बाढ़ से जिलें में 1/3 भाग तबाह हो गया था। मीडिया के हाईतोबा मचाने पर नेताओें के जमावाड़े पर हरदोई से दिल्ली तक फरियादियों की कोशिश रंग लाई तब जाकर कहीं राहत कि सहायता आई। परवाह हरदोई प्रशासन सबकुछ बंदरवाट होकरकेे धनराशि वितरित कर दी गई। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी पर मालूम हुआ कि जो चेकें लोगों के नाम पर दी गई है उनमें 90 नाम ऐसे है जो मृत्यु को प्राप्त हो चुके है और चेके उनके नाम से काटी गई है अखबारों में खुलासा होने पर पता चला कि जिनके पास जमीन का एक टुकड़ा भी नहीं है या वे मृत्यु को प्राप्त कर चुके है उन्हंे भी बाढ़ पीड़ित फसल की बरबादी का चेंक थमाया गया। सूची के अनुसार सर्वेश राठौर के निर्देश पर सवायजपुर के गांव मिरगावां के धर्मेंद्र सिंह ने एसडीएम और तहसीलदार से संबंधित गांवो के बाढ़ पीड़ित सहायता राशि चेंक का विवरण मांगने पर एक गोरखधंधे का राज उजागर हुआ। लाभार्थियों की सूची में उदयपाल को दो हजार की चंेक दी गई जब कि वह चार साल पहले ही उनकी मृत्यु हो गई थी। क्रम संख्या 58 पर दर्ज है कि भीष्म की मृत्यु 25 वर्ष पूर्व हो गई उनके नाम पर भी सूची 177 पर उन्हंे लाभ दिया गया है। ऐसे ही अनेक सूची में दर्ज नाम है जिनके नाम शासन को अवगत कराए गए है। इन सूचियों के विषय में एडीएम राकेश कुमार मिश्र का कहना है कि तथ्यपरक शिकायत मिलतें ही दोषियों पर कार्रवाई होगी। जनपद की राजनैतिक पार्टियों में इस प्रकरण पर उबाल आ गया है और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए जिले के आला अफसरों से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे है। प्रशासन ने इस संबंध में एक लेखपाल को निलंबित करके जांच शुरू कर दी है। सवाल इस बात का है कि इस खेल में सभी दोषी पकड़े जाएगे। फिलहाल इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन, राज्यपाल को भेज दी गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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