथा अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया था, जिसे भी स्वीकार नहीं किया गया है।

प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत पूर्व में बने स्कूलों में अवस्थापना सुविधाओं-चारदीवारी, शौचालय, विद्युतीकरण तथा पेयजल व्यवस्था के लिए भारत सरकार से धनराशि मांगी जाने के बावजूद भी पिछले वर्षों में धनराशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है। इसी प्रकार राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत वर्ष 2010-11 में भारत सरकार से 98.52 करोड़ रु0 ही केन्द्रांश के रूप में प्राप्त हुए, इस मद का 201.48 करोड़ रु0 राज्य सरकार को नहीं दिया गया है। प्रदेश के विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों के शिक्षकों आदि के वेतन पुनरीक्षण के क्रम में एरियर भुगतान के मद में भारत सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान लगभग 856 करोड़ रूपये की धनराशि राज्य सरकार को उपलब्ध नहीं करायी है।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि मनरेगा में भारत सरकार से 7700 करोड़ रु0 मांगे गये थे, किन्तु केन्द्र द्वारा मजदूरी बजट के रूप में वित्तीय वर्ष 2009-10 में केन्द्रांश के रूप में 7084 करोड़ रु0 अनुमोदित किये गये, जिसके विरूद्ध मात्र 5318.7 करोड़ रु0 की धनराशि उपलब्ध करायी गयी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश उन चुनिन्दा राज्यों में हैं जहां मनरेगा की धनराशि के त्वरित हस्तान्तरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर रखे आंकड़ों में स्पष्ट है कि इस योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा है।

प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस का हाथ गरीबों के साथ का नारा पूरी तरह छलावा है, क्योंकि चुनाव समाप्त होने के बाद यह नारा कांग्रेस पार्टी को याद नहीं रहता। यह इस बात से और भी स्पष्ट है कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के संबंध में अभी भी वर्ष 2002 की सूची के आधार पर सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। राज्य सरकार के बार-बार अनुरोध के बाद भी इस सूची में न तो संशोधन किया गया है और न ही राज्य सरकारों को संशोधन की अनुमति दी गयी है, जबकि केन्द्र सरकार द्वारा गठित तेंदुलकर एवं सक्सेना समिति ने सभी प्रदेशों में बी0पी0एल0 परिवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी करने की संस्तुति की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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