- बलात्कार के बावजूद वे वहां थाने का निरीक्षण करने और पीड़िता के प्रति हमदर्दी जताने क्यों नहीं गये
- कांग्रेस पार्टी के युवराज की निघासन यात्रा राजनीति से प्रेरित है
- कांग्रेस के युवराज अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों की दुःखी पीड़ित जनता को न्याय दिलाने के लिए वहां की सरकारों को मजबूर करें
बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने कांग्रेस पार्टी के युवराज की निघासन यात्रा को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि श्री गांधी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसी हरकतें करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अनावश्यक रूप से सक्रिय रहने वाले कांग्रेस पार्टी के युवराज को चाहिए कि वे अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों में जाएं और इन प्रदेशों की दुःखी पीड़ित जनता को न्याय दिलाने के लिए कांगे्रसी सरकारों को मजबूर करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों को प्रदेश की चिन्ता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योकि बी0एस0पी0 सरकार की प्रभावी कार्यवाही के चलते यहां पर हर प्रकार के अपराध की दर में उल्लेखनीय गिरावट आयी है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस शासित प्रदेशों में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है। इन राज्यों में महिलाओं को सुरक्षा देने के बजाय कांग्रेस के युवराज सहित तमाम कांगे्रसी नेता गैर-कांग्रेसी राज्यों की सरकारों को बदनाम करने की साजिशें रचते और मीडिया में बयान-बाजी करते रहते हैं। कांग्रेस के युवराज में यदि थोड़ी भी नैतिकता होती और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति अगर वे वाकई संवेदनशील होते तो उन्हें सबसे पहले कांग्रेस शासित दिल्ली राज्य के द्वारिका व कालका जी में बलात्कार का शिकार हुईं दो महिलाओं से मिलकर इन्हें न्याय दिलाने का भरोसा देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहने के बावजूद श्री गांधी का इन पीड़ित महिलाओं से मुलाकात न करना उनकी दोहरी मानसिकता को दर्शाता है।
इसी प्रकार कांग्रेस पार्टी के युवराज को जवाब देना चाहिए कि हरियाणा में कुछ दिन पहले एक दलित लड़की के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा थाने में किये गये बलात्कार के बावजूद वे वहां थाने का निरीक्षण करने और पीड़िता के प्रति अपनी हमदर्दी जताने क्यों नहीं गये ? ऐसा लगता है कि निघासन की तुलना में श्री गांधी के नई दिल्ली स्थित आवास से हरियाणा राज्य की दूरी काफी अधिक है। कांग्रेस के युवराज का यह आचरण साबित करता है कि उनकी नीयत केवल राजनैतिक लाभ प्राप्त करने की है। उन्होंने प्रदेश की जनता को ऐसे नेताओं से सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा कि हरियाणा व दिल्ली राज्य में चूंकि विधान सभा चुनाव दूर है, इसलिए कांग्रेस के युवराज वहां नहीं जा रहे तथा उत्तर प्रदेश में जब तक चुनावी माहौल है यह दिखाई देगें उसके बाद ढू़ढंे नही मिलेगें।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की घटनाओं को सनसनीखेज बनाने के इरादे से कांग्रेस के युवराज झूठ बोलने और अफवाह फैलाने की सभी सीमाओं का उल्लंघन करने में माहिर हो गये हैं। भट्टा परसौल के मामले में भी श्री गांधी ने वहां के कुछ भोले-भाले किसानों को बहला-फुसलाकर उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री जी से करा दी। इसके बाद नैतिकता को दर-किनार करते हुए कांग्रेस के युवराज ने मीडिया में यह बयान दे दिया कि वहां बड़े पैमाने पर लोगों की हत्या और महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने जब भट्टा परसौल पहुंचकर श्री गांधी के आरोपों की मौके पर जंाच की, तो उसमें उनके दावे झूठे साबित हुए।
प्रवक्ता ने कहा कि चापलूसी में माहिर कांग्रेसियों ने इससे कोई सबक नहीं लिया और अपने युवराज को खुश करने के लिए निघासन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के सम्बन्ध में यह बयान दे दिया कि मृतक बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के जांच दल ने निघासन पहुंचकर इस आरोप की सच्चाई के सम्बन्ध में जब बारीकी से छानबीन की, तो यह बात साबित हो गयी कि मृतक बच्ची के साथ बलात्कार नहीं हुआ था। इस प्रकार युवराज को सोचना चाहिए कि मानवाधिकार आयोग द्वारा उनके दावे झुठलाने के बाद क्या निघासन की यात्रा उन्हें करनी चाहिए थी इस प्रकार दोनों मामलों में ही कांग्रेस पार्टी के लोगों द्वारा लगाये गये झूठे आरोप जांच में खारिज हो गये।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि विरोधी दल तथ्यों की जानकारी किये बिना प्रदेश सरकार पर आरोप लगाने लगते है, जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश या देश के किसी भी कोने में महिलाओें के साथ यदि कोई भी अमानवीय घटना घटती है, तो इसे गम्भीरता से लेते हुए विरोधी पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर असली दोषियों को पकड़वाने में सरकार को मदद करनी चाहिये। न कि ऐसी घटनाओं की आड़ में घिनौनी राजनीति करनी चाहिये, जैसा कि उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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