माननीया मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी की पहल पर मोअल्लिम-ए-उर्दू प्रशिक्षण प्राप्त हजारों अभ्यर्थियों की उर्दू शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
सुश्री मायावती जी के संज्ञान में बी0एस0पी0 के अनेक नेताओं द्वारा यह बात लायी गयी कि मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारक अभ्यार्थियों को उर्दू अध्यापकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के आदेश मा0 उच्च न्यायालय ने दिये थे, परन्तु सरकार द्वारा इसके विरूद्ध विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल किये जाने के कारण उन्हें नियुक्ति का अवसर नहीं मिल पा रहा था। माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा इस प्रकरण में उदारतापूर्वक विचार करते हुए राज्य सरकार द्वारा मा0 सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपील को वापस लेने का निर्णय लिया। इसके फलस्वरूप मोअल्लिम-ए-उर्दू धारकों को उर्दू अध्यापकों के पदों पर नियुक्ति प्रदान करने का रास्ता साफ हो गया है।
उल्लेखनीय है कि मोअल्लिम-ए-उर्दू प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1997 तक बी0टी0सी0 प्रशिक्षण की समकक्षता प्रदान की गयी थी और पूर्व में इस प्रकार की सभी समकक्षताओं को समाप्त कर दिया गया था। मोअल्लिम-ए-उर्दू धारकों की निरन्तर यह मांग रही है कि जो अभ्यर्थी वर्ष 1997 के पूर्व इस प्रशिक्षण को प्राप्त कर चुके हैं उनकी नियुक्ति बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में उर्दू अध्यापकों के रूप में की जाय। माननीय उच्च न्यायालय ने भी वर्ष 1997 के पूर्व के मोअल्लिम-ए-उर्दू प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति हेतु अर्ह माना है। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की थी, जो विचाराधीन थी। माननीया मुख्यमंत्री जी ने मोअल्लिम-ए-उर्दू धारकों की मांग सहदयतापूर्वक स्वीकार करते हुए एस0एल0पी0 वापस लेने का निर्णय लिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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